प्रश्न: क्या वास्तु द्वारा भाग्य बदला जा सकता है?
उत्तर: वास्तु द्वारा कदापि अपना भाग्य नहीं बदल सकते। लेकिन ईश्वर ने मनुष्य को कर्मशील बनाया है एवं कर्म करने से वह अपने दुःखों को कम अवश्य कर सकता है। इसी प्रकार वास्तु दोष निवारण द्वारा अपने दुःख अवश्य कम किये जा सकते हैं। लेकिन पूर्णतया दोष निवारण हो जाए, यह मुमकिन नहीं।
प्रश्न: यदि घर में बीमारी है, तो क्या वास्तु दोष निवारण द्वारा बीमारी को दूर भगाया जा सकता है?
उत्तर: कुछ बीमारियां वास्तु दोषजन्य होती हैं। उनको वास्तु दोष निवारण द्वारा ठीक किया जा सकता है, या उनमें कमी लायी जा सकती है, जैसे दमा, घुटनों में दर्द एवं खांसी आदि। लेकिन कुछ रोगों का कारण शरीर की क्षमता, या कुंडली ही होती है। ऐसे रोगों को वास्तु दोष द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता।
प्रश्न: क्या वास्तु द्वारा घर की दरिद्रता दूर की जा सकती है?
उत्तर: यदि दरिद्रता वास्तु दोषों के कारण है, तो यह अवश्य ठीक की जा सकती है, जैसे घर में कलह हो, तो लक्ष्मी नहीं टिकती। लेकिन कभी-कभी दरिद्रता भाग्य में ही, अर्थात जन्मकुंडली में ही विद्यमान होती है। उसे वास्तु द्वारा दूर नहीं किया जा सकता।
प्रश्न: किराये के घर में भी क्या वास्तु की प्रांसगिकता होती है?
उत्तर: घर किराये का हो, या अपना और केवल अस्थायी रूप से उसमें रह रहे हों, जैसे होटल इत्यादि में, हर जगह वास्तु पूर्ण रूप से प्रासंगिक होता है। जिस प्रकार से किसी नाव में जा रहे हों और नाव में सुराख हो जाए,तो अवश्य ही डूब जाएंगे, चाहे वह नाव अपनी हो, या किराये की, या फिर केवल उसमें यात्रा कर रहे हों।
प्रश्न: जीवन पर देश या शहर के वास्तु का अधिक प्रभाव होता है, या घर के वास्तु का?
उत्तर: देश और शहर का वास्तु घर के वास्तु से ऊपर होता है। जिस प्रकार हवाई जहाज से जा रहे हों और हवाई जहाज खराब हो जाए, तो जीवन भी हवाई जहाज के साथ नष्ट हो जाएगा, उसी प्रकार से यदि देश में युद्ध होता है, या देश उन्नति करता है, तो उसके सभी नागरिकों पर उसका असर पड़ता है। लेकिन फिर भी अपने घर का वास्तु देश के वास्तु के औसतन वास्तु फल से ऊपर, या नीचे ले जा सकता है। देश का वास्तु ठीक नहीं कर सकते, लेकिन घर का वास्तु ठीक कर के अपने आप को समृद्धिशाली अवश्य बना सकते हैं।
प्रश्न: यदि घर में वास्तु दोष है, तो क्या बिना तोड़े-फोड़े वास्तु द्वारा दोष का निवारण हो सकता है?
उत्तर: वास्तु के कुछ दोष ऐसे होते हैं, जो बिना आॅपरेशन किये, अर्थात् तोड़े-फोड़े ठीक नहीं हो सकते। लेकिन कुछ दोषों में, बिना तोड़े-फोड़े भी, अल्पता लायी जा सकती है, जैसे शौचालय का ईशान में होना, या रसोई घर का आग्नेय में नहीं होना। इन दोषों को उपाय द्वारा ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि घर का दालान उल्टा हो, या नैर्ऋत्य में कुंआ हो, तो उपाय पूर्ण रूप से कारगर नहीं होते।
प्रश्न: आम मनुष्य कैसे जाने कि घर वास्तु के अनुकूल है, या नहीं?
उत्तर: यदि किसी स्थान में प्रवेश करने से पहले या वर्तमान आवास में साज-सज्जा, या काम करवाने से पहले कारोबार ठीक चलता था, या शांति रहती थी और केवल स्थान परिवर्तन के बाद कारोबार नीचे गिर रहा हो, या घर में शांति नहीं रहती हो, जबकि पूर्ण लगन और क्षमता से कार्य कर रहे हों, तो इसका तात्पर्य है कि स्थान में वास्तु दोष है। अपनी जन्मकुंडली से भी जान सकते हैं कि ग्रह अनुकूल हैं, या नहीं। यदि ग्रह अनुकूल होने पर भी सफलता नहीं मिल रही है, तो अपने घर का वास्तु किसी वास्तु शास्त्री से अवश्य ठीक करवाएं।
प्रश्न: यदि घर में वास्तु दोष है और जीवन भी पूर्णतः सुखी और शांत है, तो क्या तबभी वास्तु दोष का निवारण करना चाहिए?
उत्तर: कई बार यदि ग्रह स्थिति अनुकुल होती है, तो वास्तु दोष महसूस नहीं होता है। लेकिन जब ग्रह स्थिति बदलती है, तो वास्तु दोष प्रभावी हो जाता है। यह इसी प्रकार से है, जैसे किसी बड़ी नाव में यदि छेद हो, तो आवश्यक नहीं कि डूब जाएंगे। लेकिन यदि बहुत समय तक उसी नाव में बैठ कर यात्रा करते रहंे, तो एक समय ऐसा आएगा कि नाव डूब जाएगी।
प्रश्न: फेंग सुई और वास्तु के नियमों में भिन्नता है। किसकी मानें?
उत्तर: फेंग सुई का मूल चीन में होने के कारण इसके नियम वास्तु के नियमों से भिन्न हैं, जो वहां की स्थिति के अनुसार ठीक हैं। दोनों को मिला कर उपाय करना ठीक नहीं है। भारत में भारतीय वास्तु नियम ही पूर्ण रूप से लागू होते हंै।
प्रश्न: क्या फेंग सुइ के उपायों से वास्तु दोष निवारण हो सकता है?
उत्तर: फेंग सुइ के उपाय खुशी का मनमोहक वातावरण पैदा करते हैं। यही वास्तु का भी मूल सिद्धांत है। अतः फेंग सुइ के उपाय वास्तु दोष दूर करने में सक्षम हैं।
प्रश्न: वास्तु दोष निवारण यंत्र का क्या महत्व है?
उत्तर: वास्तु दोष निवारण यंत्र स्थापित करने से छोटे-छोटे वास्तु दोषों का निवारण आवश्यक नहीं रह जाता एवं ध्ानात्मक ऊर्जा का सृजन होता है।
प्रश्न: वास्तु में पिरामिड शक्ति का क्या महत्व है?
उत्तर: पिरामिड द्वारा धनात्मक ऊर्जा को केंद्रित कर लिया जाता हैं। अतः पिरामिड का उपयोग कई प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करता है।
प्रश्न: क्या दीवारों का रंग बदलने से वास्तु दोष का निवारण होता है?
उत्तर: वास्तु में रंगों का बहुत महत्व है। हर दिशा का अपना स्वामी एवं रंग है। यदि दिशानुसार दीवारों पर रंग कराते हैं, तो वे कई प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करते हैं।
प्रश्न: वास्तु के अनुरूप सज्जा करने से क्या वास्तु दोष निवारण हो सकता है?
उत्तर: वास्तु का सही अर्थ में यही उपयोग है कि स्थान में आकर्षण हो एवं वायु मंडल शुद्ध हो। अतः कोई भी सज्जा वास्तु के अनुरूप होगी, तो अवश्य अच्छी लगेगी, या कोई भी सज्जा यदि मनमोहक लगती है, तो वह अवश्य वास्तु के अनुरूप होगी।
प्रश्न: वास्तु शास्त्री को बुलाये बिना क्या अपने घर का वास्तु खुद ठीक कर सकते हैं?
उत्तर: पुस्तकों से पढ़ कर कुछ हद तक वास्तु दोष निवारण कर सकते हैं। लेकिन कई बार कुछ महत्वपूर्ण विषय छूट जाते हैं, या कुछ अनावश्यक विषयों पर अधिक सोचते रहते हैं। अतः एक ज्ञानी वास्तु शास्त्री से परामर्श करना अवश्य ही उचित रहता है।