क्या है टैरो कार्डो की रूपरेखा
क्या है टैरो कार्डो की रूपरेखा

क्या है टैरो कार्डो की रूपरेखा  

व्यूस : 6817 | मार्च 2012
क्या है टैरो कार्डों की रूपरेखा? विनय गर्ग, फ्यूचर पाॅइंट, दिल्ली भविष्य के फलकथन के लिए टैरो का उपयोग सर्वप्रथम इटली में ताश के खेलों की एक पद्धति से हुआ। टैरो में कुल 78 कार्ड होते हैं। ये सर्वप्रथम मुख्यतः दो भागों में बंटे होते हैं- मेजर आरकाना एवं माइनर आरकाना। मेजर आरकाना में ‘0’ से लेकर ‘21’ तक कुल 22 कार्ड होते हैं तथा माइनर आरकाना में 56 कार्ड होते हैं। ये 56 कार्ड चार ग्रुप में होते हैं और प्रत्येक ग्रुप में 14 कार्ड होते हैं। इन चार ग्रुपों के नाम हैं- वैन्डस कार्ड (छड़ी), कप (प्याले), स्वोडर््स (तलवार) तथा पैन्टाक्लस (सितारे)। यह सभी ग्रुप क्रमशः अग्नि, जल, वायु और पृथ्वी तत्व से संबंधित होते हैं। जहां मेजर आरकाना ब्रह्माण्डीय विषयों (मूल तत्वों व राशियों) को अभिव्यक्त करता है, माइनर आरकाना इन विषयों को व्यावहारिक क्षेत्र में लाकर यह बताता है कि जीवन की रोजमर्रा की घटनाओं में वे कैसे लागू होते हैं। माइनर आरकाना काडर््स प्रतिनिधित्व करते ह ंै उन सराके ारा,ंे गतिविधियों तथा भावनाओं का जो जीवन की प्रतिदिन की नाटक-प्रक्रिया को रूपायित करती हैं। मेजर आरकाना कार्ड्स कार्ड संकार्ड का नाम कार्ड का विवरण कार्ड का फल 0 दि फूल (मूर्ख) तत्व-वायु यह कार्ड अप्रत्याशित घटना या खबर का प्रतीक है। ऐसे प्रभाव जो जातक की निर्णय क्षमता एवं रुचियों को नाट्कीय ढंग से बदल देता है। 1 दि मैजिशियन (जादूगर) ग्रह-बुध यह एक शुभ कार्ड है जो नये अवसर, नये उद्यम, दृढ़ इच्छा शक्ति एवं प्रत्येक नये काम में उमंग के साथ समाहित होने का प्रतीक है। 2 दि हाई प्रीस्टेस (पुजारिन) ग्रह-चंद्रमा यह कार्ड रहस्यों की मार्गदर्शिका का बोध कराता है। इसका तात्पर्य यह है कि किसी रहस्य से फर्दाफाश होने वाला है या जातक किसी रहस्य को उजागर करना चाहता है। 3 दि एम्प्रैस (महारानी) ग्रह-शुक्र यह कार्ड प्रेम, भरोसे, समृद्धि तथा जन्म का प्रतीक है। इससे यह समझना चाहिए कि कोई स्वागतयोग्य शुभ घटना घटने वाली है। 4 दि एम्परर (महाराजा) राशि-मेष यह उपलब्धि और सम्मान का प्रतीक है तथा कई बार पुरुष के अदम्य प्रभाव का द्योतक भी होता है जैसे- पिता/पति/साझेदार या जातक के जीवन में किसी पुरुष या उच्चाधिकारी का प्रभाव होता है। 5 दि हायरोफेंट (ज्योतिषी) राशि-वृष यह नैतिक कानून, चतुर और बुद्धिमान, परामर्शदाता, व्यवहारिक निर्देशक या आध्यात्मिक गुरु का प्रतीक है। 6 दि लवर्स (प्रेमी) राशि-मिथुन यह प्रेमी युगल का प्रतीक है, जातक के जीवन में प्रवेश करने वाले नये प्रेम-संबंध का संकेतक है जिसे जातक स्वयं नहीं देख सकता परंतु प्राप्त करने पर आश्चर्यचकित रह जाता है। 7 दि चैरिएट (रथ) राशि-कर्क यह संघर्ष या टकरावों के पश्चात् विजय का प्रतीक है। इसलिए यह कार्ड यह सलाह देता है कि यदि किसी संघर्ष में जातक फंसा है तो उसे प्रयत्न जारी रखने चाहिए क्योंकि अंततः विजय जातक की ही होगी। जस्टिस (न्यायाधीश) राशि-तुला यह न्याय व ईमानदारी का परिचायक होता है तथा हर मामले में संतुलन को प्रदर्शित करता है। साझेदारी, मुकदमे इत्यादि के मामले में सभी के साथ न्याय एवं ईमानदारी को दिखाता है चाहे यह हिस्सा व्यापार का हो या व्यक्तिगत। 9 दि हरमिट (साधु-सन्यासी) राशि-कन्या यह कार्ड आत्म-विश्लेषण तथा शांति एवं एकांत की कामना का प्रतीक है। यह जातक को चेतावनी देता है कि निर्णय जल्दबाजी या अधीरता से न लिया जाय बल्कि किसी भरोसेमंद व्यक्ति से उचित सलाह लेकर निर्णय लें। यह निर्णय मुख्यतः स्वास्थ्य से संबंधित भी हो सकते हैं। इससे पता चलता है कि जातक की बीमारी को बाद स्वस्थ होने के लिए कितने समय तक आराम करना चाहिए। 10 दि व्हील आॅफ फाॅरच्यून (भाग्य चक्र) ग्रह-वृहस्पति यह भाग्य-चक्र का द्योतक होता है अर्थात् यह जीवन के नये चक्र का प्रतीक है। इसका अर्थ है सौभाग्यशील एवं सुनहरा भविष्य। यह भी भाग्य ही है जो आप इस भवसागर में आये, न कि आप अपनी मर्जी से आये। मौजूदा समस्याओं का अंत और पूर्व समय में किये गये प्रयत्नों का प्रतिफल या इनाम प्राप्त होता है। यदि यह अशुभ रूप में (उल्टा) आये तो दुर्भाग्य एवं परेशानियों का द्योतक है लेकिन इसका उल्टा चलना क्षण मात्र ही होता है क्योंकि यह पुनः समृद्धि की ओर बढ़ने लगता है। 11 स्ट्रैन्थ (शक्ति) राशि-सिंह इसका तात्पर्य केवल भौतिक शक्ति नहीं बल्कि भयंकर दबाव की स्थिति में सहजता से कार्य करने की क्षमता को प्रकट करता है तथा इसका अंत सफलता के साथ होता है। 12 दि हैंगमैन (फांसी) तत्व-जल, ग्रह-नेप्च्यून यह जातक के पार्थिव या भावनात्मक बलिदान का प्रतीक है। साथ ही जातक में परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढाल पाने की योग्यता को दर्शाता है। 13 डैथ (मृत्यु) राशि-वृश्चिक यह कार्ड भयदायक जरूर प्रतीत होता है परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है। यह पुराने कामों की समाप्ति या पुराने कामों की शुरुआत को बताता है। 14 टैम्परेंस (धैर्य) राशि-धनु यह आत्म नियंत्रण, ज्वलनशील मुद्दों को ठंडे दिमाग से निबटाने का प्रतीक है जिससे कि सकारात्मक परिणाम मिल सकें। 15 दि डेविल (शैतान) राशि-मकर यह कार्ड एक शुभ संकेतक है। यदि किसी विवाह में प्रतिबद्धता या रिश्तों की ईमानदारी का प्रश्न हो तो इस सच्चाई, ईमानदारी एवं वफादारी का प्रेमपूर्ण प्रतीक समझा जाना चाहिए। 16 दि टाॅवर (मीनार) ग्रह-मंगल डैथ और डेविल के पश्चात् यह कार्ड बेहद भय एवं खौफ का वातावरण पैदा करता है। 17 दि स्टार (तारे) राशि-कुंभ यह एक शुभ फलदायक कार्ड है जो भविष्य का प्रतीक है व अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसमें आशीर्वाद, उम्मीद, निष्ठा का दृढ़ीकरण एवं अप्रत्याशित उपहार समाहित हैं। 18 दि मून (चंद्रमा) राशि-मीन यह जातक की तीव्र भावनात्मक अभिव्यक्ति और संशय की स्थिति प्रदर्शित करता है। परंतु यह जातक की राह को जगमगा देने वाला होता है भले ही मन में कितना भी भय क्यों न हो अर्थात् रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो, अंततः सफलता की प्राप्ति कराता है। 19 दि सन (सूर्य) ग्रह-सूर्य, ऋतु-ग्रीष्म यह उत्तम कार्डों में से एक है जो बताता है कि समय बहुत हर्षदायक और प्रसन्नतावर्द्धक स्थिति की ओर अग्रसर है, मस्ती भरी छुट्टियां, चारों ओर से बच्चांे के संबंध में शुभ समाचार आने या काफी समय पश्चात् बच्चे के जन्म का प्रतीक माना जाता है। परिवार व मित्रों के साथ मौज-मज़ा, प्रिय साथी जन और सौहार्दपूर्ण संबंधों का प्रतीक है। नकारात्मक रूप से देखें तो यह योजनाओं में विलंब और उपलब्धियों के देर से प्राप्त होने का समय है, साथ ही अहम के कारण गलत कार्य-कलाप करने के खतरे की ओर भी सचेत करता है। 20 जजमेंट (निर्णय) ग्रह-प्लूटो तत्व-अग्नि यह वर्तमान पूर्णता एवं पूर्व समय में किये गये प्रयत्नों के पुरस्कार का द्योतक है अर्थात् पुराने प्रयत्नों के समापन एवं नये कामों की शुरुआत का प्रतीक है। 21 दि वल्र्ड (विश्व) ग्रह-शनि यह जातक की हार्दिक इच्छा की संपूर्ति का प्रतीक है चाहे वह कुछ भी क्यों न हो अर्थात् उपलब्धि का समय, मान्यता, सफलता पाने की घड़ी और विजयश्री की उपलब्धि का प्रतीक है। माइनर आरकाना काडर््स:- वैन्ड्स (छड़ें): वैन्ड्स सृजनशीलता का समूह है जो कर्मठता और गति या मूवमेन्ट भी दिखाता है। इन का संबंध ज्यादातर उत्साह, एडवेंचर, जोखिम उठाना इत्यादि गुणों से होता है। यह समूह पौरुषवृŸिा सिद्धांत से संबंधित होता है। चीनी दर्शन के अनुसार यह आग-तŸव से जुड़ा होता है। एक टिमटिमाती हुई दीप-शिखा इसका एक सम्पूर्ण प्रतीक है। इसकी ऊर्जा बहिर्मुख होती है और वासनात्मक संलग्नता को पैदा करती है। कप्स (प्याले): कप्स का संबंध भावना से है। ये आंतरिक स्थितियों, भावनाओं एवं संबंधों के पैटर्न का वर्णन करते हैं। इस समूह में ऊर्जा अंतर्मुखी होती है। कप्स का संबंध स्त्रीवृŸिा सिद्धांत से माना जाता है। चीनी दर्शन के अनुसार इनका जुड़ाव जल तत्व से होता है। चूंकि पानी का सहज गुण है बहाव तथा जगहों को भरना, इसलिए यह परिवर्तनकारी मनोभाव (मूड्स) को आदर्श रूप में प्रतिबिम्बित करता है। स्वोडर््स (तलवार): स्वोडर््स बुद्धिमŸाा, विचार और तर्क का समूह होता है। इनका संबंध न्याय, सत्य एवं नैतिक सिद्धांतों से होता है। स्वोडर््स का जुड़ाव वायु तत्व से माना गया है। निरभ्र आकाश, खुला एवं रोशन वातावरण, मानसिक स्पष्टता का द्योतक है जो इस समूह, दी स्वोडर््स का आदर्श है। इस समूह का संबंध उन स्थितियों से भी होता है जो असंगति या असामंजस्य एवं अप्रसन्नता की परिचायक हैं। यद्यपि हमारी बुद्धिमŸाा एक अमूल्य निधि है किंतु अहम का वाहन होने के कारण, यदि यह ज्ञान और हमारे आंतरिक मार्गदर्शन से व्यवस्थित हो तो यह अहम्न्यता के वाहक के रूप में उभरती है। पैन्टाकल्स (सितारे): पैन्टाकल्स का समूह, व्यावहारिक, सुरक्षा और भौतिक सरोकारों को प्रतिबिम्बित करता है इनका सीधा जुड़ाव पृथ्वी तत्व से होता है तथा पदार्थ या मैटर के साथ ठोस जरूरत को रूपांकित करता है। पैन्टाकल्स के अंतर्गत हम प्राकृतिक सुषमा, पेड़-पौधों या जीव-जंतुओं के साथ हमारी क्रियाओं एवं शरीर के भौतिक अनुभव का आकलन करते हैं। पैन्टाकल्स हमारी समृद्धि एवं संपदा (हर प्रकार की) का प्रतिनिधित्व करते हैं। कभी-कभी इस समूह को काॅइन (सिक्के) का सूट भी कहते हैं यानी भौतिक विश्व की हर पार्थिव वस्तु एवं सेवाओं के स्पष्ट प्रतीक मानते हैं। माइनर आरकाना के प्रत्येक समूह की अपनी विशिष्ट पहचान या गुण होता है। हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों में इन्हीं चार खास अनुभवों का सम्मिश्रण होता है। कार्ड पठन सत्र में इनका उभरना आपको स्पष्ट इंगित करता है कि किस प्रकार इनसे निःसृत ऊर्जाएं हमारे जीवन पर, किसी भी क्षण में प्रभाव डालती हैं। उन सूटों या समूहों का ढांचा इस प्रकार का बनाया गया है कि इनका प्रभाव हमारे दस नंबर तक चिह्नित कार्डों (इक्के से पहले तक) तथा चार अन्य चित्रित कार्डों (बादशाह, बेगम, नाइट या गुलाम और पेज या परिचर) के द्वारा स्पष्ट प्रतिबिम्बित होता है। हर कार्ड यह बताता है कि किस प्रकार हमारे जीवन में इनके द्वारा पैदा की गई ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। टैरो कार्ड उपयोग विधि: प्रश्नकत्र्ता कार्ड चुनेगा। इसके बाद जमीन पर कार्ड उल्टा रखना होता है, जिसमें से 3 कार्ड खींचने होते हैं। तीसरा पत्ता प्रश्न की सबसे महत्वपूर्ण बात बताता है। कार्ड निकालने के समय सीधा, या उल्टा कार्ड निकलने पर फल कथन अलग प्रकार से जानना चाहिए। कार्ड के हर एक चित्र को गहराई से देखना-समझना सही उत्तर का हिस्सा है। जब कोई प्रश्नकत्र्ता किसी टैरो कार्डधारी विशेषज्ञ के पास अपनी समस्याओं के हल के लिए पहुंचता है, तो उसके अंतर्मन में, उन प्रश्नों को ले कर, एक कौतूहल एवं जिज्ञासा होती है, जिसे वह तुरंत शांत करना चाहता है। जब उसकी जिज्ञासा तीव्र होती है, उस समय विशेष में आकाश में ग्रहों की स्थिति जातक की मानसिक दशा, स्थिति को प्रभावित करती है एवं उनसे उत्पन्न ऊर्जा तरंगें ;ब्वेउपब ॅंअमेद्ध जातक द्वारा टैरो .कार्ड के पत्तों के चुनाव को प्रभावित करती हैं एवं इस प्रकार प्रश्न समस्या-समाधान को सार्थकता प्रदान करता हंै। अंतः इसका उपयोग श्रद्धायुक्त जातक को दृढ़ विश्वास रखकर ही करना चाहिए। जब प्रश्नकत्र्ता, निश्छल हो कर एवं शुद्ध अंतःकरण से, टैरो कार्ड के बिखरे समूह में से प्रथम पत्ते को निकालता है, तो उस समय-विशेष में जातक जिस मानसिक उतार-चढ़ाव, अथवा उद्वेग-आवेग से गुजर रहा होता है, उसे प्रकट करता है; अर्थात् प्रश्नकत्र्ता द्वारा चुना गया पहला पत्ता जातक की वत्र्तमान मानसिक दशा स्थिति की विवेचना करता है। प्रश्नकत्र्ता यों ही प्रश्नों को मन में दोहराता हुआ जब दूसरे पत्ते को समूह से निकालता है, तो वह उसके प्रश्न द्वारा समस्या समाधान की दिशा में आये उन संघर्षों एवं विपरीत परिस्थितियों में उसके खड़े रहने की प्रतिबद्धता को दृष्टिगोचर करता है; अर्थात् चुना गया दूसरा पत्ता उन संघर्षों का ज्ञान कराता है, जो प्रश्नकत्र्ता की मनोवांछित फल प्राप्ति की दिशा में उसके मार्ग में आ सकते हैं। तीसरा, या अंतिम पत्ता प्रश्नकत्र्ता के प्रश्न द्वारा समस्या समाधान की तरफ संकेत करता है; अर्थात् तीसरा पत्ता पूछे गये प्रश्न से जिज्ञासा समाधान, या फल के फलीभूत होने, न होने एवं परिणाम की तरफ एक संकेत प्रदान करता है। कार्ड निकालने के समय सीधा, या उल्टा कार्ड निकलने पर फल कथन अलग प्रकार से जानना चाहिए। कार्ड के हर एक चित्र को गहराई से देखना-समझना सही उत्तर का हिस्सा है।



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