प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का एक सपना है भारत को औद्योगिक एवं व्यापार समृद्ध देश बनाने का। इसी के अंतर्गत उन्होंने व्यापार में नये कदम रखने वालों के लिए स्टार्टअप इंडिया (Startup India) के नाम से एक योजना शुरू की है। यह योजना पहली बार व्यापार शुरू करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। ऐसे सभी व्यक्ति जो व्यापार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं या शुरू कर चुके हैं उन सभी के लिए अपने व्यापार को समृद्ध बनाने के लिए निम्न वास्तु नियमों का ध्यान रखना उपयोगी सिद्ध हो सकता है
किसी भी व्यापार को प्रारंभ करने से पहले उसका एक नाम रखा जाता है, एक लोगो बनाया जाता है, कंपनी के नाम को एक प्रभावशाली आकार में अंकित किया जाता है, साथ ही उसके लिए विजिटिंग कार्ड, लैटर हैड और उसी रंग में साईन बोर्ड डिजाइन किये जाते हैं जो कंपनी की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। अच्छे सुंदर व भिन्नता लिए हुए प्रतीक चिह्न जल्द ही मस्तिष्क में चिन्हित हो जाते हैं। यदि लोगो, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड वास्तु अनुसार बनाए जाएं तो अवश्य ही उनकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव, कंपनी की कार्यक्षमता, कार्यशैली व लाभ पर पड़ता है। आइए जानें ज्योतिष व वास्तु के अनुरूप कंपनी का नाम, विजिटिंग कार्ड, लोगो, लेटरहेड और अन्य आवश्यक सामग्री बनाने के नियम -
कंपनी का नाम
- कंपनी की नाम राशि और व्यापारी की राशि में मित्रता होनी चाहिए।
- कंपनी के नाम का नामांक और व्यापारी के नाम के नामांक में मित्र संबंध होना चाहिए। इसमें प्रा. लिमिटेड जैसे शब्दों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
- कंपनी के नाम का रंग व्यापार की प्रकृति के अनुसार होना चाहिए।
व्यापार की प्रकृति के अनुसार कंपनी के लोगो, विजिटिंग कार्ड, लेटर हैड
साइन बोर्ड व वर्दी के रंग की निर्धारण तालिका
व्यापार की प्रकृति |
रंग |
कंप्यूटर से जुड़े व्यापार |
नीला व स्लेटी (ग्रे) रंग |
शैक्षिक कार्यों से जुड़े व्यापार |
हरा व पीला रंग |
क्रय-विक्रय व खान-पान |
लाल व पीला रंग |
व्यापार की प्रकृति |
रंग |
कला क्षेत्र |
हरा, पीला, गुलाबी, बैंगनी व मिश्रित रंग |
महिलाओं की वस्तुओं से जुड़े व्यापार |
गुलाबी व बैंगनी |
बच्चो से जुड़े व्यापार |
नीला, गुलाबी, हरा व मिश्रित |
लोहे व हार्डवेयर से जुड़े व्यापार |
गहरा नीला व काला |
दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं से जुड़े व्यापार |
हरा रंग |
स्वास्थ्य से संबंधित व्यापारिक क्षेत्र |
नीला, हरा व सफेद रंग |
वस्त्र उद्योग |
काला व लाल रंग |
ज्वैलरी उद्योग |
काला व महरून सहित सुनहरी व सिल्वर रंग |
- कंपनी का नाम बड़े अक्षरों में सुंदर सहज और स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए जिससे आसानी से पढ़ा जा सके। यह कंपनी को सुदृढ़ एवं विश्वसनीय बनाता है।
व्यापारिक लोगो
दुनिया में लगभग हर कंपनी का अपना ‘‘लोगो (LOGO)’’ होता है। यह लोगो ही होता है जो आगे चलकर कंपनी की पहचान बनता है। कोई भी कंपनी जब बड़ा ब्रांड बन जाती है तो ये लोगो ही होता है जो मार्किट में बिकता है। किसी भी कंपनी के लोगो में हर लाइन, कर्व, कलर, नाम हर एक चीज का अपना एक अलग मतलब होता है। कंपनी का लोगो उसकी सबसे बड़ी पहचान होता है।
लेकिन साथ ही क्रिएटिविटी का नमूना भी, जिसमें बड़े आराम से अपनी कंपनी के उद्देश्यों को सांकेतिक भाषा में समझाया जा सकता है। यह कंपनी की पहचान होने के साथ साथ इसमें कुछ संदेश भी छिपे होते हैं। इसका वास्तु अनुरुप होना व्यापार वृद्धि में दिन दौगुणी रात चैगुणी बढ़ोतरी करता है। लोगों का डिजाइन बनवाते समय वास्तु के अनुसार निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए -
- लोगो का डिजाइन सहज एवं व्यापार का प्रतीक होना चाहिए लोगो जितना सरल होता है उतनी ही व्यापार की आयु अधिक होती है।
- जहां तक हो सके चिन्ह और संकेत ऊर्द्ध्वागामी होने चाहिए। लोगो बनाते समय ध्यान रखें कि छूरी और तलवार जैसे नुकीले पाॅइंट न हों। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो कार्यों पर बुरा प्रभाव डालती है। नकारात्मक चिन्ह और संकेतों से बचना चाहिए।
- कंपनी के लोगो का रंग कंपनी के व्यापार की प्रकृति के अनुसार होना चाहिए।
- लोगो को उच्च तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक युक्त बनवाकर इसे लकड़ी की धातु पर हल्के रंगों से सजवायें, और कार्यालयों की दीवारों पर लगवाएं। लोगो जितना आपको पसंद आएगा, आपकी कंपनी लोगों को उतनी ही पसंद आएगी।
- लोगो को उतरी दिशा या ईशान कोण की दिशा में लगाना शुभता देगा। लोगो आपके कार्यालय में ऐसी जगह पर होना चाहिए, ताकि सकारात्मक उर्जा को कार्यालय में प्रवेश करने में आसानी हो।
व्यापार कार्ड (विजिटिंग कार्ड) डिजाइन
- व्यापार कार्ड का आकार समकोण होना चाहिए। विषम कोण जैसे त्रिभुज, पेंटागन वाला व्यापार कार्ड सम्पर्क को अस्थायी एंव विवादग्रस्त बना सकता है।
- ट्रेडमार्क, लोगो, स्वास्तिक, कलश और गणपति आदि के लिए कार्ड का ईशान कोण अधिक शुभ रहता है।
- एक अच्छे विजिटिंग कार्ड के लिए कार्ड का मध्य क्षेत्र, जिसे वास्तु में ब्रहम स्थान कहा जाता है उसका खाली होना अनिवार्य है।
- व्यापार कार्ड में किस दिशा में क्या लिखवाया जाये, यह अधिक महत्वपूर्ण है। कार्ड के मध्य में ब्रहम स्थान से ऊपर अपना नाम लिखना चाहिए।
- व्यवसाय व संस्थान का नाम व पूरा पता दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम के कोण यानि नैऋत्य कोण पर लिखवाना चाहिए क्योंकि यह स्थिरता व व्यापकता का प्रतीक है।
- व्यापार कार्ड में कंपनी के नाम को वरियता देते हुए, बड़े आकार और बोल्ड रुप में होना चाहिए।
- व्यापार के उद्देश्य कंपनी के बाद होने चाहिए।
- जहाँ तक फोन नम्बरों का सवाल है जिससे हमारे व्यापारिक संपर्क बनते हैं उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में वायु का प्रभाव अति तीव्र होने के कारण हमारे व्यापार में हमें अनुकूल प्रभाव मिलेंगे।
- यह ध्यान रखे की एक सुन्दर और वास्तु के अनुसार डिजाईन किया हुआ व्यापार कार्ड आपके संपर्कों में मधुरता एंव व्यक्तित्व में चुम्बकीय आकर्षण पैदा करता है। साथ-साथ उसका कटा-फटा ना होना भी अत्यन्त आवश्यक है।
लेटर हेड: लेटर हेड भी समकोण होना चाहिए और लेटर हेड बनाते समय ऊपर दिये गये वास्तु अनुसार विजिटिंग कार्ड के नियम लागू होते हैं।
साईन बोर्ड: साईन बोर्ड बड़े आकार का होना चाहिए जहां तक संभव हो मुख्य प्रवेश द्वार के सामने सुंदर व बड़े अक्षरों में बनवाकर लगवाना चाहिए। इससे व्यापार की प्रगति सकारात्मक रहती है और आय का आगमन बना रहता है।
साईन बोर्ड के लिए सबसे उपयुक्त दिशा पूर्व यानी सूर्याेदय की दिशा है इसके लिए द्वितीय विकल्प के रूप में इसे उत्तर पूर्व दिशा व तीसरे स्थान के विकल्प के रूप में इसे उत्तर की दिशा में लगाया जा सकता है। यहां यह व्यापारिक क्षेत्र में रहने वाले सदस्यों को मानसिक और शारीरिक सुख-शांति का आभास देता है।
उपरोक्त तथ्यों का ध्यान रखने से उम्मीद है कि नए व्यापार सकुशल समृद्धि प्राप्त करेंगे।