रक्षा बंधन (20/21 अगस्त)
रक्षा बंधन (20/21 अगस्त)

रक्षा बंधन (20/21 अगस्त)  

व्यूस : 6291 | आगस्त 2013
रक्षा-बंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा में करने का शास्त्र विधान है- ‘‘भद्रायां द्वे न कत्र्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा -----।’’ यदि पहले दिन अपराह्न काल भद्रा व्याप्त हो तथा दूसरे दिन उदयकालिक पूर्णिमा तिथि तीन मुहूत्र्त या तीन मुहूर्त से अधिक हो, तो उसी उदयकालिक पूर्णिमा (दूसरे दिन) के अपराह्न काल में रक्षाबंधन करना चाहिए। चाहे वह अपराह्न से पूर्व ही क्यों न समाप्त हो जाए। परंतु यदि आगामी दिन पूर्णिमा तीन मुहूर्त से कम हो, तो पहले दिन भद्रा रहित प्रदोष काल में करने का विधान कहा गया है। ‘‘ अथ रक्षाबन्धनमस्यामेव पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहूत्र्ताधिकोदय व्यापिनी अपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम्।।’’ -धर्मसिन्धु इस वर्ष सन् 2013 ई. में श्रावण पूर्णिमा दो दिन व्याप्त है। पूर्णिमा 20 अगस्त, मंगलवार को प्रातः 10/22 (घं. मि.) से आगामी दिन 21 अगस्त, बुधवार को प्रातः 7/15 घंमिनट तक रहेगी। 20 अगस्त को भद्रा (मकर राशिगत) भी प्रातः 10 घंटा 22 मिनट से रात्रि 22 घंटा 49 मिनट तक रहेगी। अतएव, शास्त्र-वचनानुसार तो 20 अगस्त, मंगलवार को भद्रा रहित प्रदोषकाल में अर्थात् रात्रि ( 20 घंटा 49 मिनट के बाद) रक्षा बंधन पर्व मनाया जा सकेगा। परंतु पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर आदि प्रदेशों में प्राचीनकाल से उदय-व्यापिनी पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल को ही रक्षा-बंधन पर्व मनाने का प्रचलन है। अधिकांशतः भाई-बहन, स्नान, पूजा-पाठादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर निराहार रहकर शुद्धमुख सहित मंत्रपूर्वक रक्षाबंधन करते हैं। कुछ धर्मपरायण बहनें भगवान् श्रीनारायण अथवा श्रीकृष्ण की मूर्ति को रक्षासूत्र (रखड़ी) बांधकर, तिलक एवं भोगादि लगाकर बाद में निज भ्राताओं को मंगल टीका एवं रक्षा-बंधन करती हैं। हिमाचल, हरियाणा, पंजाबादि प्रदेशों में लोग अधिकांशतः 21 अगस्त, बुधवार को भद्रारहित काल में उदय कालिक पूर्णिमा में रक्षा-बंधन पर्व मनाएंगे। 20 अगस्त मंगलवार को लोग भद्रा समाप्ति (20 घंटा 45 मिनट) के बाद रक्षा-बंधन कर सकते हैं। परंतु अति आवश्यक परिस्थितिवश परिहारस्वरूप शास्त्रनियम अनुसार भद्रा मुख (16 घंटा 28 मिनट से 18 घंटा 12 मिनट तक) काल त्याग कर अपराह्न में भद्रा पुच्छ काल (15 घंटा 25 मिनट से 16 घंटा 28 मिनट तक) में भी रक्षाबंधन करना शुभ एवं ग्राह्य होगा। कार्येत्वावश्यके विष्टेः मुखमात्रं परित्यजेत्।। (मुहूर्तप्रकाश) 21 अगस्त बुधवार को पूर्णिमा यद्यपि प्रातः 7 घंटा 15 मिनट तक ही व्याप्त होगी, तथापि प्रादेशिक परंपरानुसार एवं आवश्यक परिस्थितिवश मध्याह्न तक भद्रारहित काल में रक्षाबंधन का पावन कृत्य संपादित किया जा सकता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.