ज्योतिष सॉफ्टवेयर
ज्योतिष सॉफ्टवेयर

ज्योतिष सॉफ्टवेयर  

व्यूस : 11328 | मार्च 2009
संसार में प्रायः दो प्रकार के ज्योतिषी विद्वान देखने को मिलते हैं। एक तो वे जो सिर्फ अध्ययन, चिंतन, मंथन करते हैं और शोध करके अपने नियमों को पुस्तकों में लिखकर अन्य ज्योतिषी विद्वानों के लिए छोड़ जाते हैं और ज्योतिष क्षेत्र में अपना नाम सदा के लिये अमर कर जाते हैं। ऐसे ज्योतिषी भौतिक सुख, नाम व शोहरत की चाहत से दूर रहते हुए बिना किसी धनार्जन की चाह रखते हुये ज्योतिष समाज की अनवरत सेवा करते रहते हैं। जिनको आम आदमी शायद जान भी नही पाता है। दूसरे प्रकार के वे ज्योतिषी विद्वान होते हैं जो इन विद्वानों के ज्ञान और अनुभवों का लाभ उठाते हुए उनके शोधों का ज्योतिष के क्षेत्र में प्रयोग करते हुए भौतिकता से जुड़े रहकर नाम व शोहरत की चाह में साथ ही धनार्जन करते हुए ज्योतिष में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों की सेवा करते हैं तथा धन लाभ की प्राप्ति भी करते हैं। ऐसा व्यक्ति जो अपने शोध भी करे और जरूरत मंदों की सेवा भी करें, भले ही साथ में धनार्जन करे तो उस व्यक्ति से अधिक ज्योतिष का सदुपयोग कोई नहीं कर सकता। चाहते सभी हैं कि वे शोध भी करें और समाज सेवा के साथ-साथ धनार्जन भी करें, परंतु कभी समय के अभाव में या कभी डाटा तुरंत न मिल पाने के कारण व्यक्ति एक ही क्षेत्र तक सीमित रह जाता है। इन दोनों चीजों की उपलब्धि यदि एक ही साथ हो जाये तो व्यक्ति शोध भी कर सकेगा और समाज सेवा के साथ-साथ धनार्जन भी कर सकेगा। ऐसा नहीं है कि ऐसा संभव नही है। यदि एक ही समय में आप फोन पर बात करते हुए कुंडली का विवचेन भी करना चाहें और जातक को उसका निष्कर्ष व समाधान भी देना चाहें तो आप दोनों काम एक साथ भी कर सकते हैं। यदि आपके पास ज्योतिष शोध हेतु समय का अभाव है और कहीं यात्रा पर निकले हैं। आप उस समय को बरबाद न करते हुये उसका भी सदुपयोग करना चाहते हैं तो अब ऐसा भी संभव है। अर्थात् हर समय, जब आप कार्यालय में हो, घर में हो या यात्रा कर रहें हो या फोन पर बात कर रहे हो या अपने कार्यालय से घर या घर से कार्यालय भी जा रहे हो, तो इन समयों को आप यदि ज्योतिषीय शोध में सदुपयोग के साथ-साथ समाज सेवा में प्रयोग करना चाहते हैं तो ऐसा अब संभव है- बस एक छोटी सी मशीन के द्वारा जिसका नाम है- ‘’लियो पाम’’ क्या है लियो पाम? मूलतः यह एक पाम टाप कंप्यूटर है। सबसे पहले दुनिया में ‘सुपर कंप्यूटर’ आया जो एक बिल्डिंग की जगह लेते थे। फिर ‘डेस्कटाप कंप्यूटर’ आया जो एक मेज की जगह लेता है उसके बाद ‘लैपटाॅप कम्प्यूटर’ आया जो गोद में रखा जा सकता है। उसके बाद ‘पामटाॅप कंप्यूटर’ आया जिसको आप हथेली पर रख सकते हैं। और विश्वास कीजिए कि यह पाम टाप कंप्यूटर वह सब कार्य कर सकता है जो एक अन्य कंप्यूटर कर सकता है और न केवल कंप्यूटर बल्कि ये आपके मोबाइल फोन, इंटरनेट, वीडियो कैमरा, टेपरिकार्डर, कैलकुलेटर, नोट बुक आदि का भी कार्य बड़ी ही कुशलता के साथ कर सकता है। इस कंप्यूटर की मेमोरी में ज्योतिष विद्वानों के लिये ज्योतिष के विद्वानों की संस्था द्वारा निर्मित साफ्टवेयर डाला गया है। इस साफ्टवेयर के माध्यम से आप वह सभी कार्य बड़ी सुगमता से कर सकते हैं जिसको करने के लिये आपको लगभग एक अलमारी भरकर पुस्तकें और ढेर सारी अन्य सामग्री की जरूरत पड़ सकती है। आप ज्योतिष के किसी भी क्षेत्र के बारे में सोचिए और वह हाजिर होगी आपके लियो-पाम, पाम-टाप कंप्यूटर में। तो हो गया न ज्योतिषियों के लिए यह ‘‘अलादीन का चिराग’’। पाम साफ्टवेयर में उपलब्ध है निम्नलिखित ज्योतिष क्षेत्र- 1. कुंडली मिलान 2. वर्षफल 3. प्रश्न कुंडली 4. लाल किताब 5. कृष्णमूर्ति पद्धति 6. अंकशास्त्र 7. पंचांग एवं गोचर यह सभी पैकेज हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में उपलब्ध हैं। यदि आप चाहें तो इन पैकेज से प्राप्त जानकारी को प्रिंटर पर प्रिंट भी कर सकते हैं। कुंडली निर्माण में उपलब्ध जानकारी इस प्रकार है- जन्म कुंडली निर्माण - इसमें आप सभी प्रकार की कुंडलियां बना सकते हैं। जैसे लग्न, चलित, भाव संधि, सूर्य कुंडली, चंद्र कुंडली, होरा कुंडली और सभी प्रकार की वर्गीय कुंडलियां। सभी ग्रहों की राशि व उसके अंश, नक्षत्र, चरण, नक्षत्र स्वामी व स्थिति सहित ग्रह स्पष्ट। सभी 10 प्रकार की दशायें जैसे विंशोत्तरी, षोडशोत्तरी, अष्टोत्तरी, पंचोत्तरी, शताब्दिका, त्रिभागी, योगिनी, चर एवं कालचक्र दशाएं तथा ये सभी दशाएं पाच स्तर तक ही होंगी। जैसे महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा, सूक्ष्म दशा और प्राण दशा। अवकहडा चक्र की संपूर्ण जानकारी। षोडश वर्ग में नवग्रहों की स्थिति। नवग्रहों के षडबल तथा उनके रैंक सहित जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थितियां। अष्टक वर्ग के अंतर्गत सभी ग्रहों के सभी प्रकार के सर्वाष्टक वर्ग- जैसे भिन्नाष्टक वर्ग के पश्चात, त्रिकोण शोधन के उपरांत, एकाधिपति शोधन के उपरांत तथा अंत में ग्रह पिंड, राशि पिंड के पश्चात अंततः नवग्रहों हेतु शोध्य पिंडों की गणना। कृष्णमूर्ति पद्धति में सभी ग्रहों के कारक बारह भावों के कारक तथा नवग्रहों के नक्षत्र, नक्षत्र स्वामी, उप स्वामी, उप-उप स्वामियों की सारणियां। जैमिनी पद्धति, वार्षिक फलादेश, उपाय, योग, गोचर एवं एस्ट्रोग्राफ की जानकारी। ग्रहों के गोचर को आप चित्र के रूप में गतिमान अवस्था में देख सकेंगे कि कौन सा ग्रह किस राशि में कब प्रवेश करेगा। चित्रात्मक रूप में प्रस्तुति होने के कारण आप यह भी आसानी से देख सकेंगे कि किस समय कौन सा ग्रह किससे आगे है, साथ में है या पीछे चल रहा है और ग्रहों की इन स्थितियों को आप एक बटन दबाकर आगे की ओर पीछे की ओर किसी भी स्थिति में गतिमान कर सकते हैं। इन ग्रहों की स्थितियों को आप अपनी इच्छानुसार, मिनटों में, प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक आधार पर आगे या पीछे के क्रम में परिवर्तित करके देख सकते हैं। इसके साथ-साथ इसमें दिनांक व समय भी साथ-साथ प्रदर्शित होता रहता है। एस्ट्रोग्राफ आप तीन प्रकार के देख सकते हैं। जैसे स्वास्थ्य, आर्थिक व मनः स्थिति के ग्राफ आप प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक और दसवर्षीय आधार पर ग्राफ के रूप में देख सकते हैं। आपको इस ग्राफ की सहायता से तुरंत मालूम पड़ सकेगा कि कब आपकी आर्थिक स्थिति या स्वास्थ्य अच्छा था और कब खराब रहेगा साथ ही आप तुलनात्मक स्थिति का विश्लेषण भी कर सकेंगे। कुंडली मिलान में अष्टकूटों का मिलान तथा मांगलिक विश्लेषण तथा निष्कर्ष। इसमें वर-वधू की कुंडलियों का एक साथ ही निर्माण होता है तथा अंत में गुण व कूटों की सारणी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है तथा इनके आधार पर वर-वधू कुंडली मिलान का फल क्या होगा, विस्तृत रूप से दिया गया है। वर्षफल में ग्रह स्पष्ट, जन्म विवरण, सभी प्रकार के बल जैसे पंचवर्गीय बल, मैत्री द्वादश वर्ग, हर्ष बल, द्वादश वर्गीय बलों को भी दर्शाया गया है। साथ ही वर्षेश्वर का निर्णय, 60 प्रकार के सहम, तीन प्रकार की दशायें जैसे-पात्यांश दशा, मुद्दा दशा, विंशोत्तरी दशा और सभी दशाएं पांच स्तर तक जैसे महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर्दशा, सूक्ष्म दशा और प्राण दशा। वर्षफल का फलादेश भिन्न-भिन्न दृष्टियों से जैसे मुंथा, मुंथेश, वर्षेश और वर्ष लग्नेश के आधार पर फल वर्ष भर में बनने वाले सभी षोडश योग जिनका निर्माण इस वर्ष में हो रहा है या नहीं उनके बारे में जानकारी तथा यह वर्षफल आप किसी भी वर्ष का बना सकते हैं और देख सकते हैं। प्रश्न कुंडली: इसमें कुछ प्रश्नों की सूची पहले से ही दी गयी है। यह काफी विस्तृत सूची है। आप इस सूची से अपने प्रश्न का चुनाव कर सकते हैं। अन्यथा आप अपना नया प्रश्न तथा साथ में उनसे संबंधित ग्रह एवं भाव डालकर यह भी हमेशा के लिये सुरक्षित कर सकते हैं। इसका विस्तृत विश्लेषण सारणी रूप में प्रस्तुत करके उसके आधार पर प्रश्न का उत्तर निर्णय के रूप में दिया गया है। लाल किताब भारत में इसका प्रचलन पंजाब क्षेत्र से सर्वप्रथम प्रारंभ हुआ था और धीरे-धीरे इसका महत्व सभी विद्वान ज्योतिषी मानने लगे हैं। इसमें जन्मकुंडली निर्माण सभी प्रकार के ऋण जैसे स्वयं का ऋण, मातृ ऋण, संबंधियांे के ऋण, कन्या/बहन का ऋण, पितृ ऋण, स्त्री ऋण, ईश्वरीय ऋण या जीवन ऋण आदि के बारे में जानकारी की ये ऋण आपकी कुंडली में हैं या नहीं व इसके उपाय व प्रभावों की जानकारी, लाल किताब का फलादेश, लाल किताब का वर्ष फलादेश, अवकहड़ा व उपायों की विस्तृत जानकारी भी दी गयी है। कृष्णमूर्ति पद्धति: इसकी विस्तृत जानकारी जैसे ग्रहों के भावों में कारक, रूलिंग ग्रह, लग्न, चलित कुंडली, नवमांश कुंडली, भाव संधि, कारक विवरण, अवकहडा, विंशोत्तरी दशा, सूक्ष्म दशा, गोचर आदि की विस्तृत जानकारी दी गयी है। अंक शास्त्र: इसमें मूलांक, शुभ अंक, शुभ मंत्र, नामांक आदि का विश्लेषण विस्तृत रूप से दिया गया है। यदि आपका नामांक आपके मूलांक या भाग्यांक से मेल नहीं खाता है तो आप अपना नाम किस तरह से बदल सकते हैं, उसकी जानकारी भी दी गयी है तथा इन्हीं आधारों पर फलादेश व उपाय भी विस्तृत रूप से बताये गये हैं। पंचांग: यह पाम कंप्यूटर का विशेष आकर्षण है तथा इसका विकास व जानकारी विभिन्न विधियों से आप ज्ञात कर सकते हैं। साथ ही आप भिन्न-भिन्न आधार बनाकर भिन्न जानकारियां इसका विशेष आकर्षण है। जैसे यदि आपको नक्षत्र व चरण मालूम है तो किस दिन और किस समय वह नक्षत्र और चरण होगा, वह आप एक बटन द्वारा ही प्राप्त कर सकते हैं। इसके अंतर्गत निम्न जानकारियां दी गयी हैं जैसे- सारणियां, पंचांग, ग्रह स्पष्ट, लग्न सारणी, राहु काल सारणी एवं गोचर आदि। पंचांग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण व उपयोगी पहलू यह है कि इसमें सूर्य और चंद्रमा का राशि प्रवेश काल तथा उसके साथ-साथ उसके नक्षत्र, चरण, नक्षत्र स्वामी और नक्षत्र के उपस्वामी की जानकारी साथ-साथ दी गयी है। जिसको आप घटते या बढ़ते हुये क्रम में देख सकते हैं। साथ ही उस संदर्भ की कोई भी वर्ग कुंडली साथ में देख सकते हैं। दैनिक पंचांग जिसमं संवत, मास, तिथि, सूर्योदय, सूर्यास्त, दिनमान, नक्षत्र, करण, योग आदि का समाप्ति काल भी देख सकते हैं और ये सभी पंचांग आप सन् 0 से 9999 तक का देख सकते हैं। ग्रह स्पष्ट सभी नौ ग्रह के प्रातः काल 5.30 बजे के उनकी राशि, अंश, नक्षत्र, चरण और उपस्वामियों के साथ दर्शाये गये हैं। लग्न समाप्ति काल प्रत्येक दिन के सभी 12 लग्नों के समाप्ति काल दिये गये हैं जो एक साथ आप 3 दिनों का देख पायेंगे। इनको आप एक बटन दबाने से आगे और पीछे तिथियों का लग्न समाप्ति काल देख सकेंगे। इनको आप प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक व वार्षिक आधार पर आगे या पीछे बदलकर देख सकते हैं। राहु काल प्रत्येक दिन का प्रारंभिक एवं समाप्ति काल दिया गया है जिसके साथ-साथ आप गुलिक काल का प्रारंभ व समाप्ति काल भी देख सकते हैं। एक स्क्रीन में एक बार में आप 10 दिन का राहु काल व गुलिक काल देख सकते हैं और इसको भी आप मासिक और वार्षिक आधार पर आगे पीछे खिसका कर देख सकते हैं। सभी सारणियां दी गयी हैं जो ज्योतिष क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक है जिसका कभी-कभी किसी-किसी व्यक्ति को पूर्ण जानकारी नहीं होती, वह भी इसको देखकर जानकारी प्राप्त कर सकता है। जैसे ग्रहों की उच्च/नीच एवं मूल त्रिकोण राशि व उनके परम अंश सहित दिये गये हैं। प्रत्येक भाव के नाम व उनसे देखे या विचार किये जाने वाले तथ्य। प्रत्येक राशि के स्वामी, जाति, तत्व आदि की जानकारी नक्षत्रों के आधार पर योनि, गज, नाड़ी की जानकारी। करणों के नाम व उनके स्वामी। कुछ शुभ मुहूर्तों जैसे सर्वार्थसिद्धि योग हेतु वार एवं नक्षत्रों की जानकारी। अष्टकूट मिलान हेतु आवश्यक सारणियां। प्रत्येक दिन होने वाले राहु काल का संभावित समय आदि की जानकारी विस्तृत रूप से दी गयी है। अतः आपने कोई भी विश्लेषण सूक्ष्म से सूक्ष्म स्तर पर जाकर करना हो तो सारी जानकारी बिना किसी अथक प्रयास के उपलब्ध हो सकेगी, जिसके आधार पर अपना निर्णय या शोध कर पायेंगे। आप सभी डाटा को असीमित मात्रा में वर्गीकृत करके सुरक्षित भी रख सकते हैं जिसके आधार पर तुंरत जन्मकुंडली निर्माण और विश्लेषण उपलब्ध हो सकेगा। शोध के उ्देश्य से आप भिन्न-भिन्न अयनांश, चार्ट की शैली आदि आप अपने अनुसार बार-बार समय-समय पर बदल सकते हैं और निर्धारित कर सुरक्षित भी कर सकते हैं। निष्कर्षतः ज्योतिषियों के लिए यह ‘अलादीन का चिराग’ कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। -------------------- पता- 52 सी, पाकेट ए, मयूर विहार, फेज़-2, दिल्ली-110091 मो. 09810389429



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.