मोबाइल फोन का प्रयोग
मोबाइल फोन का प्रयोग

मोबाइल फोन का प्रयोग  

व्यूस : 10715 | फ़रवरी 2008
मोबाइल फोन का प्रयोग ज्योतिष के आइने में पं. शरद त्रिपाठी फ लित ज्योतिष में तीसरा भाव संचार व्यवस्था का भाव होता है। मोबाइल फोन दूर संचार का ही एक माध्यम है अतः इसका ज्योतिषीय विश्लेषण तीसरे भाव के आधार पर ही किया जाना चाहिए। तृतीय भाव का कारक ग्रह मंगल है। किंतु मोबाइल फोन के कारक ग्रह शुक्र व चंद्र हैं। मंगल इसमें सहयोगी की भूमिका निभाता है। ज्योतिष में तीन स्वभाव की राशियां होती हैं। चर, स्थिर व द्विस्वभाव मोबाइल का अर्थ है चर अर्थात चलने वाला। अतः मोबाइल फोन में चर राशियों का प्रभाव होता है। हालांकि संचार व्यवस्था का कारक ग्रह बुध होता है। स्थिर भचक्र के तीसरे भाव में मिथुन राशि आती है और उसका भी स्वामी बुध है। व्यवहार में बुध वाणी का कारक है। स्थायी संचार व्यवस्था जैसे पत्रकारिता, लेखन, साहित्य आदि पर बुध का प्रभाव रहता है। लेकिन मोबाइल फोन का कारक ग्रह बुध नहीं है। हां बुध बातचीत के तौर तरीकों को अवश्य प्रभावित कर सकता है। साधारणतया मोबाइल फोन तीन स्तर पर कार्य करते हैं। लोकल, रोमिंग, ग्लोबल अगर चर राशियां तीसरे भाव से संबंध रखती हैं तथा भाग्य भाव व लग्नेश से इनका संबंध होता है तो जातक मोबाइल फोन का उपयोग करता है। मेष, कर्क, तुला व मकर चर राशियां हैं। इनके स्वामी क्रमशः मंगल, चंद्र, शुक्र व शनि हैं। यही कारण है कि मोबाइल पर मंगल, चंद्र व शुक्र का सर्वाधिक प्रभाव होता है। मकर शनि की राशि है। शनि दीर्घकालीन प्रभाव देता है। इसलिए ग्लोबल मोबाइल पर शनि का सर्वाधिक प्रभाव रहता है। लोकल स्तर पर चलने वाले मोबाइल चंद्र व शुक्र से और रोमिंग वाले मोबाइल चंद्र व मंगल से प्रभावित होते हैं। मोबाइल फोन का उपयोग जातक क्यों और कब करता है? कुंडली में शुक्र और मंगल का योग चर राशियों में हो तथा तृतीय भाव या इसके स्वामी से इसका संबंध बनता हो, तो जातक ‘‘शोमैनशिप’’ यानी दिखावे के लिए इसका प्रयोग करता है। यदि चंद्र और मंगल का यही संबंध बन जाए तो व्यापार के लिए प्रयोग करता है। यदि चंद्र, शुक्र व शनि का सकारात्मक संबंध हो और तृतीय भाव भी प्रभावित हो तो जातक राजनीति और बड़े व्यापार के लिए ग्लोबल मोबाइल का प्रयोग करता है। जब लग्न व पराक्रम भाव के स्वामी का संबंध हो तो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने के लिए उपयोग करता है। यदि इस योग में चंद्र व शुक्र भी शामिल हों तो जातक भीड़ में इसे बार-बार निकालता है और जोर-जोर से बात करता है। लग्न, पंचम व तृतीय भाव के स्वामी ग्रहों का संबंध हो तथा इस संबंध पर मंगल व शुक्र का प्रभाव हो तो जातक स्वयं अपने फोन से दूसरों की बात करवाता है। दूसरे एवं ग्यारहवें भाव से, तीसरे या उसके स्वामी ग्रह से संबंध हो तो जातक व्यापार के लिए फोन करता है। चतुर्थ भाव व तृतीय भाव से संबंध हो तो सेवा के कार्यों के लिए फोन करता है। नवम्, दशम व पराक्रम भाव के स्वामी ग्रहों से संबंध हो तो प्रशासकीय व राजकाज के लिए मोबाइल का उपयोग करता है। छठे, आठवें व 12वें भाव के स्वामी यदि तृतीय भाव से संबंध रखते हों तो जातक मोबाइल का दुरुपयोग करता है। अगर तीसरे व 8 वें भाव में स्वामी ग्रहों का संबंध हो तथा राहु का भी प्रभाव हो तो जातक इसका उपयोग गुप्त कार्यों के लिये करता है। यदि राहु बहुत खराब स्थिति में हो तो जातक फोन का उपयोग ब्लैंक काॅल या दूसरों को डराने के लिए भी कर सकता है। मोबाइल फोन पर गोचरीय प्रभाव यदि तृतीय स्थान के स्वामी का संबंध भाग्य स्थान के स्वामी से हो, गोचर में दोनों भावों के स्वामी संबंध रखते हों और अच्छी स्थिति में हों और गोचर का चंद्र भाव 6, 8 या 12 में न हो तो उस समय मोबाइल से शुभ सूचनाएं मिलती रहती हैं। जातक की गोचरीय कुंडली में चंद्र भाव 6, 8 या 12 में गोचरस्थ हो तथा तृतीय भाव का स्वामी पाप प्रभाव में हो तो मोबाइल फोन उन दिनों परेशानी उत्पन्न करते हैं। इस स्थिति में यदि तृतीय भाव का स्वामी राहु से प्रभावित हो, तो जातक मोबाइल स्विच बंद रखता है या काॅल स्वीकार नहीं करता है। गोचर में तृतीय भाव का स्वामी मंगल व शुक्र के प्रभाव में हो तथा चंद्र उत्तम स्थिति में हो, तो जातक मोबाइल फोन काफी प्रसन्नता से उपयोग करता है। इस स्थिति में युवा प्रेमी मोबाइल पर काफी लंबी बातचीत भी करते हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.