उत्तर: सबसे पहले आपके प्रश्न का उत्तर दिया जा रहा है। यदि आपके घर से लगा हुआ कोई जमीन उत्तर-पूर्व में हो तो उसे बेहिचक खरीदा जा सकता है। उत्तर-पूर्व दिशा में घर का हिस्सा जितना बढ़ा हो वह उतना ही अच्छा तथा सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्यदायक होता है। आपके घर का दक्षिण-पूर्व का कोना बढ़ा हुआ है तथा खाली भी है। यह बड़ा वास्तुदोष है। दक्षिण-पश्चिम का कोना बढ़ा होने के कारण घर के मालिक एवं सदस्यों को हर प्रकार की शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। घर के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद होते रहते हैं। दक्षिण-पश्चिम में खाली जगह में निर्माण कर एक कमरा बनाएं। घर के मालिक का उस कमरे में रहना बेहतर होगा। दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम के कोने को हर हाल में समकोण (900) बनाएं। आपकी रसोई ठीक स्थान पर है। आपके घर में दक्षिण-पूर्व में भूमिगत पानी का टैंक है। यह अच्छा नहीं है, इससे संतान को सदैव परेशानी की संभावना रहती है तथा गृह स्वामी के मान-सम्मान तथा यश में कमी आती है। अतः दक्षिण-पूर्व से हर हालत में पानी की टंकी हटाकर उसे पूर्व में भूमिगत बनाएं अथवा दक्षिण-पश्चिम में ओवरहेड टैंक बनवाएं। इन उपायों को कर देने से आपका जीवन बेहतर हो जाएगा तथा आपके भाग्य का द्वार खुल जाएगा। प्रश्न: मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। व्यापार में नुकसान से कई झटके खा चुका हूं। रोग, चिंता एवं बीमारी पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा। अपने घर का नक्शा संलग्न कर रहा हूं। कृपया देखकर वास्तु दोष बतायें तथा उनका सही उपाय भी बताएं ताकि जीवन बेहतर हो सके। उत्तर: आपके घर में अनेक वास्तु दोष हैं जिसके कारण आपके जीवन में कष्ट और परेशानियों की बहुतायत है। यदि आप इनका समाधान कर लें तो निश्चित रूप से आपका जीवन बेहतर हो जाएगा। आपके घर का दक्षिण-पश्चिम में पूजा घर है, दक्षिण-पूर्व का हिस्सा अत्यधिक खुला है। पश्चिम कोना कटा हुआ है। इसे आगे सीढ़ियों तक बनाकर सम चैरस करें। हो सके तो उत्तर में अवस्थित किचेन को दक्षिण-पूर्व की ओर ले जायें। दक्षिण-पूर्व में अत्यधिक खुला स्थान होना भी आपकी परेशानी का कारण है। इस ओर कमरा वगैरह बनाकर इसकी उचित व्यवस्था करें। गेस्ट रूम काफी बड़ा है इसे भी आधा लेकर आप दक्षिण-पूर्व में एक कमरा निर्मित कर सकते हैं। यदि आप उपर्युक्त उपाय कर देते हैं तो बहुत हद तक आपको अपनी चिंता, अशांति, रोग तथा आर्थिक परेशानी से निजात पाने में सफलता मिलेगी। प्रश्न: मेरे घर में सभी सदस्यों को अक्सर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रहती है। एक-एक कर सभी सदस्य बीमार होते रहते हैं। खासकर मेरी पत्नी का स्वास्थ्य तो बहुत खराब रहता है। सभी सदस्यों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है। पड़ोसियों से भी झगड़े होते रहते हैं। आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। मैं अपने घर का नक्शा भेज रहा हूं। कृपया इसे देखकर उचित समाधान बताएं ताकि हम परेशानियों से छुटकारा पा सकें तथा सबका स्वास्थ्य ठीक रहे। -खुशीराम महाजन, लुधियाना उत्तर: आपके मकान में उत्तर-पूर्व में रसोईघर भारी खर्चे, मानसिक समस्याएं तथा स्वास्थ्य कष्ट का कारण हैं। दक्षिण-पूर्व का भूमिगत जल स्रोत दुर्घटना, गृह स्वामी के मान-सम्मान में कमी, पुत्र की समस्या तथा लड़ाई-झगड़े एवं मानसिक कष्ट देता है। सबसे अधिक पीड़ा महिलाओं को झेलनी पड़ती है। उनका स्वास्थ्य अक्सर खराब रहता है। सीढ़ियों के नीचे शौचालय व्यापार एवं बुद्धि को नष्ट करता है तथा व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता। आप अपना दक्षिण-पूर्व दिशा में बना हुआ भूमिगत टैंक बंद करवाकर उसे उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व में करें। रसोई को दक्षिण-पूर्व में करवाने का प्रबंध करें। उत्तर-पश्चिम में बैठक को थोड़ा आगे बढ़ाकर उत्तर-पश्चिम क्षेत्र को यथासंभव ढंकने का प्रयास करें। चूंकि रसोईघर अधिक परेशानी का कारण बन रहा है इसलिए आंतरिक सज्जा में भी आपको ठीक से ध्यान रखकर सभी वस्तुओं का समंजन करना चाहिए। जैसे कि गैस हमेशा दक्षिण-पूर्व में रखना चाहिए। पानी उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में रखें। ऐसी व्यवस्था हो कि खाना बनाते समय हमेशा गृहिणी का मुंह पूर्व की ओर रहे। सिंक और चूल्हा के बीच अपेक्षित दूरी होनी चाहिए तथा इन्हें एक सीध या आमने-सामने नहीं होना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हुए ऊपर दिए गये सुझावों का अनुपालन करते हैं तो निश्चित रूप से आपकी सारी समस्याएं दूर होंगी।