आरुषि की हत्या में फ्लैट के वास्तु दोषों की अहम भूमिका
आरुषि की हत्या में फ्लैट के वास्तु दोषों की अहम भूमिका

आरुषि की हत्या में फ्लैट के वास्तु दोषों की अहम भूमिका  

व्यूस : 6839 | सितम्बर 2008
आरुषि की हत्या में फ्लैट के वास्तु दोषों की अहम भूमिका कुलदीप सलूजा पाया गया है कि हर हत्या में वास्तुदोषों की भूमिका अहम होती है। कई घरों की बनावट में इतने गंभीर वास्तुदोष जिस घर में हत्या होती है, उसमें उक्त कारणों के अतिरिक्त दो या दो से अधिक गंभीर वास्तुदोष भी होते हैं। यदि किसी के घर में केवल एक गंभीर वास्तुदोष हो तो उस घर में होने वाले हादसे में केवल गंभीर चोट के योग बनते हैं, किसी की मृत्यु नहीं होती। हत्या किस कारण होगी, यह इस पर निर्भर करता है कि उस घर में वास्तुदोष किस दिशा में किस प्रकार का है। परंतु, यह निश्चित है कि हत्या वाले घर का र्नैत्य कोण दोषपूर्ण होता है। जैसे इस कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कुआं या बोरवेल हो अथवा फर्श नीचा हो या फिर दक्षिण या पश्चिम र्नैत्य कोण बढ़ा हो। इसके अतिरिक्त घर का मुख्य द्वार पश्चिम र्नैत्य कोण में हो तो घर के किसी पुरुष सदस्य की और दक्षिण र्नैत्य कोण में हो तो किसी स्त्री सदस्य की हत्या की अत्यधिक संभावना रहती है। हत्या वाले घरों में दूसरा वास्तुदोष ईशान कोण में भी होता है। इस कोण का कटा या कम होना, गोल या ऊंचा होना, वहां टाॅयलेट होना या कोण का कमरे या शेड के कारण ढका होना एक गंभीर वास्तुदोष है। डाॅक्टर तलवार के घर को बाहर से देखने पर ही यह वास्तुदोष साफ दिखाई दे रहा था जो उस फ्लैट में हुए दोहरे हत्याकांड का कारण बना। प्रश्न उठना स्वभाविक है कि उस बहुमंजिल इमारत में डाॅक्टर तलवार के फ्लैट में ही यह घटना क्यों हुई? नोएडा के सेक्टर 25 के एल ब्लाॅक में बने सभी घरों की बनावट अनियमित आकार की है जिनकी सभी दिशाओं में कटाव एवं बढ़ाव है। इन सभी घरों की दिशाएं मध्य में न होकर लगभग 30 डिग्री दाहिनी ओर खिसकी हुई हैं। डाॅक्टर तलवार का घर दूसरी मंजिल पर स्थित है। इस ब्लाॅक की सीढ़ी से ऊपर जाने पर पहली एवं दूसरी मंजिल पर चार-चार फ्लैट हैं और उसके बाद छत है। इन चारों फ्लैटों में डाॅक्टर तलवार का घर दक्षिणमुखी है। बाकी तीन फ्लैटों के द्वार क्रमशः पश्चिम, उत्तर, एवं पूर्वमुखी हैं। डाॅक्टर तलवार के घर का प्रवेश द्वार दक्षिण र्नैत्य कोण पर स्थित है और केवल डाॅक्टर तलवार ने ही अपने मुख्य द्वार (गेट नंबर 1) के सामने वाले पैसेज पर अतिक्रमण करके एक और गेट आगे की तरफ बढ़ाकर लगाया है, जैसा कि चित्र में गेट नंबर 2 दर्शाया गया है। इस बढ़ाव से उनके घर का दक्षिण र्नैत्य बढ़ गया और कचरा फेंकने का स्थान, जो बाहर की ओर था, भी उनके घर का भाग हो गया। इस तरह उस स्थान के कारण दक्षिण र्नैत्य में एक गड्ढा बन गया। गेट के एक तरफ कचरा फेंकने का स्थान और दूसरी तरफ पश्चिम नैर्ऋत्य की ओर उतार ली हुई सीढ़ियां पहले से ही थीं। इस तरह र्नैत्य कोण में यह इस फ्लैट का पहला गंभीर वास्तुदोष था। उक्त दोष के अलावा किसी घर के ईशान कोण में दोषपूर्ण होने पर भी उस घर में हत्या होने की प्रबल संभावना रहती है। इस फ्लैट के ईशान कोण में गोलाई के साथ-साथ कटाव भी है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यहां पर बने सभी फ्लैटों का एक कोना जहां बरामदा है, गोलाई लिए हुए है। डाॅक्टर तलवार के घर का गोलाई वाला भाग ईशान कोण में है, जहां फ्लावर बेड है। इसके विपरीत अन्य फ्लैटों में आग्नेय, र्नैत्य या वायव्य कोण वाला भाग गोलाई व कटाव लिए हुए है। ईशान कोण को छोड़कर किसी अन्य कोण में इस प्रकार की गोलाई या कटाव विशेष वास्तुदोष उत्पन्न नहीं करता है। यहां भी केवल डाॅक्टर तलवार ने ईशान कोण के इस बरामदे वाले भाग को लोहे की ग्रिल लगाकर ढक रखा है। ईशान कोण के ढके होने के कारण भी गंभीर वास्तुदोष उत्पन्न हो गया। डाॅक्टर तलवार के घर में भी आसपास के फ्लैटों की तरह एसी लगे हुए हैं। किंतु केवल डाॅक्टर तलवार के फ्लैट की छत पर ही एक बड़े आकार का वाटर कूलर रखा हुआ है, जिसके टैंक का आकार भी बहुत बड़ा है। इससे जुड़ी नाली से ठंडी हवा फ्लैट में जाती है। यह वही कूलर है जिसके पानी में हत्या के बाद कुछ धोया गया था, क्योंकि पुलिस जांच में उस पानी में खून मिला हुआ पाया गया। यह कूलर फ्लैट की छत के आग्नेय कोण वाले भाग में रखा हुआ है। आसपास दूर-दूर तक किसी भी फ्लैट के ऊपर कूलर नहीं था। इस जंबो के आकार के कूलर का वाटर टैंक भी जंबो के आकार का है। वास्तु सिद्धांत के अनुसार यदि घर के आग्नेय कोण में छत पर वाटर टैंक हो या किसी भी तरह अधिक मात्रा में पानी रखा गया हो तो घर की आर्थिक स्थिति खराब रहती है अथवा परिवार की किसी कन्या को बेवजह बदनामी का सामना करना पड़ता है। इस तरह पानी का यह जमाव डाॅक्टर तलवार की बेटी आरुषि की बदनामी का कारण बना। यहां एक बात ध्यान देने की है कि डाॅक्टर तलवार ने घर की सुरक्षा के लिए एक ओर गेट नंबर 2 बनवाया जो र्नैत्य कोण के दोष का कारण बना और दूसरी ओर ईशान कोण के खुले बरामदे को ढकने के लिए लोहे की जाली लगवाई, जिससे ईशान कोण का दोष और गंभीर हो गया। इस फ्लैट के बाहरी वास्तु का विश्लेषण करने से ही यह बात साफ हो जाती है कि उनकी बेटी और नौकर की हत्या में फ्लैट के वास्तुदोष की भूमिका अहम रही। जिन घरों में ऊपर वर्णित वास्तुदोष हों, उन्हें दूर करवाना चाहिए, अन्यथा वहां रहने वाले परिवार को किसी अनहोनी का सामना करना पड़ सकता है। वास्तुदोषों का निवारण घर की बनावट में वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार परिवर्तन कर किया जा सकता है। छोटे-मोटे वास्तुदोष पिरामिड, पाकुआ या बागुआ दर्पण, घंटियां, क्रिस्टल बाॅल या फेंग शुई की अन्य सामग्री लगाने या पूजा-पाठ आदि करने से भी दूर हो सकते हैं। बेहतर तो यह है कि दोष निवारण के उपाय किसी विशेषज्ञ के परामर्श के अनुसार करें।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.