पिछले माह पंडित जी स्वीडन में विभिन्न स्थानों - स्टाॅकहोम, गोटबर्ग तथा बोरस में वास्तु/अध्यात्म पर आयोजित विभिन्न संगोष्ठियों में सम्मिलित होने गए थे। वहाॅं भाग लेने आए एक प्रमुख व्यवसायी ने वास्तु के प्रभाव को जानने के लिए उन्हें अपने घर का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया। पंडित जी ने उनके घर का वास्तु परीक्षण करने के बाद उनसे कुछ प्रश्न किए जैसे
- क्या उन्हें कोई आर्थिक नुकसान हुआ है?
- क्या बच्चों के विवाह में विलम्ब हो रहा है? - क्या हाल में परिवार में किसी बुजुर्ग महिला को कोई गंभीर शारीरिक समस्या हुई?
- बच्चों के विकास में अप्रत्याशित विशेष अडचन?
- क्या मालकिन के कंधे में दर्द या सरवाइकिल है?
सभी प्रश्नों का उत्तर हां में था। कुछ सप्ताह पहले ही व्यवसायी की माताजी का दुर्घटना में देहांत हो गया था। मैडम को कन्धों में दर्द तथा सरवाइकिल था। वह आजकल कोई काम नहीं कर रही थीं। बड़ी लड़की के विवाह में विलम्ब हो रहा था तथा छोटी लड़की ने अचानक लन्दन से पढाई बीच में छोड़कर दूसरे विषय में स्थानीय विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया था।
1 उनके घर की सीढ़ियाॅं उत्तर पूर्व में बनी थी जो कि आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं का मुख्य कारण होती हैं।
2 दक्षिण-पूर्व में स्वीमिंग पूल (तरणताल) बना था जो एक गंभीर वास्तु दोष है। घर की महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है तथा लड़ाई झगडों, यहां तक कि मुकदमेबाजी तक होने की नौबत आ जाती है।
3 उनके प्लाट की उत्तर तथा उत्तर पूर्व की भूमि की ऊंचाई बाकी दिशाओं से ऊंची थी। इससे पैसा फंस जाता है और सभी ओर से विकास में अवरोध उत्पन्न हो जाते हैं।
4 बिल्डिंग का पश्चिम बढ़ा हुआ था जिससे सभी कार्यों की गति धीमी हो जाती है। घर में सुस्ती एवं आलस्य बना रहता है।
5 रसोई में गैस दक्षिण की ओर थी दक्षिण में मुख करके खाना बनाने से स्वास्थ्य हानि होती है।
6 उनके घर की पहली मंजिल में दक्षिण-पश्चिम में शौचालय था जो कि परिवार में मुखिया के स्वास्थ्य एवं आर्थिक परेशानी का कारण होता है। सुझाव
1 सीढ़ियों को दक्षिण-पश्चिम में बनाने की सलाह दी गई।
2 दक्षिण-पूर्व में बने स्वीमिंग पूल को पूर्व की ओर स्थानांतरित करने को कहा गया।
3 प्लाॅट में उत्तर-पूर्व का फ्लोर लेवल ठीक करके बाकी लेवल के बराबर करने की सलाह दी गई।
4 उत्तर-पश्चिम की ओर मैटल का परगोला बनाने को कहा जिससे बिल्डिंग आयताकार हो जाए।
5 रसोई में गैस को पूर्व में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया।
6 पहली मंजिल पर बने शौचालय में वाल माउन्टेड डब्लयू सी लगाने को कहा गया। कांच की कटोरी में समुद्री नमक रखकर उसे हर सप्ताह बदलने को कहा। पंडित जी ने जाते हुए उन्हें कहा कि सभी सुझावों को कार्यान्वित करने से उनको अत्यधिक लाभ मिलेगा एवं वास्तु विज्ञान के प्रति उनका विश्वास सुदृढ़ हो जाएगा।