- यदि ऊपरी बाधा की कोई परेशानी किसी व्यक्ति विशेष को है, तो उसके सगे-संबंधी यह प्रयोग कर सकते हैंः जिस दिन हस्त नक्षत्र हो, परंतु दग्धा आदि तिथि, वार या भद्रा न हो, उस दिन चंपा की जड़ ला कर, उसके साथ तुलसी, काली मिर्च रखकर, व्यक्ति को गले में ताबीज या कपड़े में बांध कर पहना दें।
- त्रिफला चूर्ण के बारे में अधिसंख्य लोग जानते हैं, जो हरड़, बहेड़ा, आंवला से बनता है। उस बहेडे़ के पेड़ का पत्ता यदि कोई पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में लाकर अपने घर में संभाल कर रख दे, तो प्रबल से प्रबल शत्रु के मंत्र, टोटकों, अभिचार आदि का प्रभाव उसपर नहीं होगा।
- घर से रुपये-पैसे गायब हो गये, व्यवसाय में बरकत रुक गयी या होती ही नहीं है। कोई न कोई घर में बीमार रहता है, बीमारी घर से निकलती ही नहीं है कभी घर में कहीं आग लग जाती हैं, कभी सामान से घर में दुर्गंध आती है अथवा सोने के जेवरों का रंग उड़ जाता है, घर में बच्चों की शादी, संतान, तरक्की होती ही नहीं, तो ऐसी समस्याएं, पितृ दोष, प्रेत दोष या अन्य व्यक्ति द्वारा कोई टोटका, उपाय करा देने के कारण संभव होता है।
यहां स्पष्ट समझ लें कि घर के पितर गंगा स्नान, ब्राह्मण भोजन, दान, श्रीमद्भागवत सप्ताह आदि से संतुष्ट हो जाते हंै। वे आपके पूर्वज हंै, अतः उनके लिए टोटके, मंत्रादि उपयोग में नहीं लाये जाने चाहिए। परंतु अन्य प्रेत दोष होने पर अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा घर में टोटका आदि करा देने पर निदान मुक्ति के लिए उपायों का सहारा लेना ही होगा। क्या घर में प्रतिदिन लड़ाई-झगड़े बढ़ रहे हैं ? प्रत्येक कार्य में बाधाएं आ रही हैं ? क्या ऐसा लगता है कि घर में देवताओं की कृपा नहीं है ? तब एक साधारण सा उपाय, 21 दिन तक, बिना नागा किये, करें। सूर्यास्त के समय शाम को आधा किलो गाय का कच्चा दूध ले आएं। स्नान करें। शुद्ध धुले हुए साफ वस्त्र पहनें।
किसी साफ-सुथरे, मंजे हुए बर्तन में दूध निकाल लें (डाल दें)। इस दूध में 9 बूंद शुद्ध शहद की डालें। मकान के सबसे ऊपरी भाग यानी छत से शहद मिश्रित दूध के सभी स्थानों पर नीचे तक, घर के हर कमरे में, गैलरी में, जीने में, इसके छींटे लगाएं अर्थात कोई स्थान न छोड़ें जो दूध के छींटे से बच जाएं। (मकान के मुख्य दरवाजे तक जाएं तथा शेष बचे दूध को दरवाजे के बाहर, धार देते हुए, गिरा दें। इस संपूर्ण क्रिया को करते हुए अपने इष्ट देवता का ध्यान करते रहंे। 21 दिन तक यह क्रिया करने पर घर शुद्ध हो जाएगा।
- इस मंत्र को जपने से पहले 12 अंगुल पलाश की लकड़ी की एक अच्छी कील बना लें। फिर इस मंत्र से 1000 बार जाप कर अभिमंत्रित करें। जहां यह कील गाड़ी जाएगी, वह घर भूत-प्रेत आदि दोष से मुक्त होगा। मंत्र: ऊँ शं शं शिं शीं शं शुं शूं शैं शैं शों शौं शं शंः स्वः सः स्वाहा।
- अगर किसी व्यक्ति को भूत-प्रेत बाधा हो तो उसका धीरज बढ़ाएं। उसके आगे धूप तथा अगरबत्ती जलाएं। किसी देवी, देवता का फोटो लगाएं। अगर हनुमान जी का फोटो हो, तो बहुत अच्छा है। कोई चाकू, छुरी-कैंची उसके सामने रख दंे। भूत-प्रेत को गलती से अपषब्द न कहें । इससे अषांत आत्मा को क्रोध आ जाता है। उस भूत प्रेत से क्षमा याचना करें तथा उससे उसकी मांग पूछ कर, उस मांग को पूरी करें, तो वह उस व्यक्ति को छोड़ कर चला जाता है।
- अपने बाल कंघी कर के कभी कंघी में न रखें। बालों को निकाल कर, उसपर थूक डाल कर, बाहर फंेके। फिर किसी प्रकार का जादू-टोना होने का भय नहीं रहता है ।
- अपने कपड़े उतार कर उसपर पानी का छींटा जरूर दें। बाहर से किये गए किसी भी प्रयोग का असर खत्म हो जाएगा। इससे जादू-टोना नहीं होगा ।
- किसी की खूषबूदार चीज लगाने की कोषिष न करें, वर्ना जादू-टोना हो सकता है। इससे बच कर रहना चाहिए।
- भूत बाधा में काले धतूरे की जड़ रविवार को बांह में बांधने से लाभ प्राप्त होता है।
- लहसुन के रस में हींग को पीस कर मिला कर, भूतग्रस्त को सुंघावें, तो भूत भाग जाता है।
- बिल्ली की विष्ठा की धूनी देने से प्रेत बाधा दूर हो जाती है ।