छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है
गृह क्लेष समाप्त :
यदि आपके परिवार में आपस में तनाव रहता है या एक दूसरे पर भरोसा नहीं रहा तो यह क्रिया करें। पूर्णिमा के दिन घर में कदंब वृक्ष की डाली को गंगाजल से धोकर शुद्ध कर लें तथा यह ध्यान रखें कि डाली पर कम से कम सात अखंडित पत्ते होने चाहिए। अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली को कदंब वृक्ष के पास छोड़ आयें व नयी डाली लाकर उसी विधि से पुनः रख दें। धूप दीप से प्रतिदिन डाली का पूजन करते रहें।
बिक्री बढ़ाने हेतु :
तीन छोटे नारियलों को तथा ग्यारह गोमती चक्र को धूप दीप से पूजा करके व पीले कपड़े में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को मुखय दरवाजे पर लटका दें। यदि घर में या संस्थान में नजर बाधा का दोष है तो इससे वह भी दूर हो जायेगा और व्यापार व उन्नति के मार्ग पर चल पड़ेगा। नारियल का धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें।
आर्थिक तंगी के निराकरण का उपाय :
जिस घर में बहुत तंगी हो तो यह उपाय करें। इक्कीस शुक्रवार पांच छोटी-छोटी कन्याओं को खीर बनाकर उनको प्रसाद खिलायें। खीर में चीनी की जगह मिश्री को पीसकर डालें तथा इस क्रिया को गुप्त रखें। -आर्थिक समस्याओं तथा कर्जे से छुटकारा पाने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को सुहागिन औरत को सुहाग सामग्री दान कर दें। जैसे हाथ की चूड़ी, बिंदी का पैकेट, नेल पालिस, सिंदूर, लाल रिवन आदि धीरे-धीरे कर्जा उतरने लग जाएगा।
पति से झगड़ा रहता हो :
शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार को पत्नी अशोक वृक्ष की जड़ में घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती जलाए। धूप दीप से पूजन करें तथा जल भी अर्पण करें। हाथ जोड़ कर प्रार्थना करें तथा वृक्ष के सात पत्ते तोड़कर घर में अपने मंदिर या किसी प्याले में रख कर प्रतिदिन धूप दें तथा अगले सोमवार को इन पत्तों को वहां पर रख दें, दूसरे नये पत्तों को लेकर उसी विधि से पुनः रख लें। अत्यंत लाभ होगा।
धन की वापसी हेतु :
प्रतिदिन सूर्यदेव को अर्घ्य दें तथा जल में लाल मिर्च के 11 बीज डालकर् अर्पण करें। साथ ही 'ऊँ आदित्याय नमः' कहते हुए प्रार्थना भी मन ही मन करते रहें कि जिसके पास हमारा धन है वह हमें वापस कर दे।
प्रेम विवाह में सफलता हेतु :
यह प्रयोग भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के सम्मुख शुक्ल पक्ष में गुरुवार से शुरू करें। मंत्र : ''ऊँ लक्ष्मी नारायणाय नमः।'' 3 माला प्रतिदिन स्फटिक या लक्ष्मी वर वरद माला से जप करें। 3 महीनों तक हर गुरुवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ायें।