सानिया-सोहराब रिश्ते में दरार क्यों
सानिया-सोहराब रिश्ते में दरार क्यों

सानिया-सोहराब रिश्ते में दरार क्यों  

रवि जैन
व्यूस : 5308 | अप्रैल 2010

सानिया की जन्म कालिक कुंडली के गोचर ग्रहों के अनुसार जनवरी 2010 में सानिया मिर्जा पर सूर्य में शुक्र में राहु में बुध की दशांतर दशा चल रही थी। चंद्र चतुर्थ भाव में होकर कलह पैदा करता है। गुरु से शनि और मंगल का षडाष्टक योग व सूर्य तथा शुक्र के प्रभाव से ग्रस्त होने के कारण शुक्र का अपना नैसर्गिक प्रभाव भी कम हुआ है। वहीं चतुर्थ भाव के चंद्र कारण कलह पैदा हुआ इसी योग के कारण सानिया मिर्जा के मन मस्तिष्क में अचानक सगाई के बधंन से मुक्त होने का विचार आया। भारत की एकमात्र ग्लोबल महिला टेनिस खिलाड़ी 23 वर्षीया सानिया मिर्जा की 10 जुलाई 09 को रात्रि 8.30 बजे हैदराबाद के एक बेकरी व्यवसायी के 25 वर्षीय पुत्र मो. सोहराब मिर्जा से हुई सगाई पिछले दिनों टूट गई। सोहराब सानिया के बचपन के दोस्त हैं।

क्यों हुआ ऐसा कि जीवन भर साथ निभाने का यह वचन छह महीने के भीतर-भीतर टूट गया? फिर कब बनेगा विवाह का योग? क्या सानिया भविष्य में अपनी रैंकिंग में सुधार कर पाएंगी? प्रस्तुत है एक ज्योतिषीय विश्लेषण। सानिया मिर्जा का जन्म 15 नवंबर 1986 को प्रातः 11 बज कर 28 मिनट पर भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण में 3 अंश 09 कला पर मकर लग्न में हुआ। लग्न में चतुर्थ एवं एकादश भाव का स्वामी उच्च का मंगल और लग्न व द्वितीय भाव का स्वामी शनि दोनों एकादश भाव में हैं। शनि व मंगल का परस्पर राशि परिवर्तन योग है। गुरु अपनी मीन राशि से द्वादश होकर कुंभ राशि में द्वितीय भाव में है। चंद्र मेष राशि में होकर चतुर्थ भाव में है। स्वग्रही शुक्र की बुध और सूर्य से युति ने दशम भाव में होकर बुधादित्य एवं लक्ष्मी योगों के साथ ही मालव योग का निर्माण किया है। गुरु की पूर्ण दृष्टि भी दशम भाव पर है। बुध व शुक्र ग्रह वक्री हंै। सानिया का जन्म शुक्र की महादशा में हुआ।

लग्न व नवांश कुडंलियां वर्गोत्तम हैं। साथ ही शनि, राहु और केतु का भी भाव एवं राशि नवांश में वर्गोत्तम है। सानिया की जन्म राशि मेष है, जिसका स्वामी मंगल अपनी उच्च राशि मकर में होकर लग्न में स्थित है। मेष राशि के लोग बचपन से ही साहसी और मेहनती होते हैं। वे कार्य के प्रति पूरी तरह समर्पित और असंभव से असंभव कार्य को भी संभव बनाने में सक्षम होते हैं। उनमें शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता होती है, जिसके कारण वे कभी-कभी विवाद में भी पड़ जाते हैं। सानिया मिर्जा में उक्त गुण विद्यमान हैं। मंगल ग्रह के कारण सानिया ने टेनिस को अपनाया।

मालव योग के कारण उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली और देहयष्टि सुंदर है। अष्टम के सूर्य के केंद्र में बुध के साथ होने और उस पर गुरु की पूर्ण दृष्टि के कारण उन्हें खेल में दिन प्रतिदिन उन्नति व ख्याति मिलती रही। उन्हें सूर्य की महादशा में ही सन् 2004 में अर्जुन पुरस्कार तथा सन् 2006 में पद्मश्री एवं डाॅक्टर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। सूर्य की दशा में ही उनके खेल में निरंतर सुधार आता रहा और वह विश्वस्तर पर 31 वीं रैंकिंग तक पहुंच पाईं। सानिया मिर्जा की 10 जुलाई 2009 को रात्रि 8 बजकर 30 मिनट पर कुंभ लग्न में सगाई की रस्म अदायगी हुई। सगाई के समय वक्री गुरु लग्न में था तथा शुक्र और मंगल की युति चर्तुथ भाव में थी।

सप्तम भाव (पति भाव) पर मंगल की पूर्ण दृष्टि थी। शनि सप्तम भाव में था तथा उस पर गुरु व मंगल की पूर्ण दृष्टि भी थी, जो शुभ फलदायी नहीं मानी जाती है। सगाई के समय जन्म कालिक कुंडली के अनुसार सानिया मिर्जा पर सूर्य में केतु में गुरु की दशांतर दशा चल रही थी। सानिया की जन्म कुडंली में उच्च का मंगल लग्न में है। फलतः यह पत्रिका मंगल दोष से ग्रस्त है और उसकी सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि है। पति भाव का कारक ग्रह गुरु भी पत्रिका में मीन राशि से द्वादश होकर द्वितीय भाव मारक स्थान पर है। 28 जनवरी 2010 गुरुवार को ही एस.एम.एस. के जरिये पिता ने सानिया की सगाई टूटने की पुष्टि टीवी चैनलों पर की। सगाई का बधंन खत्म होते समय लग्न में सूर्य व शुक्र ग्रह की युति, सप्तमभाव में नीचस्थ राशि कर्क मंे वक्री मंगल पुष्य नक्षत्र में है। गुरु मीन राशि से भी द्वादश होकर द्वितीय भाव (कुंभ राशि) में है।

गुरु ग्रह का मंगल व शनि ग्रह से षडाष्टक योग है। सानिया की जन्म कालिक कुंडली के गोचर ग्रहों के अनुसार जनवरी 2010 में सानिया मिर्जा पर सूर्य में शुक्र में राहु में बुध की दशांतर दशा चल रही थी। चंद्र चतुर्थ भाव में होकर कलह पैदा करता है। गुरु से शनि और मंगल का षडाष्टक योग व सूर्य तथा शुक्र के प्रभाव से ग्रस्त होने के कारण शुक्र का अपना नैसर्गिक प्रभाव भी कम हुआ है। वहीं चतुर्थ भाव के चंद्र कारण कलह पैदा हुआ इसी योग के कारण सानिया मिर्जा के मन मस्तिष्क में अचानक सगाई के बधंन से मुक्त होने का विचार आया। वैसे भी जिस किसी जातक की पत्रिका में मंगल दोष होता है, उन्हें विवाह होने के पूर्व सगाई टूटने या सगाई में विलंब का योग बनता है।

उल्लेखनीय है कि फिल्मी सितारे अभिषेक-करिश्मा कपूर एवं स्वयंवर की अभिनेत्री राखी सांवत-इलेश परुजनवाला के बीच भी संगाई की रस्म अदायगी हुई, लेकिन वे शादी के बंधन में नहीं बंध पाए, क्योंकि अभिषेक एवं राखी सांवत दोनों की जन्मपत्रिका में मंगल दोष का योग है। कुंडली के अनुसार सानिया मिर्जा का विवाह सन् 2013-14 में उनके जन्मस्थान से पश्चिम दिशा के किसी वर के साथ हो सकता है। इस बीच वह अगस्त 2010 से जनवरी 2012 के मध्य अपने खेल में सुधार लाकर भारत का नाम रोशन करने में सफल हो सकती हैं।



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