त्रिक भावों में ग्रहों का फल एवं उपाय
त्रिक भावों में ग्रहों का फल एवं उपाय

त्रिक भावों में ग्रहों का फल एवं उपाय  

व्यूस : 6053 | दिसम्बर 2013
आठवां भाव अष्टम भाव उम्र की लम्बाई को मापता है इसलिए इसे मौत का घर, पाताल के अंधेरे का घर कहा जाता है। खोज, आकस्मिक धन, लंबी बीमारी, गहरी चिंता का पता भी इसी भाव से लगाया जाता है। आठवें घर में स्थित विभिन्न ग्रहां का फल लाल किताब के अनुसार इस प्रकार है। बुध आठवें घर के बुध के लिए परस्पर विरोधी मत पाए गए हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार आठवें घर के बुध वाला व्यक्ति कीर्तिमान, कुलवान, राजा के समान प्रभावशाली होता है। महर्षि वशिष्ठ के अनुसार वह दुष्ट बुद्धि, रोगी और सुखहीन होता है। महर्षि पराशर के अनुसार उसका कोई मित्र बंधु नहीं होता उसे एकाकी जीवन जीना पड़ता है। यह सभी विवरण आत्मविरोधी हैं। अष्टम् भाव के बुध वाले व्यक्ति गुप्त विद्या के ज्ञाता भी पाए जाते हैं। बुध ज्ञान का कारक ग्रह है परंतु यह ज्ञान आठवें घर के बुध से जुड़कर गुप्त विद्या का ज्ञान हो जाता है जैसे काला जादू या जादू टोना, तांत्रिक साधना आदि। जीवन में कभी न कभी ऐसे इंसान पर झूठी या सच्ची तोहमत जरूर लगेगी। उपाय - किसी हिजड़े को सफेद कमीज देना और साथ ही काली जुराबें भी देना। - साबुत मूंग सूर्ख तांबे के लोटे में भरकर चलते पानी में बहा देना। गुरु अष्टम् भावस्थित देवगुरू बृहस्पति ऐसी गुप्त साधना का कारक है जो सत्ता, शक्ति, पैसा प्राप्त करने के लिए हो। आठवें घर के बृहस्पति के बारे में कहा गया है कि रावण की मौत का कारण अष्टम् का बृहस्पति था, कर्क राशि का। रावण की साधना से प्राप्त शक्तियां दूसरों के दमन के लिए प्रयोग की गई इसलिए उच्च राशि का बृहस्पति अष्टम् होने पर मौत का कारण बना। अष्टम् भावस्थ बृहस्पति किसी की मृत्यु से प्राप्त धन का कारक अवश्य रहता है चाहे वह दौलत उसके पूर्वजों की हो अथवा किसी और की मृत्यु से मिले जैसे बीमा कम्पनी में काम करने के कारण किसी के वारिसों को मिली जायदाद से कमीशन की सूरत में पैसा मिलना। यदि आठवें घर के बृहस्पति को राहु का साथ मिल जाए तो अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए इंसान को मेहनत नहीं करनी पड़ती। लाल किताब में खाना नं 8 के बृहस्पति को श्मशान का साधु कहा गया है जो घर की जिम्मेदारी से भागता है। इसका सबसे अच्छा उपाय है बृहस्पति को धर्म स्थान अर्थात दूसरे घर में स्थापित करना। उपाय - हल्दी की आठ गांठें मंदिर में देना। - आठ वीरवार लगातार कच्चे सूत को हल्दी में रंगकर पीपल के दरख्त के साथ बांधना। शुक्र शुक्र एक भोगात्मक ग्रह है और हमारे मन की अवस्था का भी कारक है। जिस भी शारीरिक क्रिया से हमें खुशी मिले जैसे खाना, पहनना...सभी शुक्र के अधीन हैं। आठवें घर में शुक्र वाला व्यक्ति कभी आसानी से संतुष्ट नहीं होता। कई अन्य ग्रन्थों में अष्टम के शुक्र के बारे में लिखा है, आठवें घर का शुक्र पत्नी के साथ अच्छे संबंध नहीं रखता परन्तु उसे पराई स्त्री से बड़ा सुख मिलता है। ऐसा शुक्र शादी के बाहरी सम्बन्धों के लिए ठीक है परन्तु शादी से पहले अगर कोई मुहब्बत चल रही हो तो उसे शादी की सूरत में नहीं आने देता। यह प्रेम विवाह नहीं होने देता। उपाय - काले रंग की गाय को आठ रविवार आटे का पेड़ा देना। - 41 दिन लगातार गंदे नाले में फूल फेंकना।



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