फिल्म जगत में श्रेष्ठस्तरीय सफलता प्राप्ति हेतु शुक्र का महत्व सर्वोपरि है। शुक्र का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह कला, फिल्म, ग्लैमर, संगीत आदि का कारक होता है। शुक्र और बुध के बली और योगकारक होने पर इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की आधारभूत योग्यता प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष में बुध ग्रह को अभिनय का कारक माना जाता है क्योंकि बुध ग्रह के कारण जातक न केवल वाक्पटु व हाजिर जवाब होता है अपितु किसी भी प्रकार की अवधारणा, संवेदना और जीवन की नाटकीयता को अपनी अभिव्यक्ति की योग्यता, भाव भंगिमा और स्पष्ट व धारा प्रवाह भाषण शक्ति द्वारा शीघ्र ही प्रदर्शित कर देता है। हास्य और व्यंग्य में तो बुध ग्रह से प्रभावित जातक का जवाब नहीं। बुध को अभिनय, शुक्र को कलात्मकता तथा चंद्रमा को कल्पना का कारक माना जाता है। कलाकार के लिए कल्पना सबसे बड़ा वरदान है। कला के क्षेत्र में कुछ नया आयाम स्थापित करने की योग्यता, कल्पना शक्ति के श्रेष्ठ होने पर ही आ सकती है। यदि कलाकार कल्पना शक्ति विहीन होगा तो उसकी Performance में कुछ नयापन नहीं आ पाएगा। वह हमेशा एक ही प्रकार का प्रदर्शन कर पाएगा। इसीलिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए और कुछ अलग कर पाने के लिए चंद्रमा का बली होना भी अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार शुक्र, बुध और चंद्रमा का बली होना आपको निश्चित रूप से सफल कलाकार बना सकता है लेकिन सबसे आगे रहने के लिए या फिल्म डायरेक्टर बनने के लिए इन ग्रहों के अतिरिक्त गुरु की प्रबलतम स्थिति विशेष सहायक हो सकती है। कलाकार बनने के लिए जिन भावों का अध्ययन किया जाना चाहिए उनमें पंचम भाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त लग्न भाव व उसके कारक व स्वामी को भी शुभ होना चाहिए क्योंकि इन सबके बिना व्यक्तित्व प्रभावशाली नहीं हो पाएगा। कुंडली में अभिनय व अभिव्यक्ति का भाव तीसरा घर होता है और इस भाव का लग्न भाव से संबंध होना जातक की अभिनय कला को परिष्कृत करेगा। अभिव्यक्ति में वाणी का महत्व निर्विवाद है इसलिए कुंडली में द्वितीय भाव, द्वितीयेश व वाणी के कारक ग्रह आदि के महत्व को नहीं नकारा जा सकता। निष्कर्षतः एक्टिंग करियर में सफलता के लिए शुक्र, बुध, चंद्रमा, गुरु व प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा पंचम भाव में संदर संबंध होना चाहिए। राशियों में अभिनय, हास्य व व्यंग्य के कारक बुध ग्रह की राशियों अर्थात मिथुन और कन्या का बली होना शुभ होता है।