क्या आपके ग्रह देंगे उत्पादन इकाई
क्या आपके ग्रह देंगे उत्पादन इकाई

क्या आपके ग्रह देंगे उत्पादन इकाई  

नीलम शर्मा
व्यूस : 6158 | जनवरी 2006

उत्पादन कार्य एक जटिल, महंगा तथा तकनीकी कार्य रहा है। आज के प्रतिस्पर्धी युग में यह और भी जोखिम भरा तथा पेचीदा हो चला है। हर व्यक्ति, जो उत्पादन से जुड़ना चाहता है, उत्पादन कार्य में हाथ डालने से पहले ही इसकी सफलता को लेकर चिंतित हो जाता है। यह उचित भी है क्योंकि उसकी असफलता उसे मानसिक तथा आर्थिक दिवालियेपन की तरफ पहुंचा सकती है

 किसी भी व्यक्ति को उत्पादन कार्य में सफलता के लिए चाहिए एक चतुर दिमाग, मजबूत इरादे, अच्छी वित्तीय स्थिति, धैर्य, सहनशीलता, अच्छी संगठन क्षमता, कुशल प्रशासन क्षमता, आत्मविश्वास, जोखिम लेने का साहस, अत्याधुनिक तकनीकी ज्ञान जो साथ-साथ बढ़ता रहे, अपने उत्पादन की श्रेष्ठता, उपयोगिता तथा उसके लोकप्रिय होने की दूर दृष्टि, संसाधनों का सही प्रयोग इत्यादि। आइए देखें कि किसी व्यक्ति के उत्पादन इकाई लगाने में ग्रहों का क्या योगदान होता है।

सूर्य: आत्म विश्वास, दृढ़ निश्चय, निरोगी काया, भाग्य, नाम, यश, सरकारी सहायता, पिता की सहायता, विवेकपूर्ण निर्णय, गंभीरता, बड़प्पन, दूर दृष्टि।

चंद्र: मन तथा धन की स्थिति, राजकीय अनुग्रह। चंद्र राशि होने के कारण गोचर की दशाएं यहीं से देखी जाएंगी।

मंगल: जोश, उत्साह, उत्तेजना, पराक्रम, कुछ कर गुजरने की तीव्र इच्छा, तर्क शक्ति, ऊहापोह, शत्रु पर विजय, दृढ़ निश्चय, जमीन जायदाद या अचल संपत्ति, प्रतियोगिता में मुकाबला और कोर्ट कचहरी के विवादों को निपटाने की शक्ति।

बुध: बुध इलेक्ट्राॅनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यक्ति को नई-नई जानकारियां देता है। उत्पादित वस्तु को जनता में लोकप्रिय बनाने के नए-नए आयाम ढंूढने का कार्य बुध करता है। बुध ही बुद्धि तथा वाणी का स्वामी है।

गुरु: पूंजी की व्यवस्था बृहस्पति करता है। कुशल प्रबंधन क्षमता, स्थायी संपत्ति, भवन, कार्य के प्रति गंभीरता, समृद्धि तथा परिपक्वता का कारक गुरु है।

शुक्र: सांसारिक तथा व्यावहारिक सुख, चतुरता, वक्त के अनुसार खुद को ढालने की कला, वाणी में मधुरता, वाहन, चल संपत्ति, विज्ञापन, ऋण, व्यवसाय का स्तर, (सधारण, मध्यम, उच्चतर) आदि का निर्धारण शुक्र करता है। ऊपरी दिखावा, असलियत को छिपाने वाली शान-शौकत आदि का कारक भी शुक्र ही है।

शनि: शनि व्यवसाय की लंबी आयु, लंबी तथा नियोजित योजनाओं, मशीनरी, मजदूर वर्ग, अत्यधिक परिश्रम, धैर्य, सही वक्त के इंतजार का कारक है।

राहु: चतुरता, रहस्य, विदेश यात्राओं, विदेशी लोगों से संपर्क, विदेशी संस्कृति, आयात, निर्यात, अलग अलग भाषाओें इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, वायुयान, नवीनतम तकनीकी ज्ञान, विषय को समझने की गहराई, जोखिम लेने के साहस तथा जोखिम को भांपने की क्षमता, गुप्त शक्ति, निवेश से धन प्राप्ति, कभी-कभी त्रुटि के कारण गलत निर्णय, दूसरों के प्रभाव में आकर अपना नुकसान करने आदि का कारक राहु है।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


केतु: यह सूक्ष्म ज्ञान का कारक है। कलपुर्जे तथा मशीन की मरम्मत, भय की स्थिति, कठिन कार्य आदि यही करवाता है। अड़चनों तथा कठोर परिश्रम के बाद सफलता देता है। इस तरह से ये ग्रह अपनी अपनी भूमिका निभाते हैं। एक उद्योगपति को इन दशाओं से गुजरते समय ऐसे हालात का सामना करना पड़ सकता है। उत्पादन में अग्रणी कुछ विशेष ग्रह हैं मंगल, शनि तथा बुध। मंगल पराक्रम, शनि जीविका तथा बुध बुद्धि का कारक है।

क्रूर ग्रह: शनि, मंगल और सूर्य ऊर्जा तथा यंत्र शक्ति से जोड़ते हैं। गुरु का आशीर्वाद स्थायित्व प्रदान करता है। अतः गुरु सृजन का विचार देता है। मंगल से जीवंतता मिलती है, बुध सृजन को जीवंतता में बदलने की बुद्धि देता है जबकि शनि कार्य को पूर्ण करने के लिए साधन जुटाता है।

पैरामीटर:

1. लग्न/लग्नेश

2. दशम/दशमेश

3. भाव: द्वितीय, तृतीय तथा नवम

4. वर्ग: डी-9, डी-10

5. योगकारक दशाएं

6. कुछ विशेष योग जैसे पंचमहापुरुष योग, विपरीत राजयोग, नीच भंग राजयोग छठे, आठवें और 12वें भावों के अधिपतियों का आपस में संबंध। उच्च या नीच के ग्रह बहुत तेजी से प्रभाव दिखाते हैं।

लग्न तथा लग्नेश की दमदार स्थिति किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमता देती है। कई बार व्यक्ति स्वयं अपनी संस्था शुरू करता है और कई बार यह उसे विरासत में प्राप्त होती है। हम उदाहरण में दोनों तरह की कुंडलियां लेंगे। यह भी देखेंगे कि दशाओं ने किस तरह से विकास करवाया तथा प्रतिभा को निखारा। उत्पादन किस क्षेत्र से संबंधित होगा यह दशमेश की स्थिति से पता चलता है।

यहां हम केवल यह देखेंगे कि यह प्रवृत्ति बनाने में कौन से ग्रह मुख्य भूमिका निभाएंगे। शनि, मंगल और बुध केंद्र स्थानों तथा पंचम को जरूर प्रभावित करते हैं। विरासत वाली स्थिति में द्वितीय भाव तथा द्वितीयेश भी बली होते हैं। साथ ही नवम भाव भाग्य का बली होना बताता है।

उदाहरण - 1 13.1.1950, 01.33, दिल्ली, महादशाएं: जन्म से राहु-गुरु-शनि-बुध उत्पादन शुरू करने का समय: 1984/85 उत्पादन: प्लास्टिक बैग पैरामीटर का अवलोकन:

Û हंस योग तथा वर्गोत्तम सूर्य Û छठे, आठवें और 12वें भावों के अधिपति एक साथ युति में।

Û मंगल, बुध तथा गुरु का प्रभाव केंद्रों पर पड़ रहा है।


For Immediate Problem Solving and Queries, Talk to Astrologer Now


Û तीन ग्रह वक्री हैं। यह योग असंभव या मुश्किल कार्य को भी हल करने की क्षमता तथा अच्छा तकनीकी ज्ञान देता है।

Û दशांश कुंडली में शनि का नीच भंग मंगल से हो रहा है। कुंडली पूरी तरह से शनि, मंगल, सूर्य और राहु के प्रभाव में है। इसलिए शनि/राहु की दशा में रसायन से संबंधित कार्य शुरू हुआ।

Û शनि की महादशा फलने फूलने में सहायक हुई।

उदाहरण - 2 01.11.1978, 12.05 रात्रि, दिल्ली जन्म से दशाएं मिलीं राहु-गुरु-शनि। उत्पादन इकाई पैतृक संपत्ति के रूप में प्राप्त हुई।

Û जातक का जन्म सुंदर अभिजित मुहूर्त में हुआ। कर्क लग्न अपने आप में राजयोग कारक है जिसने जन्म के साथ ही परिवार तथा भाग्य की स्थिति प्रबल योगकारक बना दी।

Û हंस योग तथा मालव्य योग इस पत्रिका के विशेष आभूषण हैं।

Û सूर्य का नीच भंग राजयोग बन रहा है।

Û द्वितीयेश तथा नवमेश की प्रबल स्थिति परिवार से व्यवसाय की प्राप्ति दर्शाती है।

Û तीनों कुंडलियों में सूर्य-चंद्र की युति शनि से प्रभावित है।

Û उच्च के गुरु की 16 साल की दशा ने स्थिति को और मजबूत बनाया तथा शनि ने प्लास्टिक व्यवसाय से जोड़ा। उदाहरण - 3 30.06.1970, 21.10, अमृतसर उत्पादन कार्य: कपड़ा बनाने का कारखाना (विरासत में प्राप्त) दशाएं मिलीं चंद्र-मंगल-राहु-गुरु।

Û शस योग के अलावा छठे और आठवें भावों के अधिपतियों का आपस में संबंध Û नीच भंग राजयोग और शनि का द्वितीयेश होकर चतुर्थ में बैठकर दशम को प्रभावित करना दोनों परिवार से व्यवसाय की प्राप्ति के द्योतक हैं।

Û भाग्येश बुध भी द्वितीयेश शनि से दृष्ट है।

Û गुरु की दशा हाल में शुरू हुई है। यह व्यक्ति अपने वर्तमान कार्य के साथ-साथ अब जींस के कपड़ों का उत्पादन भी शुरू करने जा रहा है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.