बुध: जन्म कुंडली के विभिन्न भावों में प्रभाव
बुध: जन्म कुंडली के विभिन्न भावों में प्रभाव

बुध: जन्म कुंडली के विभिन्न भावों में प्रभाव  

व्यूस : 40625 | आगस्त 2013
प्रथम भाव प्रथम भाव में बुध होने पर जातक दूसरों का प्रिय, ज्ञानवान, चिंतक, त्यागी, लेखक अथवा प्रकाषक, गणितज्ञ, कवि, चिकित्सक, ज्ञान पिपासु तथा अपने धर्म पर मनन करने वाला होता है वह गंभीर व्यक्तित्व वाला, चरित्रवान, मधुरभाषी तथा संयमी होता है। उसमें किसी एक विषय में पारंगत होने तथा दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता होती है। वह वाक्पटु और दूसरों को सहज ही मोहने वाला होता है। आयु के 10 वर्ष से ही प्रभावपूर्ण दिखने लगता है। द्वितीय भाव द्वितीय भाव का बुध जातक को सुवक्ता, धनी, सलाहकार, बिचैलिया, लेखक व प्रकाषन से आय करने वाला बनाता है। वह अपने प्रयास से अत्यधिक धन कमाने वाला, यात्रा प्रेमी, पाप से दूर रहने वाला, पवित्र तथा ज्ञान पिपासु होता है। वह जीवन में अच्छी वस्तुओं का शौकीन, परिवार का प्रिय तथा अपने कौषल विषेष रूप से वाणी द्वारा धन कमाने वाला होता है। आयु के 26वें वर्ष में धन की हानि तथा 36वें वर्ष में आकस्मिक धन लाभ। तृतीय भाव तृतीय भाव का बुध जातक को साहसी, सुविधा में रूचि, समाज का सहायक, व्यवसाय से धन कमाने वाला तथा शीघ्र मैत्री करने वाला बनाता है। रिष्तेदारों से लाभ लेने वाला, ज्योतिष, अध्यात्म आदि रहस्यमय विषयों में गहरी रुचि रखने वाला, खुषियां चाहने वाला परन्तु स्वार्थी नहीं। संयमी, दयालु, सभ्य, निरंतर यात्रा करने वाला तथा अच्छी वस्तुओं का संग्रह करने वाला होता है। आयु के 12वें वर्ष में भाग्य लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। चतुर्थ भाव चतुर्थ भाव का बुध जातक को पैदाइषी परिवर्तनषील बनाता है। चंचल, संपत्तिवान, बुद्धिमान, रिष्तेदारों से रहित, विपरीत लिंग वालों का प्रिय तथा बेषर्म बनाता है। अचल सम्पत्तियों से लाभ व आय प्राप्त करने वाला, अच्छे वाहन वाला, संगीत का प्रेमी, गायन में रुचि रखने वाला तथा अच्छी स्मरण शक्ति वाला बनाता है। आयु का 22वां वर्ष विषेष लाभकारी होता है। पंचम भाव पंचम भाव का बुध जातक को जन्मजात संगीत का ज्ञाता बनाता है। जीवन साथी से प्रेम पाने वाला, बुद्धिमान, संतान युक्त बनाता है। बड़ों और ज्ञानी जनों का आदर करने वाला, भक्ति तथा रहस्यवाद में गहरी रुचि वाला होता है। वह धनवान होता है। राजा का प्रिय, सलाहकार तथा अपनी बुद्धिमत्ता से लोगों को चमत्कृत करने वाला होता है परंतु बुध के पीड़ित होने पर वह सभी अच्छे गुणों से रहित तथा बुरी आदतों की ओर उन्मुख हो जाता है तथा जुए आदि का आदी हो सकता है। सामान्यतया वाद-विवाद में कुषल तथा सृजनात्मक गतिविधियों वाला होता है। आयु के 26वें वर्ष में माता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। षष्ठम् भाव षष्ठम् भाव में बुध जातक को आत्मसंयमी, अति बुद्धिमान तथा मातृभक्त बनाता है। वह संबंधियों से विरोध, आलसी, क्रूर प्रकृति का, चिन्ताग्रस्त तथा नौकरों अथवा सेवकों द्वारा कष्ट पाने वाला होता है। वह लेख अथवा प्रकाषन द्वारा आय करता है। औषधियों में रुचि, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तथा भोजन के विषय में अच्छा ज्ञान रखता है। आयु के तीसरे वर्ष में शारीरिक कष्ट तथा 36वें वर्ष में शत्रु भय होता है। सप्तम भाव सप्तम् भाव का बुध जातक को ज्ञानवान बनाता है। उसका भाग्य विवाह के बाद उदित होता है, ऐसा व्यक्ति पूरी तरह से हंसमुख होता है और बच्चों के साथ विषेष संबंध स्थापित करता है जहां बच्चे भी खुलकर अपने मन की बात उस व्यक्ति से कर सकते हैं। विपरीत सेक्स के प्रति एक स्वाभाविक सा आकर्षण होता है और विपरीत लिंग के व्यक्ति भी उसे पसंद करते हैं। ऐसा व्यक्ति बहुत अच्छा होता है, साधारणतया सत्यता का पालन करता है और व्यापार में उसकी बुद्धि प्रखर होती है जिसके फलस्वरुप वह अपने व्यक्तित्व और बुद्धि से लोगों को प्रभावित कर आसानी से धन कमा सकता है। ऐसा व्यक्ति अच्छा लेखक होता है और उसके भाग्यवर्धक वर्ष होते हैं 17 या 22। अष्टम भाव अष्टम् भाव का बुध, जातक को कोमल स्वभाव, अच्छा मेजबान, धनी, सरकार से अच्छा पद अथवा अधिकारिक स्थान प्रदान करता है। वह सहजता से धन कमाने वाला, सदा सकारात्मक सोच वाला, नेकचलन, षत्रुओं पर विजयी तथा विदेष में मान पाने वाला होता है। आयु के 14वें वर्ष में स्वास्थ्य कुछ नरम हो सकता है। नवम भाव नवम् भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, धनी, कुषल कलाकार, धार्मिक, समर्पित पत्नी तथा बुद्धिमान संतान प्रदान करता है। वह सात्विक आय करने वाला, साधु-संतों का मान करने वाला तथा निरंतर विदेष यात्राएं करने वाला होता है। वह दयावान, सभ्य, बहुत-से सेवको वाला तथा अपने कुल और परिवार का नाम ऊंचा करने वाला होता है। आयु के 19वें वर्ष में माता को कष्ट तथा 32वें वर्ष में भाग्य की हानि हो सकती है। दषम भाव दषम् भाव का बुध जातक को ज्ञानवान, शास्त्रों का ज्ञाता, प्रसिद्ध तथा सात्विक मार्ग से जीवन में उन्नति करने वाला बनाता है। रिष्तेदारों से प्रेम रखने वाला तथा उनकी सहायता करने वाला, तीक्ष्ण बु़िद्ध का स्वामी, निपुण, विनोदी, कुषल वक्ता तथा जीवन में विभिन्न उपक्रम करने में कुषल होता है। दलाली से अच्छी आय वाला किंतु कमजोर बुध विपरीत परिणाम देता है। आयु के 16वें अथवा 29वें वर्ष में निष्चय ही धन लाभ प्राप्त करता है। एकादष भाव एकादष भाव का बुध जातक को कलाओं में रुचि लेने वाला, ज्योतिष तथा मस्तिष्क विज्ञान में रुचि रखने वाला बनाता है। वह एक कुषल लेखक, शासन से लाभ पाने वाला, गुप्त विद्याओं में गहरी रुचि रखने वाला तथा संगीत कला का अच्छा ज्ञाता भी होता है। वह अति बुद्धिमान, अच्छा जीवन साथी तथा परिवार का सम्मान बढ़ाने वाला होता है। जीवन के 45वें वर्ष में वह विषेष लाभ अर्जित करता है। द्वादष भाव द्वादष भाव का बुध जातक को समाज में अपमान का भागी तथा अनुत्पादक कार्यों में लिप्त करता है। कमजोर बुध मानसिक कष्ट देता है तथा वह दूसरों के प्रभाव में सहज ही आ जाता है और दुख पाता है किंतु उच्च का बुध अध्यात्म, गुप्त विद्याओं में रुचि तथा अत्यधिक सम्मान प्रदान करता है। जीवन का 22वां तथा 44वां वर्ष दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है। विभिन्न राषियों में बुध का परिणाम मेष मेष राषि में बुध व्यक्ति को दुर्जन का मित्र तथा जीवन में कमी तथा उदासीनता का वातावरण प्रदान करता है। वह शराब व अन्य नषों का प्रेमी तथा अपने दुव्र्यवहार द्वारा बदनामी कमाने वाला हो सकता है। आर्थिक कष्ट व तनाव समय-समय पर होते रहते हैं जिनके चलते वह कभी-कभी अतिसंवेदनषील हो जाता है। वृष वृष राषि में बुध जातक को अपव्ययी तथा बड़े-बुजुर्गों के पद चिह्नों पर न चलने वाला बनाता है। वह जीवन में विभिन्न कष्टों से गुजरता है तथा उनके कारण पष्चाताप करता है। आर्थिक हानि तथा संतान की चिंता सदा लगी रहती है। मिथुन मिथुन राषि में बुध जातक की माता को मानसिक कष्ट देता है। उसके विचारों का दूसरों द्वारा विरोध होता है। परन्तु जीवन साथी व संतान से प्रसन्नता प्राप्त होती है। वह अपने कार्य में कुषल, बहुत बुद्धिमान तथा अपनी वाणी व लेखन से लोगों को प्रभावित करने वाला होता है। कर्क कर्क राषि का बुध जातक को विदेष का वासी तथा कभी-कभी बिना ईच्छा वाले स्थान पर भी रहना पड़ सकता है। उसे जीवन में विभिन्न प्रकार के दुख व चिंताओं का सामना करना पड़ता है। वह कविता व लेखन में रुचि रखने वाला तथा यदि इसे ही व्यवसाय बनाए तो नाम, धन व यष कमाने वाला होता है तथा उसके अनेक मित्र होते हैं। सिंह सिंह राषि में बुध जातक को पुत्र व जीवन साथी से कष्ट देता है। कभी-कभी गलत विचारों से प्रेरित हो जाता है और अपने लक्ष्यों को पाने में उसे बहुत कठिनाई होती है। इन सबसे बढ़कर वह साहसी, हिम्मती, प्रयत्नषील, कार्य शैली में भव्यता लिए रहता है किंतु कभी-कभी अपनी बुद्धिमत्ता का उचित प्रयोग नही कर पाता है। कन्या कन्या राषि का बुध जातक को सभी प्रकार की सुख-सुविधा, अतिभाग्यवान, भव्य, तेजस्वी, बहुत बुद्धिमान और चरित्रवान बनाता है। वह अच्छे व्यवहार वाला, नीतिवान, कुषल लेखक, शस्त्रज्ञ तथा शत्रुओं को परास्त करने वाला होता है। वह ईष्वर से विषेष संबंध रखने वाला, कुषल कार्यकर्ता, धनी तथा जीवन में उन्नति करने वाला होता है। तुला तुला राषि में बुध व्यक्ति को शारीरिक कष्ट, कमजोर देह परंतु विभिन्न कलाओं में निपुणता प्रदान करता है। जीवन साथी से अच्छा तालमेल, अपूर्व बुद्धि, दूसरों की सहायता करने वाला परंतु व्यापार में हानि उठाने वाला बनाता है। वह संतुलित विचारों वाला, तीक्ष्ण बुद्धि वाला, अच्छा विचारक तथा दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता वाला होता है। वृष्चिक वृष्चिक राषि में बुध की उपस्थिति जातक को रिष्तेदारों से विरोध तथा दूसरों से लड़ाई का कारक बनाती है। उसे अनेच्छित स्थान पर रहना पड़ सकता है। उसे विपत्ति संताप, शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इन्हें धन की हानि तथा अनिच्छा से दूसरों की सेवा करनी पड़ सकती है। धनु धनु राषि में बुध जातक को जीवन में समय-समय पर आर्थिक कष्ट देता है। किसी भी नए उपक्रम को शुरु करने में हमेषा बाधा आती है तथा अपने ही लोगों से सदा विरोध का सामना करना पड़ सकता है। उसे संकटों, विरोध और क्लेषों से सामना करना पड़ता है। उसमें तुरंत समझने की योग्यता तथा चित्रवत स्मृति होती है किंतु गलत लोगों से वे जल्दी ही प्रभावित हो जाते हैं। मकर मकर राषि में बुध जातक को बुरे और दुव्र्यसनी लोगों से मैत्री का कारक होता है। उच्च वर्ग में मैत्री की ईच्छा रहती है किंतु अंतद्र्वंद्व के चलते कुछ विषेष लाभ नहीं प्राप्त कर पाते। प्रभुत्व पाने के लिए वह झूठ बोलने से भी नहीं चूकते। अतिव्ययी तथा झूठी प्रतिष्ठा व मान के कारण अपव्यय करने वाला होता है तथा अपनी योजनाओं में हानि उठाने वाला होता है। कुंभ कुम्भ राषि में बुध आर्थिक हानि तथा अकारण समस्याओं का कारक होता है। मित्रों के बीच मान की हानि तथा कार्यस्थल पर अस्थिरता को जन्म देता है। वह दूसरों के लिए नौकरी करने पर ही संतुष्टि व स्थिरता पा सकते हैं। ये नए विचारों को समझने में कुषल होते हुए भी, परंपरावादी, रूढ़िवादी होने के कारण उसका लाभ नहीं ले पाते। मीन मीन राषि में बुध व्यक्ति को शारीरिक रोगों से पीड़ित करता है, वह जीवन में विभिन्न दुख उठाने वाला, संकटों का सामना करने वाला तथा परिश्रमी होते हुए भी अधिक सम्पत्ति नहीं बना पाता। वह अनिष्चित मत वाला तथा एक ही विचार पर स्थिर नहीं रहने वाला होता है। कभी-कभी वह अपने ही कुविचारों का षिकार हो जाता है। अपने स्वयं का व्यवसाय करने पर वह गलत निर्णयों से भी परेषान रहता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.