स्थायी रोजगार या नौकरी की समस्या रिपन गुलाटीआज के युग में जीवन को स्थायी व सुदृढ़ ढंग से जीने के लिए धन का होना बड़ा महत्व रखता है। बिना धन के इस युग में जीने की कल्पना तक आप नहीं कर सकते। धन प्राप्त करने के लिए आप के पास स्थायी रोजगार या नौकरी होना अत्यंत महत्वपूर्ण ह... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसायमई 2015Views: 9937
योगों में नक्षत्रों की भूमिका राजेंद्र कुमार जोशीप्रत्येक व्यक्ति किसी शुभ कार्य को शुभ समय इमं प्रारम्भ करना चाहता हैं ताकि वह कार्य सफल, लाभकारी तथा मंगलमय हो। ऐसे अनेक शुभ समय विभिन्न कालांगों तथा वार, तिथि, नक्षत्र आदि के सम्मिश्रण से बनाते हैं।... moreज्योतिषज्योतिषीय योगनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2013Views: 11407
विंशोत्तरी दशा फल फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: ग्रह स्थिति, युति, राशि स्वामित्व, दृष्टियां, योग, गोचर, नक्षत्र, स्वामित्व आदि सभी का समाव ेश करत े ह ुए वि ंशा ेत्तरी दशा फल के नियमों की उदाहरण सहित व्याख्या करें।... moreज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकजून 2015Views: 10616
तारीख से वार की गणना और उसका आधार फ्यूचर पाॅइन्टवार, पंचांग के पाँच अंगों में से एक है और इसकी गणना का एक आधार है। इसी आधार से कुछ सूत्र भी बने हैं और इस सरल से आधार को समझने के बाद आप भी अपने सूत्र बना सकते हैं। आइये, सर्वप्रथम हम वार के आधार को समझें: कैलेंडर के आरंभ की ... moreज्योतिषखगोल-विज्ञानग्रहणपंचांगजनवरी 2015Views: 10257
पद, उपपद और अर्गला के आधार पर फल कथन अर्जुन कुमार गर्गलग्नकुंडली के आधार पर की गई भविष्यवाणी मिथ्या हो जाती है, जिसके निराकरण हेतु महर्षि पराशर ने षड्वर्ग की व्यवस्था की। जब कोई फल लग्नकुंडली के साथ-साथ षड्वर्ग कुंडली से भी प्रकट होता है, तो उसके मिथ्या होने की संभावना कम होती है और ... moreज्योतिषज्योतिषीय योगजैमिनी ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2005Views: 14863
ग्रहों के दुष्प्रभावों का शमन फ्यूचर पाॅइन्टग्रह मानवीय जीवन पर अपना भला या बुरा प्रभाव डालते हैं... ग्रहों का भला-बुरा परिणाम होता है कि नहीं- यह विवाद का विषय नहीं बल्कि अनुभव करने की बात है। लाल किताब का मूल उद्देश्य यह है कि सामान्य से सामान्य आदमी अपनी जन्मकुंडली के ... moreज्योतिषलाल किताबभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2015Views: 13804
ग्रहों का बलवान एवं अच्छी स्थिति में होना सफलता की कुंजी क्यों है? अमित कुमार रामजन्म कुण्डली का सबसे महत्वपूर्ण भाव प्रथम भाव (लग्न) है क्योंकि जन्म के समय जो राशि पूर्वी क्षितिज पर उदित होती है वही राशि प्रथम भाव में स्थापित होती है और उसके पश्चात् अन्य राशियों एवं ग्रहों को उनकी स्थिति के अनुसार इस पर... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2015Views: 11353
क्या प्रियंका साबित होंगी तुरुप का पत्ता ? के. के. निगमश्रीमती प्रियंका गांधी का जन्म 12-1-1972 को दिल्ली में हुआ। अंक ज्योतिष के अनुसार इनका मूलांक 3 है। यह अंक गुरु का अंक है। इस अंक की विशेषता है कि इस मूलांक वाला जातक/जातिका साहसी, कर्मठ, कार्य करने में दक्ष अपने विचार, अपनी भावना... moreज्योतिषवशीकरणरत्नअप्रैल 2014Views: 10584
गृह कलह निवारण के अनुभूत उपाय प्रवीण सोनीरिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है, फिर चाहे वह पति-पत्नी हों, सास-बहू हों, पिता पुत्र हों या फिर भाई-भाई, इनके बीच कभी न कभी आपस में टकराव हो ही जाता है। यदि बात नोकझोंक तक सीमित रहे तो ठीक लेकिन यदि कलह का रूप लेने लगे तो पारि... moreज्योतिषउपायटोटकेजुलाई 2006Views: 5009
लेडी सिंघम बी. चंद्रकला आभा बंसलआधुनिक भारतीय समाज में स्मृति ईरानी, दुर्गा शक्ति नागपाल, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स आदि महिलाओं ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं और देश व समाज के लिए जो सराहनीय कार्य कर रही हैं उसके आधार पर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उन्... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरअप्रैल 2015Views: 10429
कैसे करें रत्नों की पहचान पुरु अग्रवालरत्नों का रहस्यमय संसार आदिकाल से ही मानव के आकर्षण का विषय रहा है। विश्व के सभी देशों में रत्न अपने विशिष्ट सुंदर रंगों, आंतरिक प्रभाव, तथा दुर्लभता के कारण प्राचीनकाल से ही अनमोल समझे जाते हैं। इनका वर्णन वेदों एवं पुराणों... moreज्योतिषटैरोरत्नजनवरी 2006Views: 10951
कारको भाव नाशाय सीताराम सिंहजन्मकुंडली के बारह भाव मानव जीवन के विभिन्न अवयवों को दर्शाते हैं। किसी भाव के फल का विचार करते समय सर्वप्रथम उस भाव और भावेश के बल का आकलन किया जाता है। जिस भाव में उसके स्वामी या शुभ ग्रह की स्थिति हो, या उनकी दृष्टि पड़ती हो, तब... moreज्योतिषकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2012Views: 17372