एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बरतें ये सावधानियां
एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बरतें ये सावधानियां

एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बरतें ये सावधानियां  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 5472 | फ़रवरी 2012

एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बरतें ये सावधानियां जय इन्दर मलिक इस पद्धति में इलाज से पहले यह जान ले कि रोग किस अंग से संबंधित है। उसका प्रतिबिंब केंद्र जानने के बाद उपचार करें। प्रतिबिंब केंद्रों के परीक्षण से किस अंग में विकार है पता चल जाता है।

यदि किसी केंद्र पर प्रेशर देने से रोगी को बहुत दर्द हो तो समझो, उस केंद्र से संबंधित अंग में कोई विकार है। प्रेशर देने का ढंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। हाथ के अंगूठे हाथ की तीसरी अंगुली, एक अंगुली पर दूसरी अंगुली रखकर हाथ की मध्य की तीन अंगुलियों के कार्य तथा हथेली के साथ कर सकते है।

अंगूठा या अंगुली बिल्कुल सीधी खड़ी करके प्रेशर नहीं देना चाहिये। प्रेशर देने के लिये अंगूठा या अंगुली एक ही स्थान पर टिका कर घड़ी की सुई की तरह गोल बाईं से दाईं तरफ दिया जाये। इससे शीघ्र लाभ मिलता है। तरल पदार्थ या पाउडर लगा कर भी प्रेशर दे सकते हैं। यदि हाथों या पैरों की चमड़ी सख्त हो तो उपकरणों से भी प्रेशर दे सकते हैं। लकडी, रबड़ या प्लास्टिक की धारी वाले रोलर से पैरों में स्थित अनेक प्रतिबिंब केंद्रों पर दबाव दिया जा सकता है।

अंगूठा या अंगुली बिल्कुल सीधी खड़ी करके प्रेशर नहीं देना चाहिये। प्रेशर देने के लिये अंगूठा या अंगुली एक ही स्थान पर टिका कर घड़ी की सुई की तरह गोल बाईं से दाईं तरफ दिया जाये इससे शीघ्र लाभ मिलता है। तरल पदार्थ या पाउडर लगा कर भी प्रेशर दे सकते हैं। यदि हाथों या पैरों की चमड़ी सख्त हो तो उपकरणों से भी प्रेशर दे सकते हैं। लकडी, रबड़ या प्लास्टिक की धारी वाले रोलर से पैरों में स्थित अनेक प्रतिबिंब केंद्रों पर दबाव दिया जा सकता है।

घुटनों तथा टखनों के साथ वाला उंगलियों के नीचे वाला तथा हाथों-पैरों का ऊपरी भाग दूसरे भागों से कुछ अधिक नरम होता है। इन भागों पर दबाव कम तथा धीरे-धीरे देना चाहिये। प्रेशर देने की अवधि रोग के अनुसार हर चिकित्सक का विचार भिन्न-भिन्न है।

कोई 2 से 5 मिनट तक तथा कोई कुछ सैंकेंड तक ही प्रेशर देने का सुझाव देते हैं। चिरकालिक रोगों में पहले सप्ताह प्रतिदिन, उस के बाद सप्ताह में दो या तीन बार प्रेशर देना चाहिये। कुछ रोगांे जैसे गठिया, घुटनों के दर्द में आलू के गर्म पानी या अमर बेल को पानी में गर्म करके सेक करने से बहुत आराम मिलता है और लगातार करने से दर्द भी ठीक हो जाता है। इससे सूजन भी नहीं रहती। प्रेशर देने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है। 

1. हाथों के नाखून बढ़े हुये न हो। 

2. शरीर में लचक तथा ढीलापन लाने के लिये प्रेशर देने से पहले थोड़ी देर के लिये गहरे और लंबे सांस लेने चाहिये। 

3. शरीर पर थोड़ा तरल पदार्थ या पाउडर लगाना चाहिये। इससे गहरा प्रेशर दिया जा सकता है। 

4. रोग निवारण के लिए रोगी को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। 

5. कुछ ऐसे रोग भी हैं जैसे रीढ की हड्डी, साइटिका वात, नाड़ी का दर्द, जिनमें डाॅक्टर कुछ दिन आराम करने के लिये कहते हैं।

ऐसे रोगों के लिये आराम जरूरी है। स्वस्थ व्यक्तियों को भी हाथों तथा पैरों में सारे प्रतिबिंब पर प्रेशर देना चाहये इससे स्वास्थ्य को वर्षों तक कायम रखा जा सकता है। चिरकालिक रोगों के लिये एक्यूप्रेशर के अतिरिक्त प्रतिदिन त्रिधातु पेय लेने से भी रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ आवलें का पेय भी ले सकते हैं। दोनों में कोई एक पेय लेना ही लाभकारी है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.