फलादेश - वर्ष 2012
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फलादेश - वर्ष 2012  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 9893 | जनवरी 2012

फलादेश - वर्ष 2012 वर्ष 2012 में शनि अपने उच्च की राशि तुला में रहेंगे व 7 फरवरी से 25 जून तक वक्री रहेंगे। 16 मई 2012 को तुला से कन्या में वापिस आएंगे व 4 अगस्त 2012 को पुनः तुला में प्रवेश करेंगे।

गुरु प्रारंभ में मेष में रहेंगे व 17 मई को वृष में प्रवेश करेंगे। राहु, केतु वृश्चिक व वृष राशि में ही रहेंगे। मंगल वर्ष के प्रारंभ से 22 जून तक सिंह राशि में ही गोचर करेंगे। उपरोक्त ग्रह चाल के कारण निम्न फल प्राप्त होंगे-

भारत: भारत की कुंडली में गुरु बारहवें भाव में शनि उच्च का होकर तुला में व राहु सप्तम भाव से गुजर रहा है। यह वर्ष भारत के लिए अति उŸाम वर्ष रहेगा। इसके बाद भारत की साख बढ़ेगी। रुपया मजबूती प्राप्त करेगा, आर्थिक मजबूती होगी। जनता में आक्रोश कम होगा। लेकिन विभिन्न पार्टियों में समन्वय की कमी होगी। आपस में कटाक्ष आपेक्ष करेंगे।

वर्षा: इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा के आसार हैं। फरवरी के भी अंत या मार्च के प्रारंभ में छींटे बूंदा-बांदी के बाद अप्रैल के प्रारंभ में भी कुछ छींटे पड़ेंगे। मई सूखा रहेगा। जून के मध्य से वर्षा प्रारंभ होगी और जुलाई के मध्य तक अच्छी वर्षा होगी। एक माह के अंतराल के बाद पुनः अगस्त के मध्य से लेकर सितंबर के मध्य तक खूब वर्षा होगी। अक्तूबर माह भी सूखा नहीं रहेगा।

सोना: इस वर्ष सोने में काफी उतार-चढ़ाव रहेंगे। फरवरी के अंत में कुछ नर्मी पाकर मार्च में काफी ऊपर रहेगा और अप्रैल में अपने न्यूनतम स्तर पर रहेगा। इसके बाद इसके भाव बढ़ते रहेंगे जो कि दीवाली से पहले न्यूनतम स्तर पर रहेंगे। नवंबर में पुनः मजबूत होकर वर्षांत में स्वर्ण के भाव कमजोर होकर बंद होंगे।

डाॅलर: सितंबर-अक्तूबर 2011 में डालर ने लंबी छलांग लगाई और रुपये के बदले 20 प्रतिशत तक मजबूत हो गया। लेकिन उम्मीद है कि वर्ष 2012 में रुपया डालर के मुकाबले अधिक मजबूत होगा और जनवरी के मध्य में यह काफी अच्छी पकड़ बनाएगा। तत्पश्चात् इसमें कुछ ऊपर-नीचे होता रहेगा लेकिन मार्च के अंत में रुपया पुनः अच्छी मजबूती को प्राप्त करेगा। लेकिन यह मजबूती अधिक समय नहीं रह पाएगी। मई में और पुनः जुलाई में डाॅलर मजबूत रहेगा। अगस्त में रुपया मजबूत रहेगा। वर्षांत में रुपया अधिक शक्तिशाली रहेगा और डाॅेलर के मुकाबले मजबूत होकर ही खड़ा रहेगा।

सेन्सेक्स: सेन्सेक्स में वर्ष भर उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे लेकिन न बहुत अधिक गिरेगा और न ही बहुत अधिक चढ़ेगा। वर्ष भर सेन्सेक्स 18 हजार से 2-3 हजार पाइंट ऊपर व नीचे ही रहेगा। मुख्य तेजी मार्च में रहेगी लेकिन अप्रैल में फिर नीचे आ जायेगा। इसके बाद उतार-चढ़ाव के साथ धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता रहेगा। सितंबर के आखिर से नीचे की ओर उन्मुख होगा व वर्षांत में थोड़ा-सा ऊपर चढ़कर समाप्त होगा।

मेष: मेष राशि के लिए वर्ष 2011 काफी चिंता व परेशानियों से घिरा रहा था। वर्ष 2012 सभी परेशानियों को दूर कर विशेष उन्नतियां लेकर आएगा। लग्न में गुरु कीर्तिमान होगा जो कि वर्ष के उŸारार्द्ध में धन कारक होगा। उदर संबंधी रोग कुछ परेशान कर सकते हैं। कुल मिलाकर कई वर्षों बाद वर्ष 2012 भाग्योदयकारक रहेगा।

वृष: गुरु की बारहवें भाव में स्थिति अच्छे निवेश कराएगी। कोई घर या व्यवसाय में बड़े निवेश होंगे। लंबी दूरी की यात्राएं होंगी। शत्रु दमन होगा। नौकरी में पदोन्नति होने की पूर्ण संभावनाएं हैं। व्यवसाय फैलेगा। वर्ष 2012 बहुत से अच्छे आयाम लेकर आएगा।

मिथुन: मिथुन राशि के लिए वर्ष 2012 बहुत सुखद व लाभदायक रहेगा। संतान की ओर से शुभ सूचनाएं मिलेंगी। संतान इच्छुक लोगों की इच्छापूर्ति होगी। धन लाभ होगा। छोटी व लंबी अनेक यात्राएं होंगी। वर्ष के अंत में विशेष निवेश होंगे जो कि 2-3 वर्ष बाद लाभ देंगे।

कर्क: इस वर्ष आपके व्यवसाय में बढ़ोŸारी होगी, नौकरी वालों की तरक्की होगी। घर बदलने के भी आसार रहेंगे। अच्छा बड़ा घर रहने को मिलेगा। साथ ही नया वाहन भी आयेगा। वर्ष का उपयोग करें व कोई निर्णय लेने हैं तो उन्हें कर डालें, शुभ रहेंगे।

सिंह: सिंह राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती समाप्त हुई है अतः विशेष चिंताओं से छुटकारा मिलेगा और व्यवसाय में उन्नति होगी। वर्षांत में कारोबार और अधिक फैलेगा। नौकरी में इस वर्ष तरक्की प्राप्त होगी। घर के लिए विशेष साजो समान खरीदेंगे। वाहन बदल सकते हैं।

कन्या: कन्या राशि के लिए 2012 बहुत शांति का वर्ष होगा। शनि की साढ़ेसाती जो मध्य में चल रही थी अब उतार पर आ गई है। इसके कारण जो रुके हुए काम थे धीरे-धीरे बनने लगेंगे व 2012 के अंत तक चिंताओं से मुक्ति मिलेगी, स्वास्थ्य में भी लाभ महसूस होगा। शनि के लिए शांति पाठ व दान करते रहें, शुभ फल प्राप्त होंगे।

तुला: पिछला वर्ष तुला राशि के लिए विशेष नेष्ट था। इस वर्ष कष्ट व चिंताएं कुछ कम होंगी। लेकिन चिंता से मुक्ति में कुछ समय लगेगा। शनि-शांति के लिए शनि मंत्र का जप, सरसों के तेल का छाया दान, हनुमान जी की आराधना उŸाम रहेगी। धैर्य रखें, हानि पर लगाम लगेगी। कर्म न छोड़ें। वृश्चिक: यह वर्ष अत्यधिक खर्चों का है। यात्रा, प्रोपर्टी या स्वास्थ्य पर विशेष खर्च होंगे। शनि की साढ़ेसाती शुरु होने के कारण कुछ चिंता बढ़ सकती है या कामों में अवरोध आ सकते हैं, लेकिन आय बनी रहेगी व रुक-रुक कर काम बनते रहेंगे। हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप लाभकारी रहेगा।

धनु: यह वर्ष संतान से सुख, लाभ व यात्राओं का रहेगा। धन प्रचुर मात्रा में प्राप्त होगा। शत्रु अपने आप हार जाएंगे। कार्य में वृद्धि होगी और जो काम अभी तक नहीं बन पा रहे थे, अब पूर्ण होंगे। चारों ओर से सफलता प्राप्त होगी। समय का सदुपयोग करें। निर्णय लेकर आगे बढ़ें सफलता ही मिलेगी।

मकर: यह वर्ष विशेष सफलता और फैलाव लेकर आएगा। जो पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, वे इस वर्ष उन्नति प्राप्त करेंगे। नया घर प्राप्त कर सकते हैं अर्थात घर बदल सकता है। अनेक नए संबंध बनेंगे जिनसे लाभ प्राप्त होगा। संतान पक्ष से भी शुभ सूचनाएं प्राप्त होंगी।

कुंभ: यदि वरिष्ठ अधिकारियों से अनबन चल रही है या कार्य क्षेत्र में कुछ समस्या चल रही है तो इस वर्ष ये समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। नौकरी वालों के लिए स्थानांतरण होने की संभावना बनेगी। पिछले वर्ष के मुकाबले यह वर्ष अधिक भाग्यशाली व लाभदायक रहेगा।

मीन: नौकरी वालों को इस वर्ष अपने वरिष्ठ अधिकारियों की आज्ञा का पालन करना चाहिए तथा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ सहयोग करने से लाभ होगा। अन्यथा अशांति का कारण हो सकता है। धन की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। तीर्थ यात्राएं होंगी, घर में सुखद वातावरण रहेगा परंतु व्यवसाय में कुछ कटु वातावरण रहेगा।

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