परवेज मुशर्रफ के सितारे गर्दिश में
परवेज मुशर्रफ के सितारे गर्दिश में

परवेज मुशर्रफ के सितारे गर्दिश में  

उमाधर बहुगुणा
व्यूस : 7769 | जून 2013

झूठ फरेब के लिए कुख्यात पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ साहब की कुंडली काफी दिलचस्प है। कभी जन्मकुंडली में बैठे ग्रह उन्हें अपने देश के सर्वोत्तम पद पर आसीन कर देते हैं तो कभी उन्हें अपने ही देश में स्वयं को बचाने के लिए भागना पड़ता है। आने वाला समय उनके लिए कैसा रहेगा इस संबंध में हम डालते हैं एक नजर उनके जीवन में हुई घटनाओं एवं कुंडली में स्थित ग्रहों पर। 16 मार्च 2013 को जैसे ही पाकिस्तान में आम चुनावों की तिथि की घोषणा हुई तो चार-पांच वर्षों से स्वनिर्वासन का जीवन जी रहे महत्वाकांक्षी परवेज मुशर्रफ 24 मार्च 2013 को दुबई से 1 बजकर 15 मि. में अपने वतन वापस आ गये। उनकी जन्म कुंडली, ग्रह, नक्षत्रों से नहीं लगता कि पाकिस्तान के आम चुनावों में उनकी कोई अहम् भूमिका होगी या इस चुनाव में उनके आने या न आने से पाकिस्तान में कोई फर्क पड़ेगा।


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इसका एक नजारा उन्हें भी 29 मार्च 2013 को सिंध हाईकोर्ट के बाहर देखने को मिल गया जब एक वकील ने उनके ऊपर जूता फंका जो उनकी नाक पर लगा, इस वाकिया से वे अपनी लोकप्रियता को स्वयं भी जान गये हैं इसलिए उन्होंने चार जगह से अपनी नामज़दगी के पर्चे भरे हैं। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह जनरल तथा विश्व में झूठ फरेब के लिए कुख्यात परवेज़ मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को (नहर वाली हवेली) दरिया गंज दिल्ली में प्रातः 5 बजकर 44 मि. 56 सेकेंड में कर्क लग्न तथा वृश्चिक राशि में हुआ। परवेज मुशर्रफ साहब का लग्नेश चंद्रमा वृश्चिक राशि और धनु नवमांश के साथ पंचम में स्थित है

जो कि एक बहुत बड़ा राजयोग बन गया है, साथ ही ज्येष्ठा में चंद्रमा और लग्न में रवि, राहु,बृहस्पति, लग्न में गुरुचांडाल योग, पंचमहापुरूष योग, सूर्य की उपस्थिति ने इन योगों का स्वरूप बदलकर एकदम विपरीत कर दिया है, जिसके कारण उनका स्वभाव उग्र, स्वार्थी, क्रूर, अनुशासनहीन झूठ बोलने में माहिर, उद्दंड व्यक्तित्व बन गया है। 12 अक्तूबर 1999 को रात्रि 12 बजे के आस-पास जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ का तख्तापलट दिया और लोकतंत्र का गला घांट दिया। अप्रैल मई 1999 में भारत के साथ धोखा, फरेब किया और हजारों सैनिकों को भी मरवा दिया। कई बच्चे अनाथ, कई महिलायें विधवा हुईं, कई माता-पिताओं ने अपने बच्चे खोए। इसके लिए इन्हें कारगिल का मास्टरमाईंड माना जाता है। द्वितीय स्थान में शुक्र बुध की स्थिति ने इन्हें चालाक, आत्ममुग्ध, योजनाकार, कूटनीतिज्ञ, झूठ बोलने में माहिर बना दिया है।

द्वितीयेश सूर्य लग्न मं बृहस्पति के साथ स्थित होने से कुशाग्र बुद्धि, कुशल योजनाकार, कुशल वार्ताकार और शातिर, अपनी बातं मनवाने में माहिर बना दिया है। परवेज मुशर्रफ साहब एक सेना के अधिकारी से पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने, यह तरीका भले ही गलत कहा जा सकता है फिर भी वे उस समय सजा से बचकर और देश छोड़कर जाने में कामयाब हो गये। पंचम स्थान में वृश्चिक राशि का चंद्रमा नीचभंग राजयोग का सृजन कर रहा है। इसलिए ही चंद्रमा की विंशोत्तरी दशा में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ज्येष्ठता क्रम को नजर अंदाज करते हुए इन्हें जनरल बनाया, बाद में इन्हीं के द्वारा प्रधानमंत्री को पद से अपदस्थ करते हुए देश निकाला किया गया तथा 12 अक्तूबर 1999 को ये जनरल के साथ-साथ लोकतंत्र की हत्या करते हुए स्वयं ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी बन गये।

लग्न में राहु और बृहस्पति के कारण ये कुछ समय तक दोनों पदों पर बने रहे और विरोध को दबाने या इस विषय से ध्यान हटाने के लिए ही कारगिल युद्ध किया गया। कारगिल के मिसएडवेंचर की सजा कोर्ट मार्शल की कार्यवाही होनी थी सो इससे बचने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की चयनित लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता ही पलट दिया। आप दूसरी बार भी अनुशासनहीनता की सजा से उपरोक्त योगों के कारण ही बच निकले, उस समय चंद्रमा की विंशोत्तरी दशा में सूर्य का अंतर था। यह रवि महाराज की ही कृपा थी जो इतने बड़े अपराध करके भी परवेज मुशर्रफ साहब को सजा के बदले पुरस्कृत कर गये, षष्ठेश बृहस्पति का लग्न में राहु, सूर्य के साथ स्थित होना और मंगल द्वारा दृष्ट होना उनके भावी जीवन के खतरों का संकेत और भविष्य में इन खतरों से सचेत होने की चेतावनी भी दे रहे हैं, उन्हें अपने कुकृत्यों की याद दिलवा रहे हैं।

उनके जीवन में 20 अक्तूबर 2008 से 20 अक्तूबर 2026 तक का समय किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं है। उन्हें हर प्रकार से सचेत और सावधान रहना चाहिए। भाग्येश बृहस्पति उच्च का होकर लग्न में हंस योग बना रहा है, साथ ही राहु के साथ गुरु चांडाल योग और सूर्य के साथ बृहस्पति अस्त भी हो गये हैं जिसका प्रभाव अच्छा नहीं होगा और इसका सामना अभी उन्हें करना होगा। विंशोत्तरी दशा क्रम में 2 जुलाई 2011 से 26-11-2013 तक का समय अच्छा नहीं है। यह समय परवेज़ मुशर्रफ साहब के लिए अच्छा नहीं, 11 मई 2013 के पाकिस्तान के आम चुनावों में उनकी और उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं होगी। 16 जुलाई 2013 से 26 नवंबर 2013 तक का समय बहुत ही खराब है।


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फिर से न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ेंगे। जनता का आक्रोश झेलना पड़ेगा, मान-सम्मान घटेगा हमले भी हो सकते हैं। 24 नवंबर 2013 से 2 अक्तूबर 2016, यह जीवन का अब तक का सबसे खराब समय साबित होगा। उन पर आरोप सिद्ध हो सकते हैं, उनको कोई बड़ी सजा मिल सकती है, साथ ही उन पर कोई जानलेवा हमला हो सकता है।

उनके साथ कोई अनहोनी भी हो सकती है। उन्होंने जो अपने स्वार्थ के लिए कारगिल में किया उन सैनिकों की विधवाओं, अनाथ बच्चों की हाय परवेज मुशर्रफ साहब को कुर्बानी देकर चुकानी पड़ेगी, पाकिस्तान के भी ग्रह योग अस्थिरता, अराजकता, विदेशी हस्तक्षेप के हैं। नवाज शरीफ साहब को सरकार बनाने का मौका मिलेगा।



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