कुछ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है। घर से गये प्राणी को वापस बुलाने हेतु: प्रातः काल स्नान करके घर से गये हुए प्राणी का नाम एक कागज पर लिखें और एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल भरकर रूई की बाती डालकर उसे जला दें। दीपक के नीचे नमक रख दें। इस प्रकार से यह क्रिया मंगलवार से प्रारंभ कर 43 दिन तक करें। धूप दीप से पूजन कर उस स्थान पर हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। उसके बाद श्री हनुमान जी से उसे घर वापस आने की प्रार्थना करते रहें। गया प्राणी वापस आजाएगा। शनिवार के दिन सरसों का तेल किसी बड़े बर्तन में डालकर उसमें अपनी छाया को देखें। घर के सभी सदस्य फिर तेल में आटे के गुलगुले बनाकर गरीबों को बांट दें। इससे शनिदेव का प्रकोप ठंडा हो जाएगा। यह क्रिया 7 शनिवार करें। भूत प्रेत भगाने के लिए यह धूमनी घर में दें। सांप की केंचुली को पीसकर उसमें वच, हींग तथा सूखी नीम की पŸिायों के मिश्रण को गाय के ऊपले पर डालकर लोहवान, गूगल का भी मिश्रण मिलाकर घर में मंगलवार से मिट्टी के सकोरे पर रखकर घर में इस धूमनी को घुमाएं। ऐसा करने से भूत-प्रेत व अन्य सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी काले धतूरे की जड़ को इतवार के दिन बाजू में बांधकर पहनने से बाधा हट जाती है। मुण्डी-गोखरु और बिनौला सम भाग लेकर तथा गोमूत्र में पीसकर जो ब्रह्म-राक्षस से ग्रस्त है, उसे सुंघा दें, तो ब्रह्म राक्षस का दोष मिट जाता है। मदिरापान छुड़ाने हेतु कटैला उपरत्न की माला धारण करें। इससे मन में शुद्ध विचार आने लगते हैं। जिन्हें भूत-प्रेत अथवा खराब स्वप्न दिखाई देते हैं, वह हाथ की उंगली में लहसुनियां धारण करें। इससे ऐसे स्वप्न तथा विकार दूर हो जाते हैं। जो मानसिक रूप से परेशान हैं तथा पागलपन की अवस्था में आ जाते हंै, उसे हाथ की उंगली में मोती की अंगूठी पहना देने से लाभ होता है। जिन्हें संतान नहीं होती है या जो पुत्र के इच्छुक हैं वे पुखराज धारण करें। इतवार या रवि पुष्य योग में तुलसी पत्र, काली मिर्च 8-8, इनको सहदेई की जड़ मिलाकर तीनों को पीसकर ताबीज में भरकर दाहिनी भुजा में मंगलवार के दिन बांधने पर बाधा से छुटकारा मिल जाता है।