ब्रिटेन के मशहूर हाव-भाव विशेषज्ञ (बाडी लैंग्वेज एक्सपर्ट) राबर्ट फिप्स ने अपने शोध में यह पाया है कि सोने की मुद्रा भी व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बयां करती है। उनका मानना है कि सोने की चार प्रमुख मुद्राएं हैं, जिसमें करवट लेटकर सोना सबसे आम है। ब्रिटेन के करीब 58 प्रतिशत लोग इसी मुद्रा में सोते हैं। उन्होंने शोध में यह भी पाया कि इस मुद्रा में सोने वाले लोग अधिक चिंता करने वाले होते हैं। फिप्स का यह भी कहना है कि शरीर को अधिक मोड़कर सोने वाले लोग, अधिक से अधिक आराम की चाह रखने वाले यानि आरामपसंद होते हैं। सोने की दूसरी सबसे प्रमुख मुद्रा जिसे 28 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं, वह है सीधा तनकर सोना जिसमें शरीर बिल्कुल सीधा, तथा हाथ एवं पैर शरीर के समानांतर होते हैं। उनका मानना है कि इस प्रकार सोने वाले लोग जिद्दी, हठी तथा अटल होते हैं। इन लोगों की निद्रा जितनी गहरी होती है उतनी ही जल्दी वे उठ भी जाते हैं। करीब 25 प्रतिशत लोग जो अति अभिलाषी होते हैं, वे अपनी बांहें मोड़कर तथा पेट के नीचे हाथों को लगाकर सोते हैं। ऐसे व्यक्ति उच्च अभिलाषी होते हैं तथा हमेशा स्वप्न में खोए रहते हैं। फेप्स का मानना है कि ऐसे लोग हमेशा सर्वोत्कृष्ट परिणाम की आकांक्षा रखते हैं तथा चुनौतियों का भी सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। निढाल होकर सोने वाले लोग करीब 17 प्रतिशत हैं, जो बिल्कुल बेतरतीब होकर सोते हैं। ऐसे लोगों के हाथ-पैर इधर-उधर फैले होते हैं। ऐसे लोग भाग्यवादी धारणाओं पर विश्वास करने वाले होते हैं तथा उनका मानना होता है कि जीवन पर उनका नियंत्रण नहीं है। जो मिलना होगा स्वयं मिल जाएगा यह सोने की सबसे कम आरामदेह स्थिति है। सर्वेक्षण में लोगों से अपनी एक से अधिक पसंदीदा मुद्रा के बारे में बतलाने को कहा गया था। रात में गहरी एवं अच्छी नींद दूसरे दिन काम करने की क्षमता में वृद्धि करती है तथा हम पूरे दिन आनंद का अनुभव करते हैं।