छत्तीसगढ़ विधान सभाः इस राज्य की स्थापना 01 नवम्बर 2000 को हुई थी। वर्तमान में विधान सभा चुनाव दो चरणों - क्रमशः 11 नवंबर तथा 19 नवंबर को हांगे। वर्तमान में इस राज्य में श्री रमण सिंह के नेतृत्व में बी. जे. पी. सरकार सत्तारुढ़ है। ज्योतिषीय आधार पर राज्य में प्रमुख दलांे की स्थिति निम्न प्रकार रहेगी। भारतीय जनता पार्टी: पूर्व का जनसंघ अब बी. जे. पी. के रुप में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन, टेलीकाॅम तथा कोयला खदानों के आंवटन में हुए घोटाले से कंग्रेस की ध्वस्त हुई छवि को चुनाव में पूरी तरह भुनायेगी। यह पार्टी की विडंबना ही है कि नीचस्थ चन्द्रमा के कारण प्रत्येक स्तर पर वैचारिक मतभेद बने रहते हैं। पंचमेश शुक्र की व्यय भाव में अपनी वृष राशि स्थिति से पार्टी के उच्च पदस्थ व्यक्ति तथा राज्यों के मंत्रिमंडल के अधिकंश मंत्री अपने स्वार्थ, सुख, सुविधा तथा पद प्राप्ति के लिये कार्यरत रहते हं। छत्तीसगढ़ चुनाव के समय भी स्थिति कुछ अलग नहीं होगी। पार्टी सूर्य महादशा में राहु के अंतर तथा बुध के प्रत्यन्तर में होगी। बी. जे. पी. की कुंडली में सूर्य दशम भाव में गुरु की मीन राशि में समभाव से विराजमान है। अन्तरदशानाथ राहु तृतीय भाव में सूर्य की राशि में सम भाव मं है तथा प्रत्यन्तर स्वामी बुध भाग्य भाव में शत्रु भाव मं विराजमान है। ग्रह गोचर के अनुसार छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रथम चरण के दिन चन्द्रबल तथा गोचरीय ताराबल भी शुभ है। दशा तथा गोचर फल के सम्मिलित प्रभाव से पार्टी को इस दिन सफलता प्राप्त होगी। दूसरे चरण के मतदान के समय चन्द्रबल उत्तम होते हुए भी गोचरीय ताराबल अशुभ होने से इस दिन पार्टी को अंशिक सफलता प्राप्त होगी। श्री लाल कृष्ण आडवाणी: 24 अगस्त 2008 से शनि महादशा में चल रहे हैं। वर्तमान समय में शनि में बुध के अन्तर तथा बुध के ही प्रत्यन्तर में महादशानाथ से व्यय स्थान में स्थित अष्टमेश- आयेश बुध के अन्तर में आडवाणी जी पार्टी में अलग-थलग पड़ गये हैं। ध्यान रहे व्यय भाव वनवास का स्थान भी है। आडवानी जी जैसे व्यक्तित्व की पार्टी में उपेक्षा तथा विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार से दूर रहना उनके लिये बनवास जैसी ही स्थिति है। विधान सभा चुनावों में आडवाणी जी प्रभाव तथा आभा विहीन व्यक्तित्व रहेंगे। श्री राजनाथ सिंह: श्री आडवाणी की भंति श्री राजनाथ सिंह भी शनि महादशा में चल रहे हैं। अन्तर यही है कि शनि श्री राजनाथ सिंह की कुंडली का योगकारी ग्रह है। भाग्येश कर्मेश शनि पंचम भाव में अपने अतिमित्र बुध की कन्या राशि में स्थित है। राहु केन्द्र में स्वराशि कुंभ में विराजमान है। अतः कोई आश्चर्य नहीं कि शनि महादशा में शनि के अन्तर तथा राहु प्रत्यन्तर में श्री सिंह को पार्टी अध्यक्ष चुना गया तथा शनि महादशा में शनि के अंतर तथा आय भाव में स्व राशिस्थ गुरु की भुक्ति में आगामी चुनाव की कमान सौंपी गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावां की अवधि में श्री राजनाथ सिंह शनि-बुध-बुध दशा में होंगे। बुध महादशानाथ से एकादश भाव में सम भाव मं स्थित है। छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रथम चरण के दिन आपका चन्द्रबल तथा गोचरीय ताराबल उत्तम होने से इनकी ग्रह दशा का लाभ पार्टी को प्राप्त होगा। दूसरे चरण के चुनाव के दिन उत्तम चन्द्रबल तथा अशुभ गोचरीय ताराबल से पार्टी को अंशिक सफलता प्राप्त होगी। श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी: श्री नरेन्द्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में बी. जे. पी. की ओर से प्रधानमंत्री पद के अधिकृत उम्मीदवार हैं। वर्तमान में श्री मोदी चन्द्रमा महादशा में चल रहे हैं। भाग्येश चन्द्रमा लग्न भाव में लग्नेश मंगल के साथ नीचस्थ है। विधान सभा चुनाव के समय श्री मोदी चन्द्रमा में राहु के अन्तर तथा शनि के प्रत्यन्तर में चल रहे होंगे। नीचस्थ महादशानाथ में शत्रु ग्रह राहु का अन्तर विपरीत परिणाम देगा। शनि जनमानस को प्रभावित अवश्य करेगा परन्तु उसकी परिणति वोट में परिवर्तित होना सम्भव नहीं है। मोदी जी को शनि की साढ़ेसाती उन्हें मानसिक कष्ट देगी। चुनाव के प्रथम चरण के दिन सम चन्द्रबल तथा गोचरीय अशुभ ताराबल विपरीत परिणाम देगा। दूसरे चरण के दिन चन्द्रबल तथा गोचरीय ताराबल उत्तम होने से इस दिन के परिणाम उत्तम हांगे। रमण सिंहः गुरु में बुध में चन्द्रमा के प्रत्यन्तर में चल रहे हैं। लग्नेश- चतुर्थेश गुरु पंचम भाव में तथा सप्तमेश राज्येश बुध लाभ भाव में है। चन्द्रमा अष्टमेश भाग्य भाव में स्थित है। श्री रमण का दशाफल इनकी सफलता का संकेत दे रहा है। चुनाव के प्रथम चरण के दिन उत्तम चन्द्र तथा गोचरीय ताराबल सार्थक परिणाम देगा। दूसरे चरण के दिन उत्तम चन्द्रबल परन्तु अशुभ गोचरीय ताराबल से इस दिन के परिणाम अनुकूल नहीं मिलंगे। चली आ रही विजय यात्रा में बाधा आयेगी। कंग्रेस पार्टी: सत्तारुढ़ कंग्रेस पार्टी की कुंडली में स्पष्टतया अखंड साम्राज्य योग बना है जिसके कारण कंग्रेस ग्रह गोचरीय प्रभाव तथा दशाओं के अनुसार अल्प समयावधि के अतिरिक्त लगभग लगातार सत्ता सुख भोगती आ रही है। पारस्परिक सम्बन्ध के सप्तम भाव में शत्रु राशिस्थ शनि के प्रभाव से कंग्रेस कभी भी अपने सहयोगियों का हृदय नहीं जीत पाई। राजधर्म से दूर ही रही। दूसरे चरण के दिन निर्बल चन्द्र परन्तु शुभ गोचरीय ताराबल से इस दिन के भी कुछ परिणाम उत्साह जनक रहेंगे। समग्र रुप से छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनावां में पार्टी की स्थिति अन्य राष्ट्रीय पार्टियां की अपेक्षा बेहतर रहेगी तथा पिछले चुनाव की अपेक्षा कुछ अधिक सीटं प्राप्त कर पायेगी। श्रीमती सोनिया गांधी: वर्ष 1997 में जब श्रीमती सोनिया गंधी कंग्रेस की प्रारम्भिक सदस्य बनी तथा उसके बाद पार्टी अध्यक्ष चुनी गई तब वह बुध महादशा मं बुध के अन्तर तथा राहु प्रत्यन्तर में चल रही थी। पाराशरी नियमां के अनुसार चन्द्रमा तथा मंगल का संबंध राजयोग कारक होता है। गुरु तथा शुक्र की युति यद्यपि भाग्येश तथा सुखेश की युति है परन्तु कर्क लग्न की कुंडली में यह योग निष्फल रहता है। एकादश भाव में स्थित राहु राजयोग कारक होने से महादशानाथ बुध से सप्तमस्थ राहु ने उन्हं पार्टी अध्यक्षा का पद प्रदान किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय उनकी केतु महादशा में शुक्र के अन्तर में शनि का प्रत्यन्तर रहेगा। महादशानाथ केतु पंचम भाव में अपनी राशि वृश्चिक में तथा शुक्र चतुर्थ भाव में अपनी तुला राशि में हैं। यदि शुक्र महादशा नाथ से बारहवें न होता तथा शनि की दशम भाव पर नीच दृष्टि न होती तो चुनाव के परिणाम पूर्णतया पक्ष में रहते। चुनाव के प्रथम चरण में कंग्रेस को अच्छी बढ़त मिलेगी। परन्तु दूसरे चरण में सीटां की हानि होगी। ग्रहां का संकेत है कि छत्तीसगढ़ में कंग्रेस बी. जे. पी. को अच्छी टक्कर देगी। कंग्रेसी पक्ष प्रबल होते हुए भी अपने बलबूते सत्ता प्राप्त नहीं कर पायेगा। श्री राहुल गंधी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गंधी सामान्यतया सरकारी काम काज में हस्तक्षेप नहीं करने के लिये जाने जाते रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग उन्हें प्रधानमंत्री के रुप में देख रहा है। सामान्य रुप से उन्हें श्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध नेता के रुप में मान्यता मिल रही है। श्री राहुल गंधी छठे भाव में स्थित नीचस्थ चन्द्रमा की महादशा में तथा व्यय भाव में स्थित लग्नेश, सुखेश बुध की अंतरदशा में चल रहे हैं। छठे भाव में नीचस्थ चन्द्रमा का गुरु के साथ शकट योग जीवन में कभी ऊंचाई पर ले जायेगा तो कभी उन्हं कठिनाइयां का सामना भी करना पड़ेगा। अभी निकट भविष्य में 28 मार्च 2017 तक श्री राहुल गंधी का भारतीय राजनीति में कोई निर्णायक भूमिका निभा पाना संदेहास्पद लगता है। चुनाव के प्रथम चरण में चन्द्र-बुध- मंगल की दशा में तथा दूसरे चरण के चुनाव के समय चन्द्र-बुध-राहु की दशा में उनके कारण पार्टी को कोई सफलता मिल पाना कठिन है। प्रधानमंत्री: 26 सितंबर 1932 में पाकिस्तानी पंजाब के गाह ग्राम में जन्मे डा. मनमोहन सिंह की राहु महादशा का प्रारम्भ 18 अप्रैल 1997 से हुआ था। वर्तमान में चल रही राहु महादशा की समाप्ति 19 अप्रैल 2015 में होगी। राहु तृतीय भाव में स्थित शुभफलदायक ग्रह है। कुंडली का बुधादित्य योग दृष्टव्य है। वर्तमान में डा. सिंह राहु में चन्द्रमा के अन्तर में चल रहे हैं। राहु में चन्द्रमा का अन्तर 29 सितम्बर 2012 से प्रारम्भ हुआ था तथा इसकी समाप्ति 31 मार्च 2014 में सूर्य के प्रत्यन्तर के साथ होगी। अष्टम भाव स्थित अष्टमेश चन्द्रमा के कारण डा. सिंह को आरोपां प्रत्यारोपों से कितना मर्मान्तक कष्ट हुआ होगा यह तो वही जान सकते हैं। चुनाव के पहले तथा दूसरे चरण के मतदान के समय राहु-मंगल-गुरु की दशा में राहु गुरु परस्पर सप्तम है तथा एक दूसरे को पूर्णतया प्रभावित कर रहे हैं। मंगल अष्टम भाव में नीचस्थ है। डा. सिंह के पद अथवा व्यक्तित्व का चुनावों पर कोई सार्थक प्रभाव पड़ने का कोई संकेत नहीं है। मध्यप्रदेषः इस राज्य में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर 2013 को हांगे। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्षा कुमाय वती बुध-बुध-शुक्र की दशा में हांगी। चुनाव के दिन आपका अशुभ चन्द्रबल तथा शुभ तारा बल अन्य पार्टियों के वोट काटने का कार्य करेगा। प्रतिष्ठित चुनावी जीत प्राप्त नहीं होगी। बी. जे. पी का प्रदर्शन इस राज्य में पूर्व की ही भंति अच्छा रहेगा। पार्टी सत्ता तक पहुंचने में कामयाब होगी। सी. पीआई. तथा सी. पी. आई. (एम) के केन्डीडेट्स अपनी सीट्स निकालने में सफल रहेंगे। कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहेगा। समाजवादी पार्टी अभी तक राष्ट्रीय पार्टी नहीं है। चुनाव के समय पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह चन्द्र-बुध-शनि की दशा में होंगे। राज्यभाव में नीचस्थ शनि के प्रभाव से समाजवादी पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिलेगी। चुनावां के समय समाजवादी पार्टी मंगल- शुक्र - गुरु की दशा में होगी। पार्टी का प्रदर्शन अब तक मध्यप्रदेश में मिली सफलता से बेहतर रहेगा। राजस्थान: 01 दिसम्बर 2013 के विधानसभा चुनाव के समय कु. मायावती का चन्द्रबल तथा ताराबल दोनां ही शुभ हं, बली हैं। राजस्थान में पार्टी की सशक्त विजय होगी। बी. जे. पी का चन्द्र तथा तारा बल निर्बल होने से राजस्थान में सत्ता से दूरी बनी रहेगी। सी. पीआई. (एम) को इस बार राजस्थान में सफलता नहीं मिलेगी। इस राज्य में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहेगा। राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत मंगल-राहु-केतु की दशा में चल रहे हैं। चुनाव के समय का उत्तम चन्द्र तथा ताराबल आपको सफलता दिलायेगा। परन्तु पिछले चुनाव की अपेक्षा कम सीटें मिलंेगी। सत्ता जोड़-तोड़ से मिलेगी। दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन अर्थात 04 दिसम्बर 2013 को मध्यप्रदेष की भांति बहुजन समाज पार्टी अध्यक्षा का अशुभ चन्द्रबल तथा शुभ तारा बल अन्य पार्टियों के वोट काटने का कार्य करेगा। प्रतिष्ठित चुनावी जीत प्राप्त नहीं होगी। बी. जेप्रचार पी का चन्द्र बल सामान्य तथा तारा बल शुभ है अच्छी सफलता मिलने के बाद भी पार्टी सत्ता से दूर दिखाई देगी। कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहेगा। कांग्रेसी मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित इस समय राहु-राहु के अन्तर तथा गुरु के प्रत्यन्तर में हैं। चुनाव के समय आप शनि प्रत्यन्तर में रहंगी। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से नीचस्थ राहु की दशा फल शुभ नहीं रहेगा। साथ ही उत्तम चन्द्रबल तथा अशुभ ताराबल के चलते चुनाव में उन्हें अपनी साख बचाना भी कठिन रहेगा। दिल्ली चुनाव की चर्चा अरविन्द केजरीवाल तथा उनकी आम आदमी पार्टी के बिना अधूरी रहेगी। अरविन्द केजरीवाल इस समय गुरु-शुक्र-गुरु की दशा में होंगे। यह दशा उनके जेप्रचार प्रसार की हाईप को वोटां में पूर्णतया नहीं बदल पायेगी। परन्तु चुनाव के समय पार्टी की बुध-शुक्र-बुध की दशा तथा पार्टी का उत्तम चन्द्र तथा ताराबल लाभ अवश्य देगा। श्री केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनने का सपना अभी तो अधूरा ही रहेगा। मिजोरमः इस प्रदेश की चुनाव तारीखों में परिवर्तन हुआ है। अब इस राज्य में मतदान 25 नवम्बर को होगा। इस दिन बहुजन समाज पार्टी बी. जे. पी, सी. पी. आई तथा सी. पीआई (एम) का चन्द्र बल तथा तारा बल अत्यन्त शुभ है, अच्छी सफलता मिलने के योग हं। परन्तु इन पार्टियों का मिजोरम में कोई मजबूत आधार नहीं होने से इन्हें कोई लाभ नहीं होगा। राज्य में कांग्रेस का अभी तक स्पष्ट बहुमत है परन्तु इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहेगा। सत्ता हाथ से निकल जायेगी। स्थानीय उम्मीदवारां की व्यक्तिगत दशा, ग्रह गोचर आदि का प्रभाव उपरोक्त चुनावी विवेचन को प्रभावित करेगा। परन्तु सभी की कुंडलियों का विश्लेषण करना तथा उन्हें सीमित साधनों के साथ पत्रिका में एक ही स्थान पर देना अव्यावहारिक है अतः उन्हें स्थान नही दिया गया है। शुभं अस्तु।