टोटके फ्यूचर पाॅइन्ट- सूर्य के अशुभ फल को दूर करने के लिए: शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को धूप-दीप-नैवेद्य चढ़ा कर हाथ में मौली (कलावा) छः बार लपेट कर बंधवाएं। फिर सूर्य को प्रणाम कर जल में रोली और गुलाब जल की कुछ बूंदें डाल कर तांबे के लोटे से ज... moreउपायटोटकेआगस्त 2006Views: 4122
मंगल दोष एवं उपाय डॉ. अरुण बंसलमगल यदि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव में हो, तो कुंडली मंगलीक होती है। मांगलिक दोष होने पर प्रायः जातक को निम्नांकित समस्याओं का सामना करना पड़ता है:- - विवाह के समय विघ्न आते हैं।... moreज्योतिषउपायजुलाई 2015Views: 10373
रुद्राक्ष जिज्ञासा और समाधान डॉ. अरुण बंसलरूद्राक्ष कैसे धारण करे? कितने मुखी रूद्राक्ष पहनें? क्या सावधानियां बरतें? भगवान शिव को ही रूद्र कहा जाता है प्रस्तुत लेख में पाठकों की रूद्राक्ष से संबंधित समस्त जिज्ञासाओं और उनका समाधान करने की कोशिश की गई है।... moreउपायरूद्राक्षमई 2010Views: 18655
रुद्राक्ष: पहचान एवं उपयोग डॉ. अरुण बंसलरुद्राक्ष आम के पेड़ जैसे एक पेड़ का फल है। ये पेड़ दक्षिण एशिया में मुख्यतः जावा, मलयेशिया, ताइवान, भारत एवं नेपाल में पाए जाते हैं। भारत में ये मुख्यतः असम, अरुणांचल प्रदेश एवं देहरादून में पाए जाते हंै। रुद्राक्ष के फल से छिल... moreउपायरूद्राक्षमई 2006Views: 4097
विभिन्न लग्नों के लिए रत्न / रूद्राक्ष चयन डॉ. अरुण बंसलप्रत्येक लग्न के लिए एक ग्रह ऐसा होता है जो योगकारक होने के कारण शुभ फलदाई होता है। यदि ऐसा ग्रह कुण्डली में बलवान अर्थात् उच्चराषिस्थ, स्वराषि का या वर्गोत्तमी होकर केन्द्र या त्रिकोण भाव में शुभ ग्रह के प्रभाव में स्थित हो व इस ... moreज्योतिषउपायरत्नरूद्राक्षराशिमई 2014Views: 21168
रत्न क्यों, कब, कैसे और कौनसा पहनें आभा बंसलरत्नों की उत्पति समुद्र मंथन से जुडी हुई है. रत्नों की महता ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के उपचार के लिए विशेष रूप मने कहीं गयी है. रत्न कैसे काम करते है. क्या कोई उपरत्न या शीशे का रंगीन टुकड़ा रत्न का काम नहीं कर सकता... moreज्योतिषउपायरत्नरूद्राक्षसितम्बर 2004Views: 3400
गणपति - साधना द्वारा ग्रह शांति भगवान सहाय श्रीवास्तवगणपति को तैतीस करोड़ देवी देवताओं में प्रथम स्थान प्राप्त है। गणेश पूजन किए बिना कोई शुभ व मांगलिक कार्य आरंभ नहीं होते। अतः यहां गणेश साधना के अनेक प्रयोग बताए जा रहे हैं जो जीवनोपयोगी है।... moreज्योतिषदेवी और देवउपायभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2010Views: 27256
हिमालय की संतानोत्पादक जड़ी बूटियां सीताराम त्रिपाठीप्राचीन भारतीय ऋषि-महर्षियों को जड़ी-बूटियों का पूर्ण ज्ञान था। यह दुर्लभ विद्या समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरी के साथ पैदा हुई। ये वनस्पतियां रोग मुक्ति तो करती हैं ही, इनका विधि-विधान से प्रयोग करें तो तांत्रिक लाभ भी चमत्कारी ... moreज्योतिषउपायबाल-बच्चेभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2014Views: 26725
लाल किताब वर्षफल डॉ. अरुण बंसललाल किताब वर्षफल बनाने का ढंग वैदिक ज्योतिष से बिल्कुल अलग है। वैदिक ज्योतिष में वर्षफल में सूर्य जन्मकालीन स्थिति पर ही आ जाता है। वर्ष में सूर्य के अंश, कला, विकला वही होते हैं जो जन्म के होते हैं।... moreज्योतिषउपायलाल किताबभविष्यवाणी तकनीकराशिसितम्बर 2015Views: 41936
विषयोग का प्रभाव फ्यूचर पाॅइन्टजातक की जन्मपत्रिका में कई प्रकार के अनिष्ट योग देखने को मिलते हैं। जैसे कि कालसर्प योग, अंगारक योग, चांडालयोग, ग्रहणयोग, श्रयितयोग, विषयोग इत्यादि। यहां प्रसंग वश विषयोग का विश्लेषण प्रस्तुत है।... moreज्योतिषउपायज्योतिषीय योगनवेम्बर 2006Views: 4426
कुछ उपयोगी टोटके संत बाबा फतह सिंहछोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।... moreउपायटोटकेजून 2016Views: 4181
ज्योतिषीय सामग्री एवं उपाय ईश्वर लाल खत्रीप्रश्न: ज्योतिष में भिन्न-भिन्न समस्याओं के लिये रत्न, रुद्राक्ष, तंत्र, मंत्र, यंत्र, लाॅकेट एवं अन्य दुर्लभ सामग्री द्वारा निराकरण हेतु सटीक उपाय बताएं। उत्तर: भारतीय ज्योतिष पद्धति के अनुसार सात मुख्य ग्रह हैं जो कि निरंतर ... moreज्योतिषउपायज्योतिषीय विश्लेषणमंत्रभविष्यवाणी तकनीकयंत्रअप्रैल 2015Views: 13711