टोने-टोटकों के बारे में जानने के लिए आपको आस्तिक बनकर विश्वास करना होगा कि यह एक ऐसी शक्ति है जो हम सबको परिचालित करती है। यह शक्ति मंत्र में निहित होती है। इसके विपरीत नास्तिकों से किसी भी प्रकार की श्रद्धा एवं विश्वास की अपेक्षा नहीं की जाती है।
दूसरी ओर अत्यधिक आस्तिकता एक अंधविश्वास में परिणत हो जाती है। मानव समाज में अंधविश्वास आदिकाल से ही बहुत प्रचलित रहे हैं। भारत या विश्व का कोई भी देश या समाज ऐसा नहीं है जो अंधविश्वास न करता हो।
प्राकृतिक घटनाओं एवं सामाजिक जीवन से संबंधित अनेक अंधविश्वास सभी समाजों में पाए जाते हैं। शकुन और अपशकुन और अपशकुन का गणित सभी समाजों में लगाया जाता है। अंधविश्वासों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कोई भी व्यक्ति स्वयं को अंधविश्वासी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता जबकि सभी लोग यह मानते हैं कि दूसरों में अंधविश्वास पाया जाता है। इसी प्रकार विदेशों में प्रचलित कुछ अंधविश्वास इस प्रकार से हैं-
- मिस्र के निवासियों की यह धारणा थी कि जब नील नदी के कीचड़ पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तो उसमें मेढक, चूहे, सांप और मगरमच्छ उत्पन्न होते हैं।
- इंग्लैंड के निवासी अंक 13 को शुभ मानते हैं, जबकि क्रिकेट में वह अंक 87 का स्कोर को अशुभ कहते हैं।
- न्यूजीलैंड के निवासी मरे हुए व्यक्ति के हाथ बांधकर उसे कब्र में गाड़ते हैं। इसके पीछे उनकी यह धारणा है कि कहीं वह कब्र से बाहर न निकल आए।
- ऐस्किमो लोग हवा की दिशा बदलने के लिए हमेशा ढोल बजाते हैं।
- इंग्लैंड की स्त्रियां घर का कूड़ा-करकट मुखय द्वार से नहीं निकालतीं, उनका विश्वास है कि ऐसा करने से घर से शुभता एवं लक्ष्मी चली जाती है।
- यूनान में दुष्ट आत्माओं से नवजात शिशु की रक्षा करने के लिए उसके झूले को तीन बार उल्टा करके आग के पास ले जाने की प्रथा है।
- ग्रीनलैंड के निवासी बच्चे के शव के साथ एक कुत्ते को भी दफनाते हैैं। उनकी धारणा है कि वह कुत्ता परलोक में बच्चे का मार्गदर्शन करेगा।
- जापान में लोग यात्रा पर जाने से पहले अपने नाखून नहीं काटते।
- प्राचीन काल में रूसी सेना का नायक भूरे रंग के घोड़े पर बैठकर युद्ध में जाता था।
- स्पेन के निवासी जहाज में चढ़ते समय पहले दायां पैर रखते हैं।
- अरब के लोग तेज आंधी आने पर 'लोहा-लोहा' चिल्लाते हैं। उनका मत है कि ऐसा करने से तूफान शांत हो जाता है।
- क्यूबा के निवासी चांदनी रात को (पूर्णिमा) बुरा मानते हैं, इसलिए वे रात की चांदनी में नंगे सिर बाहर नहीं निकलते।
- आस्ट्रेलिया में (होलोइनडे) के दिन लोग अपने घर के मुखय द्वार के बाहर सीताफल में आदमी की शक्ल बनाकर रखते हैं और इस बात के पीछे उनका यह मानना है कि इससे उनके घर और परिवार की बुरी नजर व भूत-प्रेतों तथा ऊपरी हवाओं से रक्षा होती है।
टोने-टोटके और अंधविश्वास में पर्याप्त अंतर होता है। किसी भी प्रकार की पुरानी परंपरा पर चलना और उससे किसी भी प्रकार का लाभ न होना अंधविश्वास की श्रेणी में आता है। लेकिन टोने-टोटके इससे अलग होते हैं। टोने-टोटके किसी परंपरा से नहीं जुड़े होते अपितु वे प्राचीन होते हैं तथा सही समय व विधि के अनुसार तथा गुरु आदेश से किये गये टोटके का अनुकूल परिणाम शीघ्र ही प्राप्त होता है।