कुछ लोगों की जिंदगी में विवाह होना एक बड़ी समस्या बन जाता है। किसी के रिश्ते तो आते हैं लेकिन बात नहीं बन पाती, तो कुछ लोगों की बात बन जाने के बाद भी विवाह कार्य संपन्न होने में कोई ना कोई रुकावट पैदा होने लगती है। किसी की तो शादी पक्की होने के बाद भी टूट जाती है। ऐसे में समझ नहीं आ पाता कि क्या समस्या है और किस वजह से विवाह में देरी आ रही है। वो खुद को या अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं जबकि इस सबमें उनका कोई दोष नहीं होता है।
कुंडली में शादी के लिए विवाह योग बनता है और अगर यह विवाह योग बीत जाए तो कुछ समय के बाद दोबारा इस योग का आरंभ होता है। ग्रहों की दशा, सामाजिक-आर्थिक कारणों या अन्य किसी वजह से व्यक्ति विवाह योग में शादी नहीं कर पाता है। कुंडली में कुछ ग्रहों की स्थिति भी विवाह में देरी होने का कारण बन सकती है।
कई बार लड़का या लडकी के लिए योग्य जीवनसाथी नहीं मिल पाता है या योग्य रिश्ता मिलने के बावजूद कोई ना कोई रुकावट या विलंब आता रहता है। ऐसे में बेटे या बेटी की शादी मां-बाप के लिए चिंता का कारण बन जाती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ज्योतिषीय कारणों के बारे में बता रहे हैं जो विवाह में देरी आने का कारण बन सकते हैं।
विवाह में देरी आने के कारण
विवाह में देरी या रुकावट आने का प्रमुख कारण ग्रहों का प्रभाव और उनकी चाल होती है। कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के सातवें भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो उसके पारिवारिक जीवन में मुश्किलें आती हैं और विवाह संबंधी कार्यों में रुकावट उत्पन्न होती है। इसके अलावा निम्न कारणों से भी शादी में देरी हो सकती है :
- कुंडली में पितृ दोष होना।
- कुंडली के सप्तम भाव में ग्रहों की युति होना।
- जन्मकुंडली में मांगलिक दोष होना।
- सप्तम भाव के स्वामी के साथ कमजोर राशि का अशुभ स्थिति में होना, यह भी विवाह में देरी का कारण बन सकता है।
- यदि मंगल, शनि और शुक्र सप्तम भाव में एक साथ बैठे हों तो अधिक उम्र में शादी होने की संभावना रहती है।
- मंगल, सूूर्य और बुध के लड़की की कुंडली में लग्न भाव में होने और गुरु के बारहवें भाव में होने पर लड़की की शादी बड़ी उम्र में होती है।
- अगर सप्तम भाव में सूर्य कमजोर हो तो विवाह में देरी आती है या रुकावटें पैदा होने लगती हैं।
- नवमांश कुंंडली लग्न या सप्तम भाव में शनि के प्रबल होने पर शादी बड़ी उम्र में होती है और विवाह कार्यों में मुश्किलें आती हैं।
ग्रहों का गोचर
अलग-अलग भावों में ग्रहों के गोचर का भी विवाह के समय में अहम भूमिका होती है। शुक्र (वृषभ और तुला)/उच्च का सप्तम भाव/सप्तमेश स्वामी से संबंध होना, स्वयं के घर में गुरु/सप्तम भाव पर उच्च का होना/सप्तमेश का स्वामी, उच्च का सप्तम का स्वामी हो तो विवाह कार्य जल्दी होते हैं। उदाहरण के लिए, वर्तमान में बृहस्पति उच्च का (कर्क राशि में) हो तो यह कर्क लग्न, वृषभ लग्न और कन्या लग्न में जन्म लेने वाले जातकों के लिए विवाह करने का अच्छा समय होता क्योंकि बृहस्पति सातवें घर पर प्रत्यक्ष दृष्टि डाल रहा होता है।
दशा
विवाह के योग में महादशा भी अहम भूमिका निभाती है। दशा में बृहस्पति की किसी भी तरह की भूमिका विवाह कार्य बढ़ावा देती है। सप्तम भाव के स्वामी को भी विवाह के लिए अहम माना जाता है। राहू भी शादी के लिए अहम कारक होता है। शुक्र ग्रह का संबंध भी विवाह से माना जाता है।
विवाह में देरी आने पर क्या उपाय करें
यदि किसी व्यक्ति की शादी में देरी हो रही है या कोई ना कोई रुकावट आती रहती है तो निम्न उपाय करने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
- 11 सोमवार तक 1200 ग्राम चना दाल के साथ एक चौथाई दूध दान करें। ऐसा करने से विवाह कार्य में आ रही रुकावटें दूर होने लगती हैं।
- अविवाहित लड़कियों को 40 दिनों तक नेल पॉलिश दें। हर दिन अलग लड़की को नेल पॉलिश देनी है। इससे जल्दी विवाह होता है और विवाह की परेशानियां दूर होती हैं।
- 21 दिनों तक दुर्गा सप्तशती से अर्गला स्त्रोतम का पाठ करें और मां कात्यायनी देवी की पूजा करें।
- यदि किसी कन्या के विवाह में देरी हो रही है तो कन्या भगवान शिव की पूजा करें और उनकी मूर्ति के आगे पांच नारियल चढाएं और 'ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नम:' का पांच बार रुद्राक्ष की माला से जाप करें। नारियलों को मंदिर में चढ़ा दें।
- अगर कुंडली में शनि की वजह से विवाह में देरी आ रही है तो शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं। साबुत उड़द, लोहा, काले तिल और साबुन को काले कपड़े में बांधकर उसी दिन दान कर दें। इस उपाय से विवाह में आ रही देरी दूर होती है और जल्द ही शादी के योग बनने लगते हैं।
- यदि कुंडली में मांगलिक दोष हो तो व्यक्ति को मंगल चंदिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और 'ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व पूज्य देवी मंगल चण्डिके हूं फट स्वाहा का जाप करें।
- किसी के विवाह में देरी हो रही है तो 13 दिनों तक लगातार पीपल के पेड़ की जड़ में पानी चढ़ाएं। ऐसा करने से शादी में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
- रोज नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी डाल दें या गुरुवार को आटे की दो लोई गाय को खिलाएं और उस पर चने की दाल के साथ हल्दी और गुड़ भी रख दें।
- मांगलिक दोष की वजह से शादी में रुकावटें आ रही हैं तो मंगल को व्रत रखें और हनुमान जी की पूजा करें। आटे और गुड़ से बने लड्डू हनुमान जी को चढ़ाएं और फिर उन्हें सिंदूर अर्पित करें।
- शादी में आ रही देरी को दूर करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करें और श्री सूक्तम का रोज पाठ करें।
- अपने से बड़ों का आदर करें और उनका आशीर्वाद लें और अपनी मां की देखभाल करें।
- अपनी भाभी का आदर करें आौर उन्हें उपहार दें।
- लक्ष्मी नारायण मंदिर में चूडियां चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान भेंट करें।