कैसा रहेगा गुरु का वृष राशि में प्रवेश
कैसा रहेगा गुरु का वृष राशि में प्रवेश

कैसा रहेगा गुरु का वृष राशि में प्रवेश  

व्यूस : 12265 | मई 2012
कैसा रहेगा गुरु का वृष राशि में प्रवेश गुरु के राशि परिवर्तन को सभी उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं। इसका कारण यह है कि गुरु नवग्रहों में ऐसा ग्रह है जो धर्म-अध्यात्म, बुद्धि-विवेक, ज्ञान, विवाह, पति, संतान, पुत्र सुख, बड़े भाई का कारक माना जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुरु हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर में वसा, पाचन क्रिया, कान, हृदय सहित लीवर को प्रभावित करता है। गुरु, ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष, गुरुवार 17 मई 2012 को प्रातः 09ः34 बजे रेवती नक्षत्र में शुक्र राशि वृष में प्रवेश करेंगे। गुरु इस दिन से 31 मई 2013 प्रातः 06ः49 बजे तक अपने शत्रु शुक्र की राशि में ही विराजमान रहेंगे। अगर आप अविवाहित हैं और शादी करना चाहते या फिर आप संतान के इच्छुक हैं तो इस दौरान आप भी गुरु को आशा भरी नजरों से देख सकते हैं। अगर आप नौकरी व्यवसाय में उन्नति की आशा रखते हैं अथवा किसी ऋण से मुक्ति की कोशिश कर रहे हैं तब भी गुरु के राशि परिवर्तन को उम्मीद भरी नजरों से देख सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन सभी विषयों में शुभ और अपेक्षित परिणाम आपको अपनी राशि के अनुरूप् ही प्राप्त होगा। ं मेष राशि आपकी जन्म राशि से दूसरे घर में गुरु का गोचर होना आपके लिए सुखद होगा। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से धन का लाभ होगा। यह आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ायेगा तथा आप व्यवहार में भी बदलाव महसूस करेंगे। आप अगर विवाह के योग्य हैं तो आपकी शादी हो सकती है, संतान के इच्छुक हैं तो आपकी इच्छा पूरी होगी। छात्रों को शिक्षा में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। वृषभ राशि गुरु का गोचर प्रथम भाव में होने के कारण आपको उन बातों से बचना चाहिए जिससे सम्मान की हानि हो सकती है। गुरु का यह गोचर कार्य क्षेत्र में अनचाहे स्थान पर स्थानांतरण करवा सकता है। कार्यों में संतुष्टि की कमी रह सकती है। आपके कार्य विलंब से पूरे होंगे तथा आपके कार्य को कम सराहा जा सकता है। इसके अलावा मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलने से मन असंतुष्ट रह सकता है। मिथुन राशि बारहवें घर में गुरु का गोचर अशुभ कहलाता है। गुरु के इस गोचर के प्रभाव के कारण आपके घर में कई मांगलिक कार्य होंगे जिससे आपके व्यय बढ़ेंगे। इससे आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं मित्रों द्वारा लगाये गये आरोप से मन दुःखी रह सकता है। परिवार में जीवनसाथी एवं संतान से मतभेद हो सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी समय कष्टकारी रह सकता है जिससे कोई पुराना रोग उभर सकता है। कर्क राशि कर्क राशि में आपका जन्म हुआ है तो गुरु का यह गोचर आपके लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा। इसका कारण यह है कि गुरु का गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में हो रहा है। इस गोचरीय स्थिति के कारण आपको धन का लाभ मिलेगा जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सुख-सुविधाओं एवं मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी। मित्रों से भी लाभ की अच्छी संभावना रहेगी। अगर इन दिनों आपकी शादी की बात चल रही है तो आपका विवाह हो सकता है। अगर आप विवाहित हैं और संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं तो आपकी मुराद पूरी हो सकती है। सिंह राशि गुरु की इस गोचरीय अवधि में आपको धैर्य एवं समझदारी से चलने का प्रयास करना होगा क्योंकि आपके लिए यह समय संघर्षमय रह सकता है। आपके लिए उचित होगा कि अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और सभी को आदर दें। इससे आपका मान-सम्मान बना रहेगा। आर्थिक परेशानियां भी इन दिनों सिर उठा सकती हैं अतः नये निवेश सोच समझ कर करें। नई योजना पर कार्य शुरू करने की सोच रहे हैं तो अभी उसे टाल देना उचित रहेगा क्योंकि, इस विषय में भी इस समय गुरु का आपकी जन्म राशि से दसवें घर में होना शुभ प्रतीत नहीं होता है। कन्या राशि आपके लिए गुरु का वृष राशि में गोचर करना शुभ फलदायी रहेगा। गुरु की इस गोचरीय स्थिति के कारण भाग्य में वृद्धि होगी। धर्म एवं आध्यात्मिक दृष्टि से समय उत्तम रहेगा जिससे घर में धार्मिक कार्य संपन्न होंगे। भाई एवं संतान पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा। आप अपने प्रयासों से मन की कुछ इच्छाओं को पूर्ण कर सकते हैं। बीते दिनों जिन समस्याओं से आप परेशान थे उनमें कमी महसूस कर सकते हैं। तुला राशि आपको अपनी वाणी के साथ ही साथ क्रोध पर भी नियंत्रण रखना होगा, अन्यथा घर-परिवार में जहां मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं कार्यक्षेत्र में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मान-सम्मान की हानि की संभावना होने के कारण भी आपके लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। गुरु का गोचर आपकी जन्म राशि से आठवें घर में होने से यह आपके स्वास्थ्य के लिए कष्टकारी रह सकता है। ऐसे में,आपके लिए उचित होगा कि अपनी सेहत का ध्यान रखें तथा अनावश्यक भाग-दौड़ से बचें। वृश्चिक राशि गुरु का गोचर आपकी जन्म राशि से सातवें घर में हो रहा है। यह आपके लिए बहुत अच्छी स्थिति है। इस गोचर के कारण आजीविका के क्षेत्र में सभी प्रकार की परेशानियां धीरे-धीरे कम होती जाएंगी और कामयाबी का रास्ता खुलेगा, आर्थिक परेशानियां भी दूर होंगी और आपने किसी से लोन लिया है तो उसे चुका देंगे। पारिवारिक समस्याएं भी बातचीत व समझदारी से सुलझ सकती हैं, अतः प्रयास कीजिए। विवाह के इच्छुक हैं और घर में विवाह संबंधी बातचीत चल रही है तो इस अवधि में आपकी शादी होने की संभावना भी प्रबल है। सगे-संबंधियों से सहयोग प्राप्त करना आसान होगा। धनु राशि इस अवधि में आपके लिए धैर्य एवं परिश्रम से कार्य करना उचित होगा क्योंकि गुरु का गोचर आपकी राशि से छठे घर में हो रहा है। इस गोचर के प्रभाव के कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेष तौर पर पेट व त्वचा संबंधी रोग आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। आप अगर किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं तो काफी मेहनत करनी होगी अन्यथा सफलता मिलना कठिन होगा। दांपत्य जीवन में भी समस्याएं उत्पन्न होंगी। मकर राशि आपके लिए गुरु का गोचर जन्म राशि से पांचवें घर में होना शुभ फलदायी रहेगा। गुरु के इस गोचरीय प्रभाव के कारण आपको भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा। कई प्रकार की उलझनों को सुलझानें में सफल होंगे। नौकरी एवं व्यवसाय में लाभ की अच्छी संभावना रहेगी। कई नये कार्य भी इस अवधि में पूरे होंगे। आप चाहें तो इस समय निवेश भी कर सकते हैं। विवाह एवं संतान प्राप्ति के लिए भी गुरु का वृषभ राशि में गोचर शुभ रहेगा। कुंभ राशि वृषभ राशि में गुरु का गोचर होने से आपको कई प्रकार की परेशानियांे से राहत मिलेगी परंतु मानसिक चिंताएं बढ़ेगी। इस दौरान आप स्थान परिवर्तन कर सकते हैं अथवा नौकरी एवं व्यवसाय में बदलाव कर सकते हैं। कार्य-क्षेत्र में सहकर्मियों से विवाद हो सकता है। इसी प्रकार भाई-बंधुओं से भी मतभेद की स्थिति रह सकती है। आपकी मां को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अतः चिकित्सक से परामर्श करना श्रेयस्कर होगा। आपके लिए सलाह है कि धैर्य व परिश्रम से अपने कार्य पर ध्यान दें। मीन राशि गुरु का गोचर इस समय आपकी जन्म राशि से तीसरे घर में होगा जिससे भाई-बहनों से मतभेद हो सकता है। सगे-संबंधियों से भी किसी बात को लेकर मतांतर रह सकता है। इन दिनों आप शारीरिक थकान महसूस कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति में अनुकूलता बनाये रखने के लिए तथा सम्मान-प्राप्ति हेतु आपको अपने कार्य-व्यवसाय पर मनोयोग से ध्यान देना होगा। आपके लिए सलाह है कि गुरु के इस गोचर की अवधि में लंबी यात्राओं से बचें। अशुभ प्रभाव से बचाव इस अवधि में गुरु का शनि से षडाष्टक संबंध बन रहा है जो अशुभ फलदायक माना जा रहा है। इस स्थिति में गुरु के अशुभ प्रभाव से बचाव हेतु भगवान विष्णु की पूजा करें । गुरु का व्रत एवं गुरु के मंत्र ‘ऊ्ँ बृहस्पतये नमः’ का जप करें। मंदिर में पीले फूल, केले, बेसन के लड्डू आदि अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। श्री सूक्त व लक्ष्मी सूक्त का पाठ धन-लाभ के लिए विशेष लाभकारी रहेगा।



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