रेकी उपचार: अनोखी अनुभूति है
रेकी उपचार: अनोखी अनुभूति है

रेकी उपचार: अनोखी अनुभूति है  

भगवान सहाय श्रीवास्तव
व्यूस : 5610 | मई 2016

आजकल जैसे-जैसे सुख-सुविधा के नए-नए साधन व तकनीक विकसित हो रहे हैं, वैसे-वैसे तरह-तरह के रोग, कीटाणु एवं वायरस भी पैदा हो रहे हैं। ज्योतिष ज्ञान-विज्ञान से मानसिक विकार, शारीरिक कष्ट, भविष्य के दुखों-कष्टों की जानकारी मिल सकती है। ग्रहों के दुष्प्रभाव ही मानसिक चिंता के कारण बनते हैं और मानसिक चिंता ही दुखों का, रोग का कारण बनती है।

रेकी पद्धति का जन्म संदर्भ: जापान ने शारीरिक एवं मानसिक विकारों को दूर करने के लिए ‘रेकी’ पद्धति को जन्म दिया। आजकल यह पद्धति भारत में भी प्रचलित है। हालांकि यह ‘स्पर्श-विज्ञान’ के रूप में भारत में प्राचीन काल से ही प्रचलित थी, परंतु अब भारत में भी रेकी के रूप में समझा जा रहा है।

रेकी का शाब्दिक अर्थ: गैर परंपरागत चिकित्सा प्रणाली की एक नवीनतम पद्धति ‘रेकी’ है। ‘रेकी’ एक जापानी शब्द है। ‘रे’ का अर्थ है सर्वव्यापी, जीव शक्ति एवं ‘की’ का अर्थ है प्राण। इस प्रकार रेकी का अर्थ है, ‘सर्वव्यापी जीव-प्राण शक्ति’। इस शक्ति पर सभी प्राणियों का समान अधिकार है। परंतु रेकी चिकित्सा प्रणाली अन्य परंपरागत प्रणालियों से बिल्कुल ही भिन्न हैं। प्राण ऊर्जा में निरोग शक्ति क्षमता ः रेकी के ऊर्जा मार्ग शरीर के वे चक्र (स्पंदन केंद्र) हैं, जिन्हें जागृत करके सर्वव्यापी जीव प्राण शक्ति के लिए राह बनायी जाती है और जैसे ही चक्र जागृत व्यक्ति अपनी हथेली जीव जंतु के किसी अंग पर रख देते हैं तो यह शक्ति प्रवाहित होकर रोगी के शरीर में प्रवेश करने लगती है। जिस व्यक्ति के शरीर पर हथेलियां रखी जाती हैं वह अपनी ग्रहण शक्ति के अनुसार ही प्राण ऊर्जा को प्राप्त करता है। इस प्रकार प्राण ऊर्जा में निरोग करने की अद्भुत क्षमता होती है। ‘रेकी’ कोई धर्म नहीं, संबंध नहीं। इसे हीलिंग टच अर्थात हाथ लगाने से रोग मुक्ति पद्धति या रोग निवारण विद्या कहा जाता है।

ऊर्जा संचरण स्वयं चिकित्सा: रेकी के उच्च स्तर के ज्ञाता जिन्हें रेकी मास्टर कहते हैं, किसी भी व्यक्ति में ऊर्जा संचार करने की क्षमता रखते हैं। रेकी का सबसे बड़ा प्रयोग-उपयोग है- ‘स्वयं चिकित्सा’। व्यक्ति कितने भी तनाव में हो, थका-हारा हो जैसे ही रेकी ऊर्जा प्राप्त करता है वैसे ही अद्भुत तरोताजगी अनुभव करता है।

सूक्ष्म शरीर में प्रवेश: शरीर में रेकी के प्रवेश करते ही दबी हुई मनोभावना एवं ऊर्जा प्रवाहित होकर विचरने लगती है। ऊर्जा की सूक्ष्म तरंगें स्पंदन करती हुई स्वतः शरीर के आवश्यकतानुसार बढ़ती है। शरीर के किसी अंग में असंतुलन या अवरोध है, इसकी उसे समझ है। रेकी उसी ओर गतिमान होगी जिधर स्थूल एवं सूक्ष्म शरीर में बाह्य ऊर्जा तरंगों की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने आंतरिक अवयवों को ही नहीं, बल्कि भौतिक रूप से भी क्षतिग्रस्त ऊतकों एवं अस्थियों का भी पुनर्निर्माण करने के साथ-साथ संतुलन भी कायम करने में सक्षम है।

उपचार-गतिविधि: साधारणतया व्याधियों के लिए तीन दिनों का रेकी उपचार किया जाता है। पुरानी बीमारियों के लिए कम से कम 21 दिनांे का उपचार आवश्यक है। शरीर के सभी 24 अंगों पर कम से कम तीन मिनट तक हथेलियां रखना आवश्यक है। पहले पूर्ण शरीर का उपचार करने के उपरांत ही शरीर के जिस अंग पर तकलीफ है, वहां 20-30 मिनट उपचार किया जाना चाहिए। परंतु आयात-स्थिति में प्रभावित अंग का सीधे उपचार किया जा सकता है या चक्र संतुलन किया जा सकता है। रेकी की ऊर्जा एक साथ दोनों ही चक्र एवं अंतः विस्थापित ग्रंथियां ग्रहण करती हैं।

शरीर में प्रमुख 7 चक्र संतुलन ः मानव शरीर में सात प्रमुख चक्र होते हैं : 

सहस्त्र चक्र: यह दाईं आंख, माथे के ऊपर के हिस्से को नियंत्रित करता है।

आज्ञा चक्र: यह तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है।

हृदय चक्र: यह दिल को नियंत्रित करता है।

विशुद्ध चक्र: यह गले एवं फेफड़ों को नियंत्रित करता है।

अनाहत मणीपुर चक्र: यह पेट, लीवर एवं पित्ताशय को नियंत्रित रखता है।

स्वाधिष्ठान चक्र: यह जनन अवयवों को नियंत्रित रखता है।

मूलाधार चक्र: किडनी, ब्लेडर और रीढ़ की हड्डी को नियंत्रित रखता है।

अन्य चिकित्सा:

इनके अलावा मानव शरीर में उपचार करने की 24 स्थितियां और भी होती हैं। रेकी पद्धति द्वारा शरीर के ऊपरी चार चक्र यथा सहस्त्र चक्र, आज्ञा चक्र, विशुद्ध चक्र एवं हृदय चक्रों को शक्ति से संचारित किया जाता है। शक्ति प्राप्त व्यक्ति जैसे ही अपनी हथेलियांे को पीड़ित व्यक्ति के शरीर के किसी भी अंग पर रख देते हैं, रेकी स्वतः प्रवाहित होने लगती है। जिस अंग पर हथेलियां रखी गई हैं वे आवश्यकतानुसार रेकी शक्ति खींचने लगती है। एक बार रेकी शक्ति प्राप्त होने के बाद यह जीवन पर्यंत बनी रहती है। रेकी एक आश्चर्यजनक पद्धति है जिससे आत्मविश्वास व आत्मशक्ति -आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। आनन्दमय जीवन की दिशा में रेकी उपचार एक अनोखी अनुभूति है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.