वास्तु से संवारे अपना कैरियर
वास्तु से संवारे अपना कैरियर

वास्तु से संवारे अपना कैरियर  

कुलदीप सलूजा
व्यूस : 8380 | अप्रैल 2010

आजकल की तेज तर्रार जिंदगी में प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों के कैरियर के प्रति इतने सजग हो गए हैं कि, जैसे ही उनका लड़का या लड़की 10 वीं पास करते हैं वह उसके कैरियर के लिए ऐसी राहंे तलाषने लगते हैं कि, जिससे की उनके बच्चे को अच्छी नौकरी मिल जाए और उनके कैरियर में चार चांद लग जाए।

यदि इस तलाष के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता अपने घर और बच्चों के अध्ययन कक्ष के वास्तु की कुछ छोटी-छोटी किंतु अति महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रख लें तो निष्चिय ही बच्चे का कैरियर स्वर्णीम हो सकता है। वास्तुषास्त्र में दसों दिषाओं में से दो दिषाएं एवं एक कोण ज्ञान प्राप्ति के लिए शुभ बताया गया है। पहली पूर्व दिषा जिसका प्रतिनिधित्व ग्रह सूर्य है। दूसरा ईषान कोण जिसका प्रतिनिधित्व ग्रह गुरु है और तीसरी उत्तर दिषा जिसका प्रतिनिधित्व ग्रह बुध है।

1. अच्छे कैरियर के लिए अध्ययन कक्ष का दरवाजा पूर्व ईषान, दक्षिण आग्नेय, पष्चिम वायव्य या उत्तर ईषान में रखना चाहिए। यहां कहीं भी दरवाजा रखने से कमरे में साज सज्जा (प्लेसमेंट आॅफ फर्नीचर) ज्यादा व्यवस्थित होगी। ध्यान रखें विद्यार्थियों को कभी भी दरवाजे की तरफ पीठ करके अध्ययन नहीं करना चाहिए।

2. यदि सूर्य की सुबह की किरणें स्टडी रूम मंे आती हो तो खिड़की दरवाजे सुबह खोलकर रखना चाहिए। ताकि सुबह के सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ ले सके। पर यदि सूर्य की शाम की किरणें आती है तो बिलकुल न खोलंे। ताकि दोपहर व उसके बाद की नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।

3. अच्छे कैरियर के लिए विद्यार्थियों को घर की पष्चिम दिषा में पूर्व दिषा की ओर मुहं करके पढ़ना-लिखना चाहिए इस स्थिति में विद्यार्थी अपने विषय को बड़ी जल्दी समझ पाते हैं और कम समय में किसी भी विषय को याद कर परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त करते हंै। यदि घर की पष्चिम दिषा में पढ़ने का स्थान न हो तो घर के ईषान कोण स्थित कमरे मंे पूर्व मुखी बैठकर पढ़ना चाहिए। यदि पूर्वमुखी बैठकर पढ़ने की व्यवस्था न हो सके तो ऐसी स्थिति में ईषान कोण या उत्तर दिषा की ओर मुंह करके अध्ययन करना भी शुभ होता है।

4. यदि विद्यार्थी कम्प्यूटर का प्रयोग करते हैं तो कम्प्यूटर आग्नेय से लेकर दक्षिण व पष्चिम के मध्य कहीं भी रख सकते हैं। ध्यान रहे ईषान कोण में कम्प्यूटर कभी न रखें। ईषान कोण में रखा कम्प्यूटर बहुत ही कम उपयोग में आता है।

5. अध्ययन कक्ष में किताबों की अलमारी दक्षिण, पष्चिम में रखी जा सकता है। किताबों की अलमारी वायव्य कोण में ंनहीं रखना चाहिए, क्योंकि यहां से किताबें चोरी होने का भय रहता है। कोषिष करनी चाहिए कि किताबें अध्ययन कक्ष में बिना पल्ले की खुली अलमारी में ना रखें। कपड़े या खेल-कूद का सामान रखने की अलमारी भी दक्षिण-पष्चिम दिषा में ही रखें।

6. अध्ययन कक्ष की दीवार व पर्दे का कलर हल्का पीला, हल्का हरा, हल्का आसमानी, हल्का बादामी हो तो बेहतर है। सफेद रंग करने पर विद्यार्थियों पर सुस्ती छाई रहती है।

7. विद्यार्थियों को किसी बीम या परछत्ती के नीचे बैठकर पढ़ना या सोना नहीं चाहिए इससे मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। जिस कारण अध्ययन ठीक ढंग से न होने के कारण कैरियर प्रभावित होता है।

8. विद्यार्थियों को सदैव दक्षिण या पष्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए। दक्षिण में सिर करके सोने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पष्चिम में सिर करके सोने से विद्यार्थियों में पढ़ने की ललक बनी रहती है।

9. अध्ययन कक्ष के ईषान कोण में अपने आराध्य देव की फोटो लगानी चाहिए साथ ही कक्ष की अन्य दीवारों पर महापुरूषों और अपने चहेते सफल व्यक्तियों के चित्र लगाने चाहिए। जिनकी प्रेरणा से कैरियर संवरता है।

10. यदि अध्ययन कक्ष मंे एक से अधिक बच्चे पढ़ते हैं तो उनके हंसते मुस्काते हुए सामूहिक फोटो कक्ष में अवष्य लगायें इससे उनमे मिल जुल कर रहने की भावना विकसित होगी। जो कैरियर बनाने में सहायक होगी।

11. अध्ययन कक्ष में पीने के पानी की व्यवस्था कक्ष के उत्तर दिषा, ईषान कोण या पूर्व दिषा में करना चाहिए।

12. अनुभव में आया है कि, अध्ययन कक्ष में खाने की वस्तुएं जैसे बिस्किट, चना, मंुग फली, स्नैक्स, इत्यादि इस तरह की थोड़ी बहुत खाने पीने की चीजें रखने एवं खाने से ज्ञान बढ़ता है तथा पढ़ाई में नाम रोषन होता है।

13. इसी प्रकार यदि घर के ड्राईंग हाॅल के अंदर ही घर का खाद्यान्न रखा जाए या स्टोर रूम ड्राईंग हाॅल से जुड़ा हुआ हो तो उस घर के लोग बुद्धिमान और अक्लमंद होते हैं, लेखक होते हैं।

14. जिन घरों में उत्तर दिषा में पूजा घर होते हैं उस घर की सबसे छोटी बेटी या बेटा उच्च षिक्षा प्राप्त करते हैं।

15. जिन घरों में पूजा का स्थान न होने के कारण ड्राईंग हाॅल के अंदर ही देवी-देवताओं की तस्वीर लगाई जाती हैं या पूजा की जाती है उस घर के सभी सदस्य बुद्धिमान होते हंै।

16. अध्ययन कक्ष के साथ यदि टायलेट हो तो उसका दरवाजा हमेषा बंद रखें। टायलेट को ज्यादा ना सजाएं, किंतु टायलेट की साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।

17. ध्यान रहे यदि घर के सामने वाले भाग के दोनों तरफ की खिड़कियां टूटी-फूटी और पुरानी हांे तो बेटे-बेटियों की पढ़ाई लिखाई में भी इसका बुरा असर पड़ता है।

18. इसी प्रकार घर के अंदर प्रवेष वाले हाॅल का फर्ष खराब हो रहा हो, या उसमें कबाड़ भर रखा हो तो मानसिक अंषाति रहती है, बच्चों के साथ आपसी समझ की कमी रहने से कैरियर प्रभावित होता है।

19. यदि आप अच्छा करियर बनाना चाहते हैं तो स्टडी रुम में अनावष्यक पुरानी किताबें व कपड़े न रखें।

अर्थात् किसी भी प्रकार का कबाड़ा कमरे मे नहीं होना चाहिए। कमरे में डस्टबिन अवष्य रखना चाहिए। वास्तु के नियमों का पालन करने से विद्यार्थी को बहुत ज्यादा समय अध्ययन के लिए अध्ययन कक्ष में बिताने की जरुरत नहीं रहेगी उन्हें अन्य गतिविधियों जैसे खेलना कूदना इत्यादि के लिए समय भी मिलेगा साथ ही विद्यार्थी अच्छे नंबरों से पास होकर अपने कैरियर और अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकेंगे।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.