दिमाग के 42 खाने पं. उमेश शर्मा लाल-किताब का यह एक अनोखा सूत्र है। इसके उपयोग से व्यक्ति विशेष की विशेषताओं के बारे में सरलता से जान सकते हैं। ग्रह अकेले अकेले या इकट्ठे हो कर जो हाल इंसान की दिमागी हालत का कर सकते हैं वैसी ही हालत भाग्य की वह कुण्डली में करेगें या जो हालत ग्रहों के हिसाब से उसके भाग्य की होगी वही हालत उसके दिमाग की होगी। लग्न को खाना नं 1 दे चुकने के बाद जब कुण्डली लाल-किताब के फलादेश के लिए तैयार हो जाए तो घर में स्थित ग्रह कौन से दिमागी खाना से संबंधित है तथा उसकी क्या क्या विशेषताऐं हैं तालिकाओं की सहायता से आप सरलता पूर्वक जान सकते हैं। कुंडली में वह घर जिसमें कोई भी ग्रह नहीं है वह कौन से दिमागी खाने से प्रभावित होगा यह तालिका 1 द्वारा जाना जा सकता है। तालिका नं. 1 कुंडली भाव दिमागी खाना असर 1 20 लाल किताब के अनुसार कुण्डली बना कर देखें कि कौन ग्रह कहाॅं पर (किस खाना नं. में) बैठा है। फिर कुण्डली के उन खानों से दिमाग का कौन सा खाना नं. संबंधित है देख लें और उसके अनुसार कुण्डली वाले में कौन कौन सी शक्तियां कायम होंगी। 2 2 3 17 4 21 5 15 6 16 7 1 शुक्र 7 18 बुध 8 8 9 19 10 13 11 35 12 14 तालिका नं. 02 मनुष्य के दिमाग की लहरों या खानों का विस्तृत विवरण दिमागी खाना नंकुंडली खाना नंकिस ग्रह से संबंधित होगा शक्ति असर 1 1 शुक्र इश्कबाजी वह प्यार जो स्त्री से संबंधित हो, ऐसी शक्ति मर्द या औरत में 16 से 36 साल की आयु तक तरक्की और जोर पर होती है। 1 1 शनि इश्कबाजी जुबान से ही इश्क की पुलबाजी, चारों और से खुदगर्जी (मंदा शनि), वर्ना हमदर्दी (शनि उत्तम) 2 2 पेशानी का द्वार बृहस्पति शादी की इच्छा एक के बाद शादी के विचार इश्क के बाद का गल्वा, इश्क, जो 37 से 70/72 साल की आयु तक लहरें मारता होगा 3 3 शुक्र प्यार संतान के प्रति प्रेम 3 3 मंगल उल्फात इश्क से पहली मुहब्बत का नाम उल्फ़त है,जो आयु की 1-15 साल तक होगी अर्थात बचपन का प्रेम 4 4 चंद्र दौस्ती या मुलाकात उल्फत, इश्क और गल्वा तीनों मुलाकात शक्तियों का एक ही जोड़ । 4 4 मंगल बद तबाही की आदत मुहब्बत के तीनों हिस्सों को तबाह करने वाला गृहस्थ खराब, हर तरफ की तबाही की ख़सलत 5 5 बृहस्पति देश-प्रेम प्रेम जिसका संबंध घर या देश से हो 6 6 केतु दिलचस्पी या पक्का प्यार किसी चीज से प्यार, हर काम के लिए तैयार और लगा रहने वाला, काम पूरा किए बिना न छोड़े 6 6 शुक्र दिलचस्पी या पक्का प्यार नर संतान का जन्म, नाम मात्र या कमजोर शक्ति 7 7 बुध तमन्ना जिन्दगी की बढ़ने की चाह 7 7 शुक्र तमन्ना जिन्दगी में बढ़ने की चाह, आयु में नहीं 8 8 मंगल नेक मजबूती कामयाबी हो न हो, अपना काम नहीं छोड़ना, चाहे लाख मुसीबत हो 8 8 सूर्य मजबूती हर मुसीबत से टकराने वाला 9 9 शनि की जाति बदला लेने की ताकत स्वयं बदला लेना, नहीं तो संतान को बदला लेने की शिक्षा देकर मरे 10 3 बुध स्वाद पक्का हाजमा, मजबुत शरीर 11 11 शनि का अपना जमा करने की शक्ति, इमारत बनाने की इच्छा पहला हिस्सा जमा करते जाना चाहे काम आए या गल-सड़ कर बबार्द हा े जाए। दसू रा भाग बुि द्ध का जवानी म ंे शहद की मक्खी की तरह जोड़ना ताकि बुढ़ापे में काम दे, तीसरा भाग नालायकी का यानि दूसरे का माल चोरी से उड़ाकर उसी समय खा ज़ाना 12 12 राहु छुपाने की शक्ति विचारों का उस समय तक छुपाये रखना जब तक कि अपनी शक्ति फैसला करने की ठीक तरह से उसे मंजूर न करें। फरेब छुपाना हर काम चालाकी से हर हालत में अपना भेद छुपाना 13 10 शनि का अपना होशियारी केवल उम्मीद पर बैठा रहने की जगह लम्बी सोच, आने वाले समय से पहले ही काम कर लेना 14 08 मंगल बद तकब्बर या खुद पंसदी किसी को भी अपने से अच्छा समझना 15 05 बृहस्पति खुद्धारी खुद अपने मान और हस्द से बरी और अपने मान के लिए किसी दूसरे का अपमान न करना 16 06 केतु इस्तकबाल दुःख और दिनो के फेर में अच्छा स्वभाव, काम में लगे रहना, चाहे अच्छा हो या बुरा 17 03 मंगल न्यायप्रियता बुद्धिमान, दूसरों की अच्छाई चाहना, एक को दूसरे पर ज्यादती करते नहीं देख सकता। 18 06 बुध भरोसा या उम्मीद किसी आने वाले समय की आशा-उम्मीद करना, फोकी आशा तबाही का कारण, श्री गणेश जी की गरुड़ सवारी भरोसा, सिर्फ फोकी उम्मीद नहीं। उम्मीद श्री गण्ेाश जी की चूहे की सवारी 18 06 केतु 18 06 केतु 19 10 बृहस्पति का अपना धार्मिक या अंदरुनी इच्छा संसार में अंतफहमी, चाल-चलन पक्का रखने का फैसला, कमजा़ रे खा़ ना स े नास्तिक होगा।