हमारे शास्त्रों में भूत, वर्तमान और भविष्य को जानने की अनेक विधियां बताई गयी हैं। उन विधियों में एक शास्त्र हस्तरेखा शास्त्र भी है। हस्तरेखा शास्त्र का मूल आधार व्यक्ति की हाथ की रेखाएं हैं। हाथ की रेखाएं स्वयं भगवान द्वारा की गई रचना है इसलिए इसमें कोई त्रुटि भी नहीं होती। जन्म लेने के बाद व्यक्ति के हाथ की रेखाओं का विकास भी होता रहता है। उन रेखाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के किसी भी क्षेत्र पर प्रकाश डाला जा सकता है। मोटापा हमारे खान-पान में अनियमितता, आनुवांशिकता आदि कारणों से माना जाता है पर हाथ की रेखाओं का भी इसमें योगदान बहुत अधिक है। हाथ में कौन सी रेखाओं के होने से व्यक्ति मोटापे के रोग का शिकार होता है, इस लेख में हाथ के चित्रों के माध्यम से प्रकाश डाल रही हैं हस्तरेखा विशेषज्ञ भारती आनंद।
यदि हम मोटापे को हाथ के चित्र के माध्यम से समझें और देखें तो मोटापा होने की निम्न स्थिति बनती है जो उदाहरण चित्र 1 में हाथ की रेखा द्वारा प्रदर्शित की जा रही है।
1. जीवन रेखा अधूरी है। मस्तिष्क रेखा बिल्कुल निर्दोष है। हाथ भारी है। शुक्र बहुत उठा है।
2. अंगुलियां सीधी हंै। गुरु ग्रह व शुक्र ग्रह उठे हैं। जीवन रेखा का जोड़ मस्तिष्क रेखा से बिल्कुल साफ-सुथरा होकर निकलता है।
3. मणिबंध रेखाओं का साफ-सुथरा होना, हाथ का भारी होना, भाग्य रेखा का नीचे से मोटा होना, ऊपर से पतला होना।
4. जीवन रेखा अगर दोनों हाथों में टूटी हो तो उनके परिवार के लोग मोटे पाये जाते हैं। भाग्य रेखा का अधिक होना व ऊपर से पतला होना।
5. जीवन रेखा का सीधे होना जैसा कि हम चित्र में देख रहे हैं और साथ में जीवन रेखा का टूट जाना भी मोटापे का लक्षण है।
उदाहरण 2: यह हाथ एक महिला का है और मोटापा इन पर भी छाया हुआ है जिसका कारण इनकी रेखाओं में ये दोष हैं। किसी के भी हाथ में ये दोष हों तो वे मोटापे से अवश्य ग्रस्त हो जाते हैं।
1: इस महिला की जीवन रेखा गोल है।
2. भाग्य रेखा मोटी से पतली है।
3. मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष या द्वीप हो तो मोटापा और बढ़ता चला जायेगा।
4. मंगल क्षेत्र से रेखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा में आ रही हैं।
5. मणिबंध रेखाएं स्पष्ट हैं।
6. हाथ थोड़ा भारी है।
7. जीवन रेखा के साथ अंदर की तरफ मंगल रेखा का होना।
8. जीवन रेखा का दोनों हाथों से शुक्र को घेरकर गोल होना।
9. जीवन रेखा से भाग्य रेखा दूरी पर और नीचे से मोटी और ऊपर से स्पष्ट रूप से पतली हो। जिस उम्र में जीवन रेखा से दूरी बढ़ती है उस उम्र में मोटापा इनका और बढ़ता चला जाता है।
10. मंगल क्षेत्र से आड़ी रेखाएं निकलकर (मंगल यानि की अंगूठे के पास वाला क्षेत्र जहां से जीवन रेखा निकलती है।) जीवन रेखा को काटे जैसा कि चित्र में स्पष्ट नजर आ रहा है।
इसके अतिरिक्त भी अन्य कई लक्षण हैं जिनके हाथ में होने से मोटापा हो जाता है। कुछ लक्षणों का विवरण निम्नवत है जिसका चित्रों में उल्लेख नहीं है जैसे-
1. भाग्य रेखाओं का हाथ में अधिक होना, ऊपर से पतला हो जाना।
2. जीवन रेखाओं का डबल हो जाना, रेखाओं की मोटाई एक जैसी होना।
3. शनि क्षेत्र के नीचे मस्तिष्क रेखा का जंजीरदार हो जाना साथ में जीवन रेखा का दोनों हाथों में गोल हो जाना।
4. सभी ग्रहों का उन्नत होना खासकर शुक्र का, भाग्य रेखा का मोटी से होकर सीधे शनि पर निर्दोष होकर जाना।
5. हथेली का भारी होना, उस पर मंगल से मोटी-मोटी रेखाओं का जीवन रेखा को काटना, किसी आॅपरेशन की वजह से मोटे हो जाने के लक्षण हैं।
6. जीवन रेखा में दोष होना, भाग्य रेखा का जीवन रेखा से दूर होना मंगल से आड़ी निकलने वाली रेखाओं का भाग्य रेखा पर ढंक जाना बीमारी की वजह से मोटापे का होना है।
7. शुक्र पर बहुत अधिक रेखाएं होना, जीवन रेखा का सीधा होना, अंगुलियों का लंबा होना, आलस्य की वजह से मोटापे का आ जाना होता है।
8. जीवन रेखा के अंत में द्वीप हो जाना, मंगल से मोटी रेखाओं का आ जाना पेट में कब्ज या रोग की वजह से मोटापा बढ़ाता है।
9. शुक्र ग्रह बहुत उठा हो, हाथ में गुरु भी उन्नत हो तो खाने-पीने का बहुत शौक होता है। अंगूठा पीछे की तरफ हो, अंगुलियां लंबी हांे तो अधिक खाना व आलस्य की वजह से मोटापा आ जाता है।
10. जीवन रेखा का बीच में से टूट कर चलना, मस्तिष्क रेखा का निर्दोष होना, साथ में भाग्य रेखा का दोषपूर्ण होना मोटापे का कारण बनता है।