घटना क्रम समयांकन विधि अवध किशोर शर्मा घटनाक्रम और समयांकन की सही जानकारी हस्त रेखाओं द्वारा भलीभांति प्राप्त की जा सकती है क्योंकि हाथ की रेखायें गलत नहीं हो सकती जबकि समय के अंतर के कारण जन्मकुंडली फलादेश में त्रुटि हो सकती है। हस्तेरखा विशेषज्ञ श्री अवध किशोर शर्मा यहां ज्ञान विधि का पूर्ण विवरण दे रहे हैं। अपने इस लेख मेंकृ हाथ के द्वारा घटनाओं के घटित होने का समय निर्धारण करने का सबसे उत्तम तरीका यह है कि जीवन रेखा, हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा को सात-सात वर्षों की अवधि में विभाजित कर दिया जाए जैसा कि चित्र सं. 7बी में दर्शाया गया है।
महान हस्तरेखा विशेषज्ञ कीरो के मतानुसार मनुष्य का स्वभाव हर सातवें वर्ष के उपरांत परिवर्तित हो जाता है, अतः रेखाओं का सात-सात वर्ष की अवधि में विभाजन स्वाभाविक एवं प्रासंगिक है। यहां दो हस्त रेखा चित्र का उल्लेख किया गया प्रथम चित्र 7 ए कीरो की विधि को दर्शाता है तथा दूसरा चित्र 7 बी लेखक की अपनी विधि को। परंतु दोनों विधियों में काफी अंतर है जो कि इस उदाहरण के द्वारा समझा जा सकता है। कीरो ने मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा के क्रॉस (मिलन) को 35 वर्ष माना है परंतु प्रश्न उठता है कि जब किसी जातक के हाथ में मस्तिष्क रेखा है और भाग्य रेखा न हो तो ऐसे में 35 वर्ष कहां इंगित करें? इसका समाधान लेखक के चित्र-7 बी के द्वारा संभव है।) हाथ की रेखाओं पर एक दूसरे को काटती हुई रेखा का होना किसी घटना के घटने का संकेत दर्शाता है तथा उससे निश्चित समय अंतराल का पता चलता है।
अक्सर कुंडली के द्वारा भविष्यवाणी गलत साबित हो जाती है और ज्योतिषीयों की बदनामी होती है क्योंकि हर जातक के जन्म समय में 5 या 10 मिनट का अंतर पाया जाता है। अतः सटीक भविष्यवाणी के लिए हाथ की रेखाओं द्वारा सही समयांकन कर कुंडली की त्रुटि को दूर कर सकते हैं। इससे सही या गलत कुंडली का स्पष्टीकरण हो सकेगा और तदनुरूप सही कुंडली का निर्माण कर सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है, क्योंकि हाथ की रेखाएं गलत नहीं हो सकती है परंतु जन्मकुंडली में समय के अंतर के कारण भविष्यवाणी गलत हो सकती है। समयांकन के लिए विशिष्ट निर्देश एवं निष्कर्ष सबसे पहले शनि पर्वत शीर्ष से चंद्र पर्वत शीर्ष तक एक लकीर खींचें (स्केल से)। चित्र सं. 7 बी इसी तरह बुध पर्वत, सूर्य पर्वत तथा गुरु पर्वत से भी चंद्र पर्वत के शीर्ष तक एक लकीर खींचे। ये लकीरे हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा और भाग्य रेखा को जहां -जहां काटती है, वह निश्चित उम्र (समय) को बताती है उस बिंदु को 56 वर्ष माने और मस्तिष्क रेखा पर क्रास को 35 वर्ष मानें। बुध पर्वत के शीर्ष से शुक्र पर्वत के तरफ से जाने वाली रेखा जो जीवन रेखा को जहां काटती है उसे 35 वर्ष मानें। यहां पर यह ध्यान देने योग्य बात है कि सबसे पहले 35 वर्ष को निश्चित करें, अर्थात जीवन रेखा पर क्रॉस, हृदय रेखा पर क्रॉस, मस्तिष्क रेखा पर क्रॉस 35 वर्ष निश्चित करता है। (यहां क्रॉस का अर्थ रेखाएं एक दूसरे को काटती हो।)