कुछ उपयोगी टोटके कार्य में सफलता के लिए: किसी उच्च अधिकारी से कार्य करवाना हो या कोर्ट कचहरी में कार्य हेतु जाना हो तो गुंजा की जड़ जेब में रखकर जाएं, सफलता मिलेगी। वशीकरण के लिए: गुंजा को चंदन की भांति मस्तक पर लगाकर जाएं, दुश्मन भी आपको देखेगा तो वशीभूत हो जाएगा। भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति हेतु: 5 रत्ती गुंजा शरीर पर बांधें, भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलेगी। मां काली की कृपा प्राप्ति के लिए: प्रेत काली रŸाी को पीसकर इसका टीका मां काली की प्रतिमा पर लगाएं, मां शीघ्र दर्शन देंगी। मुकदमे में विजय के लिए: हनुमान बाण का पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करें और फिर नियमित रूप से करते रहें। मंगलवार को व्रत रखें और रात को दक्षिण की ओर सिरहाना कर सोएं। इसके अतिरिक्त सवा 5 रत्ती का ओनेक्स, चांदी में जड़वा कर कनिष्ठा में और एक तांबे की अंगूठी अनामिका में धारण करें। ये सारे उपाय निष्ठापूर्वक करें, मुकदमे में विजय प्राप्त होगी। जीवन में सफलता हेतु: लकड़ी की डिब्बी में पीला सिंदूर रखकर उसमें गोमती चक्र रखें, घर में धन का आगमन होगा और जीवन सफल होगा। हृदय रोग से मुक्ति के लिए: हृदय रोग में सोमवार को पांचमुखी असली रुद्राक्ष काले डोरे में पहनें। सूर्य भगवान को प्रतिदिन जल चढ़ाएं तथा आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करें। जिन्हें दिल का दौरा पड़ चुका हो, वे सात साबुत लाल मिर्च और एक लाल हकीक लाल कपड़े के एक टुकड़े में बांध कर अपने ऊपर से इक्कीस बार वार कर बहते पानी में बहा दें, लाभ होगा। बदहजमी से मुक्ति हेतु: बदहजमी होने अथवा पेट में अफारा आने पर तुलसी के सात पत्ते रोगी को खिलाएं। ध्यान रहे, इन पत्तों को चबाएं नहीं। नेत्र पीड़ा से रक्षा के लिए: आंखों की बीमारी में मुक्ति हेतु सूर्य की उपासना करें। साथ ही सुबह उठकर सूर्यमुखी का फूल सूंघें तथा शुद्ध गुलाब जल आंखों में डालें। सूर्य नमन लाभकारी पाये गये हंै। अतः इस रोग में व्यक्ति को प्रातःकाल उठ कर सूर्यमुखी का फूल सूंघना चाहिए तथा शुद्ध गुलाब जल आंखों में डालना चाहिए। स्वास्थ्य को अनुकूल रखने के लिए ः पारद शिव लिंग का दूध से अभिषेक कर पूजा उपासना करें। यह क्रिया श्रावण मास के प्रथम सोमवार से शुरू करें और नियमित रूप से करते रहें, असाध्य से असाघ्य रोगों से मुक्ति मिलेगी। सिर दर्द से मुक्ति हेतु: शनिवार एवं मंगलरवार को नियमित रूप से हनुमान जी के चरणों के सिंदूर का तिलक करें, सिर दर्द से मुक्ति मिलेगी। पीलिया से बचाव के लिए: पीलिया एक खतरनाक बीमारी है। इससे मुक्ति और बचाव के लिए गुरुवार को सूर्योदय या सूर्यास्त के समय पुनर्नवा की जड़ गले में धारण करें।