महामहिम प्रणब मुखर्जी: श्री प्रणब मुखर्जी को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा। वर्तमान में उनकी जन्मकुंडली में विंशोत्तरी दशा में शनि की दशा में मंगल के अंतर में चंद्रमा का प्रत्यंतर रहेगा जो उन्हें दुबारा राष्ट्रपति न बनने की इच्छा प्रकट कराएगा। वे स्वास्थ्य और बड़ी उम्र का हवाला देकर सेवा मुक्त होना चाहेंगे। माननीय श्री मोहन भागवतः वर्तमान में मोहन भागवत जी के ग्रह गोचर में शनि, मंगल, बृहस्पति, राहु, केतु अच्छी स्थिति में नहीं हैं। विंशोत्तरी दशा में बृहस्पति की दशा में बुध का अंतर और राहु का प्रत्यंतर अच्छा नहीं है। उनके पास एक बड़ा पद है वे राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं।
ग्रह योग इस समय उनको कोई नया पद नहीं देंगे वे राष्ट्रपति नहीं बनेंगे। श्री अमिताभ बच्चन: इनकी जन्मकुंडली बहुत शक्तिशाली है इसमें कई राज योग भी हैं लेकिन जुलाई 2017 में राहु-केतु मूल जन्म की स्थिति में हैं। विंशोत्तरी दशा में शुक्र की दशा है जो अपनी नीच राशि में है अतः ये भी राष्ट्रपति नहीं बन पाएंगे। रतन टाटा: इनके ग्रह योग अच्छे नहीं हैं। विंशोत्तरी दशा में सूर्य की दशा चल रही है। अंतर प्रत्यंतर अच्छा नहीं है। ग्रह गोचर में शनि, राहु, केतु, बृहस्पति अच्छे नहीं हंै, ये भी राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं। एन. आर. नारायणमूर्ति: इनके ग्रह योग अच्छे हैं, लेकिन राजयोग कारक शनि के अंतर में शुक्र का प्रत्यंतर अच्छा नहीं है।
ग्रह दशाएं चुनाव के समय अच्छी नहीं हैं। ये भी राष्ट्रपति नहीं बन सकते। रजनीकांत: चुनाव के समय ग्रह योग, गोचर के शनि एवं राहु-केतु अच्छे नहीं हैं। ये भी राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं। श्री लाल कृष्ण आडवाणी: चुनाव के समय इनकी दशा, अंतर्दशा अच्छी नहीं चल रही है अतः इनका भी राष्ट्रपति बनना असंभव है। डाॅ. मुरली मनोहर जोशी: इनके ग्रह योग अच्छे नहीं हैं। ये भी राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं। द्रौपदी मुर्मू: इनके ग्रह योग अच्छे नहीं हैं अतः ये भी राष्ट्रपति नहीं बन सकती हैं। व्यय के गोचर का शनि अवरोधक है। श्रीमती सुषमा स्वराज: श्रीमती स्वराज की कुंडली में भी विभिन्न राजयोग हैं।
बहुत प्रभावशाली जन्मपत्री है लेकिन जुलाई 2017 में बुध की दशा में राहु के अंतर में बुध का प्रत्यंतर अच्छा है, लेकिन गोचर में ग्रह योग अच्छे नहीं हैं। इन्हें गोचर के राहु केतु राष्ट्रपति नहीं बनने देंगे। श्री वेंकैया नायडू: 2000 से 2002 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। ये भाग्य के धनी हैं। इनकी जन्मकुंडली में कई राजयोग हंै। ये जीवन के सबसे अच्छे समय से गुजर रहे हैं। ये भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। ये योगकारक शनि और बुध की दशाओं से गुजर रहे हैं। अगर ये राष्ट्रपति बन जाएं तो आश्चर्य नहीं होगा। भारतीय राजनीति में संपूर्ण विपक्ष मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार भी उतार सकता है जिसकी संभावना है।
वे भी इस शोध में सम्मिलित किये गए हैं जो इस प्रकार से हैं: श्री शरद पवार: इनकी जन्मकुंडली में कई राजयोग हैं लेकिन इनका राजयोग अब समाप्त हो गया है। इन्हें इस समय कोई बड़ा पद नहीं मिल सकता है। जुलाई में जब राष्ट्रपति चुनाव होंगे उस समय इनकी शनि की विंशोत्तरी दशा और बृहस्पति के अंतर में शुक्र का प्रत्यंतर रहेगा। इनका शनि अपनी नीच राशि में वक्री है। बृहस्पति छठे घर में चंद्रमा के साथ गजकेसरी योग बना रहा है। शनि, राहु, केतु गोचर में अच्छा नहीं। क्षेत्रवाद भी चलेगा लेकिन सब कुछ के बाद भी वे राष्ट्रपति नहीं बन पाएंगे। श्रीमती मीरा कुमार: इनके ग्रह योग भी जुलाई 2017 में अच्छे नहीं हैं।
विंशोत्तरी दशा तथा ग्रह गोचर इस समय अच्छे नहीं है। अतः ये भी राष्ट्रपति नहीं बनेंगी। निष्कर्ष: जुलाई 2017 में होने वाले चुनाव में संभावित राष्ट्रपति के उम्मीदवारों की सभी जन्मकुंडलियों का अध्ययन करके सत्ता पक्ष और विपक्ष से जुड़ी जन्मकुंडलियों के ग्रह, दशाओं, जुलाई 2017 के गोचर के अध्ययन और ज्योतिषीय विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि श्री वेंकैया नायडू के ग्रह, नक्षत्र, गोचर सभी संभावित उम्मीदवारों से अच्छे हैं अतः इनका राष्ट्रपति बनना तय है। विशेष: यह लेख ‘ज्योतिष एक विज्ञान है’ इस सत्य को सिद्ध करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसका किसी भी संस्था और व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है और न ही संबंध जोड़कर इसे देखा या पढ़ा जाये।