खजराना के गणेश मंदिर में घटते दर्शनार्थी
खजराना के गणेश मंदिर में घटते दर्शनार्थी

खजराना के गणेश मंदिर में घटते दर्शनार्थी  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 5342 | सितम्बर 2007

जब भी कोई स्थान वैभव एवं प्र सिद्धि पाता है तो निश्चितरूप से वह वास्तु के अनुकूल होता है। इसका एक सुंदर उदाहरण है इन्दौर स्थित प्रसिद्ध खजराना गणेश मन्दिर। यह मन्दिर इंदौर और उसके आसपास के क्षेत्रांे में बहुत प्रसिद्ध है। इस प्रसिद्धि का मुख्य कारण मंदिर का वास्तु के अनुकूल होना है।

इस स्थान की प्रसिद्धि धार्मिक कारण से हुई क्योंकि इसके पश्चिम भाग में एक कुआं है। वास्तु का सिद्ध ांत है कि जिस भवन के पश्चिम में पानी का भूमिगत स्रोत होता है वहां धार्मिकता होती है। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भी पश्चिम में ही जलकुंड हैं और वैष्णो देवी में भी पश्चिम दिशा में ही पहाड़ों का पानी बहता है।

आज से लगभग चार-पांच वर्ष पूर्व तक मंदिर की लोकप्रियता इतनी थी कि बुधवार को दूर-दूर से यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आया करते थे। दर्शन के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर घंटों इंतजार करते थे। खूब चढ़ावा चढ़ाते थे, मन्नतें मांगते थे। मंदिर की आय भी असीमित थी। किंतु आज वह बात नहीं है। आज यहां बिना कतार में लगे दर्शन हो जाते हैं क्योंकि आज से लगभग पांच वर्ष पूर्व मंदिर के प्रांगण का सौंदर्य एवं सुविधाएं बढ़ाने के लिए यहां निर्माण कार्य किए गए। ये निर्माण कार्य कुछ इस प्रकार हुए कि मंदिर के वास्तु की अनुकूलता कम हो गई व वास्तुदोष उत्पन्न हो गए।

परिणामस्वरूप मंदिर की आय व यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पांच वर्ष पूर्व की तुलना में कम हो गई है। पुजारी वर्ग के आपसी विवादों के कारण आज यह मंदिर शासन के नियंत्रण में है और अब इसकी देखरेख शासन द्वारा की जा रही है।

निर्माण कार्य के दौरान जो वास्तुदोष यहां उत्पन्न हुए वे इस प्रकार हंै: मंदिर का ईशान कोण पहले 90 डिग्री का था जिसे गोल कर दिया गया और मुख्यद्वार आगे बढ़ाकर बनाया गया जिसके कारण ईशान कोण कट गया। ईशान कोण का कटना एक गंभीर वास्तुदोष है। जिस कुंड का जल पहले इतना साफ था कि श्रद्धालु उस जल का आचमन करते थे, वह आज हारफूल, अगबत्ती, प्लास्टिक इत्यादि का डस्टबिन बनकर रह गया है। इससे मंदिर में चढ़ावा बहुत कम हो गया है।

मंदिर परिसर के पूर्व से उत्तर दिशा में बहने वाला नाला, जो कुछ सालों पहले काफी चैड़ा था और जिसमें साफ पानी बहता था, आज बढ़ते अतिक्रमण के कारण काफी संकरा हो जाने के फलस्वरूप गंदे नाले में तब्दील हो गया है।

इससे मंदिर की आय में ऋणात्मक परिवर्तन हुए। वास्तु एवं फेंग शुई के सिद्धांतों के अनुसार स्वच्छ पानी को संपत्ति माना गया है। मंदिर परिसर में आने के लिए दक्षिण र्नै त्य में एक मार्ग है जहां से लोग अपनी नई खरीदी गई कार, स्कूटर या अन्य वाहन लेकर पूजा करवाने आते हंै। दक्षिण? र्नैत्य की यह सड़क इस मंदिर के लिए अशुभ है। यह एक अत्यंत गंभीर वास्तुदोष है। किसी भी भवन में र्नै त्य कोण का द्वार गंभीर वास्तुदोष होता है।

If you are facing any type of problems in your life you can Consult with Astrologer In Delhi



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.