योगासनों में सिरमौर है शीर्षासन फ्यूचर समाचारयह विचार एकदम गलत है की सर नीचे टीकाकार उलटा खड़े होने वाले आसान को ही शीर्षासन कहते है। योगासनों में सबसे महत्वपूर्ण आसन होने के कारण ही इसका नाम शीर्षासन रखा गया है। शीर्ष शब्द का अर्थ होता है। श्रेष्ठ और उंचा यानी उच्च श्रेणी का... moreस्वास्थ्यउपायअकतूबर 2007Views: 16311
योगासन संवारे तन-बदन फ्यूचर समाचारवर्तमान परिवेश में अपने शरीर को सही शेप में रखने व चेहरे कि खूबसूरती बढाने कि दिलचस्पी कुछ जयादा ही बढ़ जाती है। जहां चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए तरह-तरह के प्रसाधन बाजार में उपलब्ध हैं, वहीँ शरीर को सही शेप प्रदान करने के लिए भी... moreस्वास्थ्यनवेम्बर 2007Views: 7038
मोटापे से निजात के लिए लाभकारी योगासन फ्यूचर समाचारकहा जाता है – पहला सुख निरोगी काया और दूसरा सुख जेब में माया। यानी की सब काम बाद में, पहले शरीर को स्वसत्य बनाए रखने पर ध्यान दें। दिनचर्या में जो भी करें, वह स्वास्थ्य को बढाने वाला हो। स्वास्थ्य को नजर अंदाज करके कोई काम न करें... moreस्वास्थ्यउपायदिसम्बर 2007Views: 7732
ज्योतिष से ह्रदय रोग का ज्ञान फ्यूचर समाचारज्योतिष द्वारा जातक के शरीर में होने वाले किसी भी रोग की भविष्यवाणी समय रहते की जा सकती है। जहां कुंडली के प्रथम, तृतीय तथा अष्टम भाव व्यक्ति के जीवन तत्व को प्रदर्शित करते हैं वहीँ छठा भाव रोग रोग, बारहवां अस्पताल को तथा सातवां... moreज्योतिषस्वास्थ्यउपायमार्च 2006Views: 6051
सेहत के रखवाले हरी दूब और गेंहूं के जवारे वेद प्रकाश गर्गदूब घास प्रकृति में एक ऐसी वनस्पति है जो संसार के किसी भी कोने में किसी भी जलवायु में उपलब्ध है। यूं तो इस घास को सदा से ही पूजनीय माना जाता रहा है अधिक गौर करने वाली बात यह है की इसका उपयोग मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक ह... moreस्वास्थ्यविविधमार्च 2006Views: 24293
रुद्राक्ष : पहचान एवं उपयोग डॉ. अरुण बंसलरुद्राक्ष आम के पेड जैसे एक पेड का फल है। ये पेड दक्षिण एशिया में मुख्यत: जावा, मलेशिया, ताइवान, भारत एवं नेपाल में पाए जाते है। भारत में ये मुख्यत: असम, अरुणाचल प्रदेश एवं देहरादून में पाए जाते है। रुद्राक्ष के फल से छिलका उतारका... moreस्वास्थ्यउपायरूद्राक्षमई 2006Views: 9705
जन्मकुंडली में रोगों के संकेत एवं उनके उपाय फ्यूचर समाचारमनुष्य की जन्मकुंडली उसके जीवन का आईना होती है। जीवन में क्या होने वाला है। यह समय के पहले बड़ी आसानी से जाना जा सकता है। कुंडली में बारह भाव होते है। हर भाव का अपना-अपना कार्यक्षेत्र होता है। कुंडली का प्रथम भाव लग्न जातक के स्वास... moreस्वास्थ्यउपायजून 2006Views: 7178
नक्षत्र और रोग फ्यूचर समाचारज्योतिष शास्त्र में मृत्युदायी रोग का विचार दूसरे और सप्तम भाव से किया जाता है क्योकिं ये मारकेश भाव होते है। इन भावों के सहायक रोग देने वाले भाव तृतीय, षष्ट, अष्टम एवं द्वादश होते हैं। जिस समय मारकेश की महादशा होती हैं। यदि उस सम... moreस्वास्थ्यजून 2006Views: 14862
कैंसर से प्रभावित लोगों की कुण्डलियां फ्यूचर समाचारकैंसर जैसे भयानक रोग के योग भी जन्मकुंडली में मिल जाते है। ग्रहों की स्थितयों से यह पता चल जाता है की इस रोग की संभावना कब बनती है। जो ग्रह सबसे ज्यादा पापी ग्रहों से पीड़ित हो उसकी दशांतर्दशा में रोग होने की संभावना रहती है।... moreस्वास्थ्यउपायजून 2006Views: 6107
लग्न अनुकूल स्वास्थ्यवर्धक भोजन फ्यूचर समाचारअंग्रेजी की एक प्रसिद्द कहावत है जिसके अनुसार एक मनुष्य का भोजन दूसरे के लिए जहर होता है। इस का निरूपण ज्योतिष शास्त्र भली प्रकार करता है। बारह राशियों की प्रकृति और क्षमता भिन्न है, अत: हर व्यक्ति को निरोग रहने के लिए अपने जन्म ल... moreस्वास्थ्यजून 2006Views: 7611
सूर्य की किरणों से उपचार फ्यूचर समाचारज्योतिष में सूर्य महत्वपूर्ण ग्रह है। सूर्य राजा और आत्मकारक गृह है और अग्नि का प्रतिक माना जाता है। शरीर से आत्मा निकलने के बाद मृत्यु हो जाती है। सूर्य किरणों द्वारा रोगों का इलाज प्राचीन समय से होता आ रहा है। आयुर्वेदिक दृष्टि ... moreस्वास्थ्यउपायजून 2006Views: 14525
जन्मकुंडली में चिकित्सक बनने के योग फ्यूचर समाचारज्योतिष विद्या के माध्यम से मनुष्य की आजीविका के निर्धारण के अनेक सूत्र, ग्रन्थ मौजूद है। जन्मकुंडली के आधार पर चिकित्सा क्षेत्र से जुडने के योगों का सोदाहरण विश्लेषण प्रस्तुत है। निम्न योग होने पर चिकित्सा क्षेत्र से जुडने की संभ... moreस्वास्थ्यजून 2006Views: 6397