ज्योतिष शास्त्र जहां विवाह में विलंब कारक ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करता है, वहीं शीघ्र विवाह के लिए उपायों का निर्देश भी देता है। सर्वप्रथम जन्मकुंडली का सूक्ष्म अध्ययन कर यह पता लगाना चाहिए कि व्यक्ति के विवाह कराने में कौन सा ग्रह मुख्य रूप से उत्तरादायी है। उस ग्रह पर किन शुभ एवं अशुभ ग्रहों का प्रभाव है। अशुभ प्रभावों को समाप्त करने के लिए अशुभ ग्रहों से संबंधित दान लड़के या लड़की के हाथ से कराना चाहिए। विवाह में विलंब में शनि की प्रमुख भूमिका होती है।
अतः शनि का उपाय करने से भी शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं। प्रस्तुत लेख में कुछ ऐसे अचूक प्रयोगों का विवरण दिया जा रहा है जिनकी सहायता से शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हंै।
- मेष राशि के लोगों को विवाह की वार्ता के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
- वृष राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के रंग के वस्त्र तथा चमकीले आभूषण पहनने चाहिए। यदि कोई नया वस्त्र धारण किया जाए तो भी अच्छा रहेगा।
- मिथुन राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे रंग के वस्त्र तथा पारंपरिक पोशाक ही पहननी चाहिए। कोई नया वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए।
- कर्क राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय सफेद रंग का कोई वस्त्र अवश्य पहनना चाहिए। वस्त्र नया एवं चमकीला नहीं होना चाहिए।
- सिंह राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के गुलाबी या हल्के हरे रंग के वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए।
- कन्या राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे, सफेद एवं सौम्य रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
- तुला राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय नये वस्त्र धारण करने चाहिए। उन्हें सफेद, गुलाबी एवं पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
- वृश्चिक राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
- धनु राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
- मकर राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय आसमानी एवं कुछ नीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है।
- कुंभ राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय बैंगनी या गहरे नीले रंग की पोशाक पहनना शुभ होता है।
- मीन राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग की पोशाक पहनना शुभ है।
विवाह वार्ता के समय जब वर पक्ष के लोग कन्या को और कन्या पक्ष के लोग वर को देखने के लिए जाएं, तब वर और कन्या दोनों को ही अपने वस्त्राभूषणों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपनी राशि से संबंधित शुभ रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। विवाह वार्ता के स्थान का चयन करने के लिए जन्मकुंडली के सातवंे भाव में स्थित राशि की प्रकृति का अध्ययन करना चाहिए। मेषादि विभिन्न लग्नों के लोगों के लिए विवाह वार्ता हेतु कौन सा स्थान अधिक उपयुक्त होगा इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
मेष लग्न: विवाह के घर में तुला राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी पर्यटन या मनोरंजन स्थल का चयन करना चाहिए। किसी रिश्तेदार का साफ सुथरा घर भी ठीक रहेगा।
वृष लग्न: विवाह के घर में वृश्चिक राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी होटल, गेस्ट हाउस या किसी अन्य महत्वपूर्ण भवन का चयन करना चाहिए।
मिथुन लग्न: विवाह के घर में धनु राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थल का चयन करना चाहिए।
कर्क लग्न: विवाह के घर में मकर राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राचीन भवन का चयन करना चाहिए।
सिंह लग्न: विवाह के घर में कुंभ राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध और प्राचीन स्थान का चयन करना चाहिए।
कन्या लग्न: विवाह के घर में मीन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थान का चयन करना चाहिए।
तुला लग्न: विवाह के घर में मेष राशि के होने के कारण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी कुंटुंबी जन का घर उपयुक्त रहेगा। इसके अतिरिक्त किसी होटल, गेस्ट हाउस या धर्मशाला का चयन कर सकते हैं।
वृश्चिक लग्न: विवाह के घर में वृष राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मनोरंजन स्थल, पार्क या पर्यटन स्थल का चयन करना चाहिए।
धनु लग्न: विवाह के घर में मिथुन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान जैसे बाग, बगीचे या हरे भरे स्थान का चयन करना चाहिए।
मकर लग्न: विवाह के घर में कर्क राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी नदी या तालाब के समीप किसी स्थान का चयन करना चाहिए।
कुंभ लग्न: विवाह के घर में सिंह राशि होने के कारण इस राशि के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित स्थान का चयन करना चाहिए।
मीन लग्न: विवाह के घर में कन्या राशि होने के काण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान या किसी मित्र अथवा रिश्तेदार का घर उपयुक्त रहेगा।
जिस कन्या के विवाह में विलंब हो चुका हो उसके माता-पिता जब भी विवाह की वार्ता के लिए घर से जाएं, उस समय उसे अपने बाल खुले रखने चाहिए तथा माथे पर लाल चंदन की बिंदी लगानी चाहिए। विवाह भाव का स्वामी ग्रह जिस समय गोचर में अस्त या वक्री हो, उस समय विवाह की बातचीत नहीं करनी चाहिए। ऐसे समय में विवाह तय होने की संभावना निर्बल रहती है।
गोचर में जब विवाह भाव का स्वामी बली हो, उस समय विवाह की बातचीत करने से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। यदि शनि ग्रह के विवाह भाव में होने के कारण या उस पर शनि की दृष्टि के कारण विलंब हो रहा हो तो कन्या को शनिवार को कड़वे तेल में अपनी परछाईं देखकर तेल दान करना चाहिए। यह प्रयोग सात शनिवार को निंरतर करना चाहिए।