नव संवत्सर का मेदिनीय
नव संवत्सर का मेदिनीय

नव संवत्सर का मेदिनीय  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 5235 | जनवरी 2012

नए संवत्सर का मेदिनीय ज्योतिषीय फलजय इन्दर मलिक इस वर्ष संवत् 2069 चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा दिन शुक्रवार से आरंभ हो रहा है। इस का नाम विश्वावसु है। इस संवत्सर का स्वामी राहु है।

इस संवत्सर में शासन प्रणालियों में अस्थिरता रहेगी। वर्षा एवं फसलें कम हांेगी। जनता रोगों और करों के बोझ से पीड़ित रहेगी, अनाज महंगे होंगे। इस संवत का राजा शुक्र है। समाज में स्त्रियों का मान बढ़ेगा। औद्योगिक विकास में गति आयेगी। कल्याणकारी कार्यों का लाभ जनता तक पहुंचेगा। रोगों पर नियंत्रण के लिये प्रभावशाली कदम उठाये जायेंगे। विलासिता अधिक बढ़ेगी। सौंदर्य प्रसाधनों के व्यापारियों को विशेष लाभ मिलेगा। सोना, चांदी के भाव आसमान पर होंगे।

14-10-2012 से 12-2-2012 तक नीरसेश (धातु एवं व्यापार का स्वामी) सूर्य है। राजनैतिक दल एक दूसरे पर हावी होने का प्रयास करते रहेंगे। भारत की ताकत बढ़ेगी। शासक वर्ग अच्छे और सुविचारित निर्णय लेंगे। तांबा, सोना, चांदी महंगे होंगे तथा जौ, मूंग, मटर, अरहर, घी, कपास सर्वधान्य, सरसों, जूट-बारदाना पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। फलेश: गुरु देव है।

14 मार्च 2012 से 12-4-2012 तक हल्दी, चना, पीले रंग की वस्तुओं के भाव सामान्य रहेंगे तथा भूगर्भ से नये भंडार मिल सकते हैं। इस वर्ष का मंत्री शुक्र है। फसलंे तो अच्छी होंगी। परंतु बाढ़ तथा चूहों से खड़ी फसल को हानि होगी। नदियों में बाढ़ आने के कारण समीप के प्रदेशों में हानि होगी। सस्येश: चंद्र देव है।

16-7-2012 से 15-8-2012 तक वर्षा अधिक होगी। दूध की मात्रा अधिक होगी। प्रजा में सुख साधनों की वृद्धि होगी। जनता शुभ कामों में लगेगी। शासकों में संघर्षों की कमी होगी। रोग कुछ शांत होंगे। सोने तथा तेल व तेलवाले पदार्थों के भावों में कमी होगी। दुर्गेश पद गुरुदेव के पास होने से शासन अधिकारी, लोक कल्याणकारी कामों में तत्परता दिखलायेगें। न्याय समानता की भावना राज्य प्रशासन में होने पर भी असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। सैन्य बल बढ़ेगा।

16-8-2012 से 15/09/2012 तक गुरु मेष राशि में होेने के कारण सोने, चांदी, तांबा, गुड़ में मंदी होगी। धनेश: यह पद सूर्य देव के पास है। व्यापारियों को उत्तम लाभ होगा।

16-9-2012 से 15/10/2012 गाय-भैंस चैपायों के व्यापारियों को उत्तम लाभ मिलेगा। मंदी का दौर समाप्त होगा। श्रमिकों का सहयोग बढ़ेगा। व्यापारी संग्रह करेगे जिससे जनता को नुकसान तथा व्यापारी को लाभ मिलेगा।

रसेश (मंगल देव) 16-10-2012- 15-11-2012 तक तथा सूर्य तुला राशि में है। वर्षा कम होगी। फलों के भाव बढ़ेंगे। संसद के सत्र में एक दूसरे पर आरोप लगाये जायेंगे। फलों के व्यापारियों को कठोर मेहनत करनी पड़ेगी। गेहूं, अनाज, गुड़, खांड, सोना, चांदी, लाल चीजें व लाल वस्तुओं में तेजी होगी। वर्ष के धान्येश शनि देव हैं।

15/12/2012 से 13/1/2013 तक अनाज मूंग, मोठ, बाजरे की फसल में रोग होगा। शासकीय कोष में कमी होगी। जनता में मतभेद बढ़ेगा। विश्व में शांति के प्रयासों में बाधायें आयेंगी। रोगों का प्रकोप बढ़ेगा। अल्पवृष्टि के योग हैं, रसीले पदार्थों में तेजी आयेगी। मेघेश पद गुरु देव के पास होने से वर्षा अच्छी होगी प्रशासन जनता की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखेगा। मुद्रास्फीति में कमी आयेगी। देश में विदेशी मुद्रा का आगमन होगा।

जनता में सुख समृद्धि होगी 21-6-2012 से 20-7-2012 तक सोने-चांदी में मंदी आयेगी। मेघ फल: इस वर्ष आवर्त नाम के मेघ का प्रभाव रहेगा। कहीं वर्षा कम और कहीं ओलों की वृद्धि होगी। कृषि उत्पादन में कमी होगी। सर्वत्र अशांति बनी रहेगी। फलों और हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि होगी। नाग फल: इस वर्ष पृथुश्रव नाम का नागराज है। इस के प्रभाव से वर्षा कम व फसलों को हानि होगी।

समय निवास: इस वर्ष कुम्हार के घर समय निवास है। वर्षा में कमी, उद्योगों व यातायात के साधनों में वृद्धि होगी। संग्रह करने वाले सुखी होंगे। इस वर्ष में समय का वाहन मेंढक है। शासनाध्यक्ष गलत-फहमी के शिकार होंगे। बड़ी चाटुकारिता से बातें करेंगे। जनता के कल्याणकारी उपायों को अमल में नहीं लायेंगे। समाज में विलासिता की प्रवृत्ति बढ़ेगी। उत्तर-पूर्व एवं पश्चिम प्रदेशों में प्राकृतिक उपद्रव अधिक होंगे।

मुद्रा बाजार में गिरावट रहेगी। रोहिणी निवास: इस वर्ष रोहिणी का निवास पर्वत पर है। अल्प वर्षा, वायु वेग से दुर्भिक्ष भय होगा। कृषि उत्पादन में कमी होगी। सिंचाई के साधनों की आवश्यकता पडे़गी। बहुत से मुस्लिम राष्ट्राध्यक्षों के सत्ता परिवर्तन का योग है।

इस्लामिक उग्रवाद में वृद्धि होगी। फलों के उत्पादन में लाभ मिलेगा आद्र्रा प्रवेश के समय कुंभ लग्न का चैथा अंश उदित होगा। तृतीयेश और दशमेश मंगल सप्तम भाव में बैठा है। लोगों में क्रोध और विलासिता की प्रवृत्ति बढ़ेगी। आद्र्रा प्रवेश कुंडली में सप्तम मंगल की दृष्टि प्रथम, द्वितीय और दशम भाव पर पड़ती है जिसके कारण पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल आदि में वर्षा अधिक होगी।

सितंबर मास में गुजरात, कच्छ, उत्तर2 प्रदेश, मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड व राजस्थान के मैदानी इलाकों में वर्षा की कमी से कृषकों को हानि का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली, हरियाणा तथा पंजाब में वर्षा अच्छी होने का योग है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.