दीपावली पर करें कुबेर साधना डाॅ. महेश मोहन झा आर्थिक समृद्धि के लिए दीपावली के दिन शिवभक्त कुबेर की उपासना अवश्य करें। यह उपासना दीपावली की रात स्थिर लग्न में ऊनी आसन पर उŸाराभिमुख बैठकर करनी चाहिए। पूजास्थल पर पूजन सामग्री के अलावा स्फटिक, सोना, चांदी या ताम्र पर बना श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, दक्षिणावर्ती शंख, लघु नारियल, गोमती चक्र, 11 कौड़ियां और हल्दी की गांठ की प्राण प्रतिष्ठा करके रखें। पहले गणेश और लक्ष्मी की और फिर कुबेर की पूजा करें। हाथ में फूल लेकर कुबेर का ध्यान करें। इनका वर्ण गरुड़मणि के समान दीप्तिमान, है। सभी निधियां इनके साथ मूर्तिमान होकर इनके पाश्र्वभाग में स्थित हैं। ये किरीट मुकुटादि आभूषणों से विभूषित हैं। इनके एक हाथ में गदा है तथा दूसरा हाथ धन प्रदान करने की वर मुद्रा में उठा हुआ है। ये श्रेष्ठ पुष्पक विमान पर विराजित हैं। इस तरह कुबेर का ध्यान कर फूल यंत्र पर रख दें। हाथ में जल लेकर विनियोग मंत्र पढ़ें- ¬ अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्रवा ऋषिः बृहतीच्छन्दः शिवमित्रं धनेश्वरा देवता ममाभीष्ट सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः। विनियोग के बाद निम्न विधि से ऋष्यादिन्यास करना चाहिए। ¬ विश्रवऋष्ये नमः शिरसि बृहतीच्छन्दसे नमः मुखे शिवमित्र धनेश्वर देवतायै नमः हृदि विनियोगाय नमः सर्वांगे। हृदयादिन्यास ¬ यक्षाय हृदयाय नमः ¬ कुबेराय शिरसे स्वाहा ¬ वैश्रवणाय शिखायै वषट् ¬धनधान्याधिपतये कवचाय हुम धनधान्यसमृद्धिं्र मे देहि नेत्रत्रयाय वौषट दापय स्वाहा अस्त्रायफट्। कुबेर का पंच त्रिंशदाक्षरात्मक मंत्रः ¬ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा। मंत्र का 1008 बार जप करने के उपरांत 108 बार तिल, घृत से हवन करके आरती करें। दीपावली के दिन कुबेर साधना के साथ श्री सूक्त का पाठ एवं दक्षिणावर्ती शंख, लघु नारियल, गोमती चक्र, कौड़ी और हल्दी की स्थापना करनी चाहिए, इससे धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैसे कुबेर यंत्र के पुरश्चरण के लिए एक लाख जप, जप के दशांश हवन, हवन के दशांश तर्पण और तर्पण के दशांश मार्जन शस्त्रों बतलाया गया है।