शंख नाद का महत्व
शंख नाद का महत्व

शंख नाद का महत्व  

व्यूस : 13237 | आगस्त 2009
शंख नाद का महत्व रविंद्र लाखोटिया चीन भारत के ऋषि-मुनियों में, दिव्य गुणों के साथ, वैज्ञानिक गुण भी थे। उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से यह अनुभव किया कि पृथ्वी पर मानव धर्म के अनुसार चलेंगे, तो उनको अत्यंत लाभकारी गुणों का ज्ञान होगा। इसी संदर्भ में उन्होंने, विभिन्न प्रकार के शंखों के अध्ययन से, उसके अत्यंत लाभकारी गुणों का ज्ञान प्राप्त किया। दो तरह के शंखों को विशेष मान्यता प्राप्त है: 1. बंद मुंह वाला (ध्वनिरहित) 2. खुले मुंह वाला (ध्वनिसहित) ध्वनिरहित शंख को बायें हाथ से ही पकड़ा जाता है; अर्थात सही स्थिति में पकड़ने हेतु उसके पेट में बायां हाथ जाता है। इसके विपरीत बजने वाले शंख को दायें हाथ से पकड़ा जाता है। दायें हाथ से पकड़ने वाले शंखों में बंद मुंह वाले भी मिलते हैं। परंतु वे इतनी मान्यता नहीं रखते। बायें हाथ से पकड़ने वाले ध्वनिरहित शंख कम पाये जाते है,ं जबकि दूसरे प्रकार के शंख प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। शंख में समुद्री ताकत होती है; अर्थात इसमें जल तत्व है। परंतु जब यह बजता है, तो इसमंे वायु तत्व भी शामिल हो जाता है; अर्थात यह वायुकारक भी है। सभी जानते है कि मनुष्य को जीवित रखने में हवा और पानी का कितना महत्व है। अतः प्रतिदिन शंख अवश्य बजाना चाहिए। परंतु साथ में दूसरों की सुविधा का भी ध्यान रखें, जिससे आवाज से किसी की नींद, या कार्य में बाधा न आए। ऐसी स्थिति में बगीचे, या खुले स्थान पर, अथवा मंदिर में जा कर शंख बजाएं। शंख ज्ञाताओं ने शंखों को गुण, धर्म, आकार, रूप आदि के अनुसार वर्गीकृत करते हुए उनकी विभिन्न पारिवारिक श्रेणियां बनायी हंै। अधिकतर हिंद महासागर तथा केरेबियाई क्षेत्रों में 2) रविंद्र लाखोटिया इंच से 24 इंच तक के शंख पाये जाते हैं। ये मोटी और पतली परत वाले भी होते हैं। दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग पूजा में होता है। भगवान विष्णु जी के हाथ में भी यही शंख है। अतः यह लक्ष्मी प्रिय भी हुआ। ऐसी मान्यता है कि जिस जगह दक्षिणावर्ती शंख रहेगा, वहीं पर लक्ष्मी जी का वास भी होगा। दूसरे बजने वाले शंख भी पूजा में शंख ध्वनि करने के काम आते हैं, अर्थात उनको बजा कर भगवान का स्वागत करते हैं। कुल मिला कर यह उपासना का अंग है। विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाॅ. जगदीश चंद्र वसु ने भी शंख की ध्वनि के महत्व को समझा तथा यह निष्कर्ष निकाला कि प्रतिदिन शंख बजाने से शरीर के वे हानिकारक कीटाणु खत्म हो जाते हैं, जो दवाइयों, या किसी भी व्यायाम से खत्म नहीं होते। वैसे भी इसमें रात को रखे हुए पानी का प्रतिदिन सेवन करने से शरीर को काफी लाभ पहुंचता है। पांच इंद्रियों से ले कर मंुह के रोग, हकलाना, फेफडे़ संबंधी रोग, दमा, पेट से संबंधित बीमारियां, सिर आदि रोगों में लाभ पहुंचता है। शंख नाद से वे विषम जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं, जो वायु मंडल में होते हैं तथा मनुष्य के आसपास मंडराते हैं। आयुर्वेद मंे तो शंख भस्म का उपयोग होता है। जो व्यक्ति शंख न बजा सकते हों, वे शंख ध्वनि से लाभ पा सकते हैं, जैसे हृदय रोगी, गर्भवती स्त्रियां आदि। गुरु-शिष्य संवाद एक गुरु जी ने अपने शिष्य को तीर्थ स्थान के लिए विदा करते समय बजने वाला शंख लाने के लिए कहा। शिष्य तीर्थ स्थान में ऐसा मुग्ध हुआ कि उसे गुरु जी के लिए शंख खरीदना याद ही नहीं रहा। घर आ कर उसे याद आयी। गांव में पता करवाया कि कहीं से शंख मिल जाए, तो उसे खरीद कर गुरु जी को भेंट करें। लेकिन अफसोस कि उसे गांव में शंख नहीं मिला। अंततोगत्वा वह गुरु जी से मिलने न जा सका। तीन-चार दिन पश्चात् गुरु जी ने उसे बुलवाया तथा कहा कि भई, तुम्हे आये तीन-चार दिन हो गये। परंतु हमारे पास नहीं आये तथा क्या मेरे लिए शंख लाये हो ? शिष्य ने कहाः गुरु जी इस थैले में है। गुरु जी ने थैले में से जिस शंख को निकाला, उसकी बड़ी अजीब सी शक्ल थी। गुरु जी ने अपनी अनभिज्ञता प्रकट न करते हुए उसे बजाया, तो थोड़ी हल्की सी आवाज कर के वह रह गया। गुरु जी ने बहुत कोशिश की कि शंख बज जाए। आखिर हार कर शिष्य से पूछाः भई, यह तुम कैसा अजीब शंख लाए हो, जो पूरी तरह बजता भी नहीं? शिष्य ने कहा, गुरु जी, जब यह जीवित था तो दूर-दूर तक आवाज जाती थी। गुरु जी बोले: तुम्हारा आशय क्या है? शिष्य ने कहा: गुरु जी, गुस्ताखी माफ हो, तो अर्ज करूं कि मैं शंख लाना भूल गया था। इसी पशोपेश में तीन-चार दिन गुजर गये। यह तो एक मरे हुए गधे का सिर है, जिसे मैंने, खरीद से ठीक-ठाक करा कर, शंख का आकार देने की कोशिश की है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.