रुद्राक्ष से लाभ शुभेश शर्मन जब हम रुद्राक्ष के बारे में चिंतन करते हैं तो भगवान शिव की प्रत्यक्ष छवि आंखों के सामने आ जाती हैं। हमारे शास्त्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार के रुद्राक्षों का वर्णन हैं। संसार में राजसी, तामसिक और सात्विक रूप में प्रत्यक्ष फल प्रदान करने वाला रुद्राक्ष ही है। सभी देवी देवताओं के मंत्रों की साधना में रुद्राक्ष-माला परम सिद्धिदायक हैं। सभी प्रकार के शैव सन्यासियों के लिये रुद्राक्ष का धारण करना परम कल्याणकारी है। सामान्य ग्रहस्थ से लेकर राजसी व्यक्ति तक कोई भी व्यक्ति रुद्राक्ष धारण कर सकता है। एक से चैंदह मुखी रुद्राक्ष की उपलब्धता आज भी हैं। वैसे तो सभी प्रकार के रूद्राक्ष सही विधि अनुसार धारण करने से लाभ पहुंचाते हैं। परंतु अलग-अलग मुख के रुद्राक्षों का विशिष्ट महत्व है। अत्यंत दुर्लभ एक मुखी तथा 14 मुखी रुद्राक्ष, गौरी शंकर रुद्राक्ष, गणपति रुद्राक्ष विशिष्ट फल प्रदान करते हैं। पंच मुखी रुद्राक्ष को जल में भिगो के रात्री प्रर्यंत रखे गए जल को सेवन करने से उच्च रक्त चाप का नियंत्रण करता है। इनमें नेपाल का गोल एक मुखी रुद्राक्ष दुर्लभ ही है जबकि पारिवारिक प्रसन्नता और समस्त सुखों को प्रदान करने वाला 2 मुखी रुद्राक्ष-भगवान शिव का भगवान के एक विशिष्ट रूप अर्द्धनारिश्वर का प्रतीक है। यह सभी प्रकार की वैचारिक विषमता को दूर कर गृहस्थी में स्त्री-पुरुष संबंधों में स्नेह पैदा करता है। 3 मुखी रुद्राक्ष दैविक, दैहिक और भौतिक तीनों तापों को दूर करने वाला है। घोर से घोर पाप को दूर करने की क्षमता तीन मुखी रुद्राक्ष में है। इसके धारण करने से संसार के तीनों विशिष्ट देव, ब्रह्मा, विष्णु महेश प्रसन्न होते हैं। 4 मुखी रुद्राक्ष में पूर्व जन्मों के लिखित भाग्य को बदलने की क्षमता है। यह शोध कर्ता, लेखक, अध्यापक, आदि के लिए विशेष फलदायी हैं। 5 मुखी रुद्राक्ष शिक्षा और मन की प्रसन्नता तथा आध्यात्मिक ज्ञान का दाता और मानसिक विकारों को दूर करने में चमत्कारिक लाभ करता है। इसे पीले अथवा लाल रेशमी धागे में गले में धारण करना चाहिए। 6 मुखी रुद्राक्ष शत्रुओं पर विजय मिलता है तथा तंत्र की साधना आदि में इस रुद्राक्ष का विशेष उपयोग है। 7 मुखी रुद्राक्ष रोजाना की दिनचर्या में, रिटेल के व्यापार में फैशन से संबंधित कार्य, आरोग्यता आदि में विशेष लाभकारी हैं। 8 मुखी रुद्राक्ष परिवार में एक दूसरे के विपरीत बुद्धि को परिवर्तित कर सौहार्द प्रदान करने वाला है। 9 मुखी रुद्राक्ष धर्म क्षेत्र मं विशेष योग्यता प्रदान करता है। सहनशीलता, कार्य करने की क्षमता और दृढ इच्छा शक्ति प्रदान करने वाला है। भाग्य स्थान की सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर शुभ फल प्रदान करता है। 10 मुखी रुद्राक्ष शरीर की विकृत इंद्रियों को ठीक करता है। भगवान नारायण की प्रसन्नता तथा दस महा विद्याओं की साधना में विशेष लाभकारी है। सामाजिक प्रतिष्ठा और परिवार की निरंतर वृद्धि करते रहना ही इसकी विशेषता है। 11 मुखी रुद्राक्ष जीवन में आय के साधनों में वृद्धि तथा विदेश व्यापार में विशेष लाभकारी है। इससे ब्रह्मचर्य मं वृद्धि होती है। यह सन्यासियों के लिये विशेष लाभकारी है। रोगों को दूर करने में विशेष लाभ करता है। 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति जीवन में बड़े-बड़े व्यापार, कल-कारखाने और सभी प्रकार की कीर्ति एवं समाज में ऊंचा पद प्राप्त करने में समर्थ हाता है। 13 मुखी रुद्राक्ष जीवन में भौतिक सुखों को प्रदान करना इसका मुख्य कार्य है। व्यक्ति को सौंदर्य और क्रांति प्रदान करता है तथा भोग को भी बढ़ता है। 14 मुखी रुद्राक्ष: समस्त प्रकार की दुर्घटना, अकाल मृत्यु को दूर करता हैं। इनके धारण करने से निश्चित रूप से जीवन में भगवान शिव की शरणागति प्राप्त होती है।