हॉलीवुड अभिनेत्री - जूलिया रॉबट्र्स पं. शरद त्रिापाठी, कानपुर श निवार, 28 अक्तूबर 1967 अटलांटा में जीवन सामान्य रफ्तार से चल रहा था। आधी रात को बीते अभी कुछ पल ही हुए थे कि 33 वर्षीय बेटी लाऊ रॉर्बट्स ने क्रॉफोर्ड लौंग हॉस्पिटल में एक बच्ची को जन्म दिया जिसका नाम रखा गया जूली फियोना। उसके पिता वाल्टर रॉबट्र्स के पास अस्पताल का बिल चुकाने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके एक शुभचिंतक ने उनकी मदद की। वाल्टर और उनकी पत्नी बेटी थियेटर कलाकार थे। सन् 1965 से 1970 के बीच सांस्कृतिक परिदृश्य में शहर में उनका नाम मशहूर होने लगा था। उनका ग्रुप जल्द ही एक हर अंक की भांति इस अंक में भी एक विखयात हस्ती की कुंडली का विश्लेषण प्रस्तुत है और वह हस्ती हैं हॉलीवुड की अभिनेत्री जूलिया रॉबट्र्स, जिन्हें अभिनय के लिए 'ऑस्कर' जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अपने जीवन में तमाम संघर्षों से निपटने के बाद जूलिया ने कैसे सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त किया, आइए जानने की कोशिश करते हैं। मशहूर रंग मंडल बन गया था, लेकिन उनकी आर्थिक हालत काफी खराब रहती थी। जूली से पहले रॉबट्र्स दंपति के दो बच्चे और थे - बेटी लीजा और बेटा एरिक, पर जूली के जन्म से दोनों खुशी से झूम उठे थे। जूली जब मात्र 7 माह की थी, तभी मां उसे झूले में डालकर अपने साथ काम पर थियेटर ले जाने लगी थीं। बाद में इसी बच्ची जूली अर्थात् जूलिया ने फिल्मो में काम करना शुरू किया तो बताते हैं कि वह मुश्किल से मुश्किल किरदार बड़े आराम से अदा कर लेती थी। रॉबट्र्स दम्पति का यह जादुई संसार ज्यादा दिन टिक न सका, क्योंकि आर्थिक मोर्चे पर वाल्टर कमजोर होते जा रहे थे। उन्होंने एक जगह सेल्समैन की नौकरी भी की। उधर पत्नी से उनकी अनबन बढ़ती जा रही थी। आखिर दोनों में तलाक हो गया और बेटी लाऊ ने 1972 में माइकल मोट्स से शादी कर ली। समय बीतता रहा जूली बड़ी होने लगी और फिल्मी दुनिया के रूपहले संसार की ओर बढ़ने का खवाब पूरा करने को 1985 में अठारह वर्ष की आयु में न्यूयार्क पहुंच गई। आइए इस घटना चक्र को ज्योतिषीय दृष्टि से देखें- जन्म के समय जूलिया को केतु की महादशा प्राप्त थी। कुंडली में केतु चतुर्थ स्थान में सूर्य और बुध के साथ स्थित है। नवम स्थान से देखें (नवम को लग्न मानें), जो कि पिता का भी स्थान है, तो केतु अष्टम भाव में षष्ठेश सूर्य और सप्तमेश बुध के साथ स्थित है। फलस्वरूप नवम भाव से देखने पर जन्म समय में पिता को आर्थिक व सामाजिक परेशानियों से जूझना पड़ा। कर्क लग्न की कुंडली में बुध व्यय और तृतीय भावों का स्वामी होता है। तृतीय भाव अर्थात् चतुर्थ भाव का द्वादश भाव है और बुध इनके चतुर्थ में ही स्थित है। अतः इस बुध के चतुर्थ में बैठने के कारण जीवन में सब कुछ होते हुए भी घर के सुख का अभाव रहा। वर्ष 1985 में न्यू यॉर्क पहुंच कर जूली ने फिल्मों में काम की तलाश के दौरान कई अन्य काम भी किए जिनमें रेस्तरां और आइसक्रीम पार्लर की नौकरी भी शामिल है। फिर उसने मॉडलिंग की, हालांकि यह काम उसे बिल्कुल पसंद नहीं था। अगले वर्ष उसे फिल्म में काम करने का पहला मौका मिला। यह फिल्म थी 'फायर हाउस'। यह एक सस्ती व सामान्य रेंज की फिल्म थी। इस फिल्म में जूली को 15 सेकेन्ड का किरदार करना था जिसमें कोई संवाद नहीं बोलना था। एक तरह से भीड़ में खड़े रहने जैसा था। इसके बाद मिली 'ब्लड रेड'। कायदे से अभिनय का यह पहला मौका था। इस फिल्म में उसका भाई एरिक मुखय भूमिका में था। उसके कहने पर ही उसे काम मिला था। फिल्मो में काम करने के लिए 'एक्टर्स गिल्ड' में पंजीकरण करवाना जरूरी था। बचपन का नाम जूली था, पर जूली रॉबट्र्स नाम से पहले ही एक अभिनेत्री पंजीकृत थी। इसलिए उसने अपना नाम जूलिया रॉबट्र्स रख लिया। इसके बाद जूलिया ने एक लघु बजट की फिल्म 'सटिस्फैक्शन' में काम किया। यह एक अच्छी भूमिका थी। इस फिल्म के नायक व अपने से 16 वर्ष बड़े अभिनेता लियाम नीसन से जूलिया को प्यार हो गया और फिल्म पूरी होने के बाद वह नीसन के साथ उसके कैलिफोर्निया स्थित आपर्टमेंट में रहने लगी। फिल्म 'मिस्टिक पिज्जा' के लिए जूलिया को 50 हजार डालर मिले और अपनी अभिनय क्षमता दिखाने का भरपूर मौका भी। इस फिल्म में जूलिया के दमदार अभिनय के दम पर उसे 'स्टील मैग्नोलिया' जैसी बड़े बजट की फिल्म मिली जिसमें उसे 90 हजार डालर का मेहनताना मिला। एक फिल्म में उसे डायलन मैक्डरमाट के साथ प्यार मोहब्बत के सीन फिल्माने थे। शूटिंग के बाद भी दोनों रिहर्सल करते रहे और कुछ ही समय बाद जूलिया ने लियाम नीसन को छोड़ दिया। दरअसल यह तो महज एक शुरुआत थी। आगे चलकर जूलिया को बहुत से दिलों को कुछ समय के लिए जोड़ना और हमेशा के लिए तोड़ना था। उसकी मित्र लेक्सी बताती है कि फ्लर्ट करना मानो जूलिया की हॉबी थी। आप कभी जान नहीं सकते कि वह कितनों के साथ डेटिंग कर रही है। कुछ तो सिर्फ 12 घंटे में ही बदल जाते थे। तभी उसकी फिल्म 'प्रिटी वूमेन' प्रदर्शित हुई और उसने तहलका मचा दिया। इस फिल्म ने 46 करोड़ डालर की कमाई करवाई। इसके बाद तो जूलिया सुपर स्टार हो गई। हालात ये थे कि युवा नायिका के किरदार के लिए सभी निर्माताओं की पहली पसंद जूलिया बन गई। लेकिन अब वह अपनी पसंद के अभिनेता-निर्देशक को चुनने लगी थी। सितंबर 1990 में 'पीपुल मैग्जीन' के कवर पर जूलिया रॉबट्र्स छा गई। 'प्रिटी वूमेन' के दौरान अभिनेता रिचर्ड गेरे को जूलिया ने आकर्षित करना चाहा, पर गेरे प्रोफेशनल अभिनेता था उसने जूलिया के साथ केवल शूटिंग की। आइए, अब ज्योतिष की दृष्टि से देखें, कैसा रहा यह समय। वर्ष 1985 में जूलिया की शुक्र की महादशा में गुरु का अंतर चल रहा था। शुक्र एकादशेश और बृहस्पति नवमेश है। उस वर्ष बृहस्पति मकर राशि में गोचर कर रहा था और लग्न पर उसकी पूर्ण दृष्टि थी। यही बृहस्पति नवमेश और भाग्येश होने के कारण धन और भाग्य में वृद्धि कारक रहा और लाभेश शुक्र की दशा भी प्राप्त हुई। बड़े भाई-बहन का विचार जातक की कुंडली के एकादश भाव और उसके स्वामी की स्थिति के आधार किया जाता है। जूलिया की कुंडली में एकादश भाव का स्वामी शुक्र द्वितीय अर्थात् धन भाव में लग्नेश चंद्र और भाग्येश बृहस्पति के साथ स्थित है। इसी योग के कारण उसे अपने कैरियर में बड़े भाई का सहयोग प्राप्त हुआ। द्वितीय भाव में स्थित एकादश का स्वामी शुक्र उसे आगे भी धन संपत्ति दिलाता रहेगा। फरवरी 1992 में जूलिया भारत भ्रमण पर आई। यहां वह मदर टेरेसा के मिशन में 2 हफ्ते तक रही। भारत के प्रति अपना उद्गार उसने इन शब्दों में व्यक्त किया, 'भारत जाना एक असाधारण अनुभव था। ऐसा अनुभव आपको अपनी प्रतिदिन की जिंदगी में नहीं मिल सकता। एक असीम शांति और अद्भुत सुकून।' कुछ समय बाद जूलिया फिर से फिल्मों में सक्रिय हो गई और जिंदगी में रोमांस के नए अध्याय भी जुड़ने लगे। लोगों को समझ नहीं आता था कि इतनी मशहूरियत, इतना पैसा और दुनिया भर के लोगों का इतना प्यार हासिल करने के बाद भी जूलिया ऐसा क्यों करती है। किंतु इस बार जूलिया शादी करना चाहती थी डेनियल डे लेविस से, पर डे लेविस इसके लिए तैयार नहीं हुआ और संबंध टूट गया। जूलिया का दिल टूट गया, वह हमेशा लायले लोबेट के गाने सुनने में मगन रहने लगी, और आश्चर्य कि कुछ समय बाद दोनों सचमुच साथ थे। वह लायले के साथ स्टेज पर गाने भी पहुंच जाती थी। फिर उसका नाम फिल्म स्टार मैथ्यू पैरी और उसके बाद मिनोचा से जोड़ा गया जो उनका पर्सनल टे्रनर था। वर्ष 2000 में 'मैक्सिम' की शूटिंग के दौरान तो 'डैनी माडर' पर उसकी आंखें अटक कर रह गईं। तैंतीस साल का लड़का सा दिखने वाला डैनी सहायक कैमरामैन था। जूलिया अपने साथी कलाकार ब्रैडपिट के साथ लोकेशन पर खड़ी बात कर रही थी तभी उसकी नजर डैनी पर पड़ी। तब वह नहीं जानती थी कि डैनी शादीशुदा है। अमेरिका के अखबार इस नए प्रेम-प्रसंग की खबरों से भरे पड़े थे। जूलिया-डैनी-वेरा (डैनी की पत्नी) के त्रिकोणीय प्रेम की खबरें लोग बड़े मजे से पढ़ते थे। डैनी और वेरा के परिवार वाले जूलिया से नफरत करते थे और उसे पति चोर मानते थे। वर्ष 2001 में डैनी की मां की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। डैनी के घरवालों ने इसका जिम्मेवार जूलिया को ठहराया। जूलिया ने सहानुभूति दर्शाई और मदद की पेशकश भी की। आर्थिक मदद के प्रस्ताव से उसके प्रति नफरत और बढ़ गई। उसी वर्ष 11 सितंबर को अमेरिका पर आत्मघाती हमले हुए। तब जूलिया ने घायलों की मदद के लिए दिल खोलकर धन दिया और धन जुटाने के कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर हिस्सा भी लिया। कुछ समय बाद जूलिया और डैनी ने एक पार्टी दी जिसके बारे में कहा गया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दी गई पार्टी है। दिन भर चली पार्टी के बाद रात में जब मेहमान सोने के लिए जाने लगे तो एकाएक दोनों शादी के जोड़े में आ गए और 20 मिनट के छोटे से कार्यक्रम में दोनों पारंपरिक रूप से पति-पत्नी बन गए और अब तक साथ-साथ हैं। आइए, अब एक बार फिर से इस पूरे घटना क्रम को ज्योतिषीय दृष्टि से देखें। प्रेम संबंध, डेटिंग, फ्लर्ट आदि के लिए ज्योतिष में मंगल और शुक्र ग्रहों तथा सप्तम और पंचम भावों की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। जूलिया की कुंडली में पंचम भाव का स्वामी मंगल छठे भाव में बैठकर अपनी आठवीं दृष्टि से लग्न को देख रहा है। लग्नेश चंद्र दूसरे भाव में शुक्र और छठे भाग्येश तथा नवमेश गुरु के साथ स्थित है। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, प्रेम के लिए पंचम भाव को देखना चाहिए। पंचम का स्वामी मंगल छठे भाव में है, अतः प्रेम संबंध अधिक रहे। भाग्य स्थान अर्थात् नवम् भाव जातक के भाग्य को बढ़ाने वाला होता है। यदि इस भाव में कोई ग्रह बैठ जाए तो वह जिस भाव का स्वामित्व रखता होगा उस भाव से संबंधित कार्य अत्यधिक करेगा। जूलिया की कुंडली में नवम अर्थात भाग्य भाव में शनि स्थित है जो सप्तम भाव का स्वामी है। यह उसके विवाहेतर संबंधों और विवाह का एक बहुत बड़ा कारण रहा। चतुर्थ भाव में स्थित व्ययेश बुध और राजकीय ग्रह धनेश सूर्य, जो द्वितीय भाव का स्वामी है, दोनों अपनी पूर्ण दृष्टि से प्रजा और शासन भाव को देख रहे हैं। उसी समय सूर्य में चर्तुथेश शुक्र का अंतर भी चल रहा था। इस योग के कारण उसने अमेरिकी हादसे में घायल व मृत लोगों के कल्याण हेतु भारी मात्रा में सरकारी कोष में दान दिया और विभिन्न संस्थाओं को आर्थिक मदद पहुंचाई। वर्ष 2000 में पानी की समस्या पर आधारित फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय के लिए जूलिया को प्रतिष्ठित 'ऑस्कर' पुरस्कार प्राप्त हुआ इस फिल्म ने उसे दो करोड़ डालर की कमाई भी कराई। इस फिल्म के बाद उसे गोल्डन ग्लोब, ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवार्ड और 'स्क्रीन गिल्ड' आदि अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। 41 साल की जूलिया अब डैनी के साथ 'सुखमय वैवाहिक जीवन' बिता रही है। शादी करने, बच्चे पैदा करने और घर बसाने के बारे में उसके खयाल भी बदल गए। जूलिया के करीबी लोगों का कहना है कि अब वह काफी बदल गई है। अपने बच्चों 'फिनेउस' और 'हैजल' की देखभाल के लिए उसने नौकरों की फौज लगा रखी है। उन्हें मां का प्यार देने के लिए उसने कुछ दिनों तक फिल्मों से दूरी बनाए रखी। उम्र, अनुभव, पति के प्यार और गोद में अपने बच्चों के आ जाने के बाद जूलिया अब एक स्थिर पारिवारिक जीवन व्यतीत कर सकेगी। आइए अब ज्योतिषीय विश्लेषण करें। वर्तमान समय में चंद्र की महादशा जूलिया के स्वभाव को धीरे-धीरे बदल रही है। फरवरी 2000 से उन पर चंद्र की महादशा प्रारंभ हुई जो सन् 2012 तक रहेगी। चंद्र लग्नेश है और धन भाव में भाग्येश और लाभेश के साथ स्थित है, अतः इसी दशा काल में धन में अति वृद्धि हुई और तमाम पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। वर्तमान समय में जूलिया के चंद्र में शुक्र का अंतर है जो 2009 के अगस्त तक रहेगा। वर्ष 2009 में लाभेश शुक्र की अंतर्दशा में जूलिया की फिल्म हिट होने की पूरी संभावना है। सन् 2010 से उस पर मंगल की महादशा प्रारंभ होगी। मंगल पंचमेश और दशमेश होकर छठे भाव अर्थात् प्रतियोगी भाव में स्थित है। मंगल जूलिया के जुझारू व्यक्तित्व को भी दर्शाता है, क्योंकि लग्न को भी देख रहा है। इस योग व दशा के कारण मंगल की महादशा में एक बार फिर जूलिया विवादों और समस्याओं में तो फंसेगी, लेकिन मंगल की दशा ही उसे एक सफल महिला निर्देशक बनाएगी। कुंडली में विशेष योग : जूलिया की जन्म कुंडली में एक जबरदस्त नीच भंग राज योग है। यदि जन्म के समय कोई ग्रह नीच राशि में स्थित हो तथा उस नीच राशि का स्वामी चंद्र से केंद्र में हो और जो ग्रह जिस नीच राशि में है, उस उच्च राशि का स्वामी भी चंद्र से केंद्र में हो तो नीचता भंग हो जाती है अर्थात् उत्तम राजयोग बनता है। अतः जूलिया को जीवनपर्यंत धन, सुख, वैभव, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती रहेगी।