पिछले माह अप्रैल में पंडित जी दुबई वास्तु विजिट के लिए गए। वहां हमारी एडवांस लेवल पत्राचार पाठयक्रम की एक छात्रा को वास्तु विजिट करने का मौका दिया गया और उसी संदर्भ में वह पंडित जी को अरेबियन राचेंज में बने घर का विश्लेषण कराने के लिए ले गई।
उन्होंने बताया कि जबसे अपने इस घर में शिफ्ट हुई हैं उनके बच्चों की सेहत व पढ़ाई दोनों में वांछित परिणाम नहीं आ रहे। उनके पति एक प्रसिद्ध कम्पनी के सी0 ई0 ओ0 हैं तथा ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं। बच्चे अमेरिका में पढ़ रहे थे। घर में पार्टियां होती रहती हैं तथा देर रात तक पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है। दोनों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता तथा बदन में दर्द होता रहता है।
वास्तु परीक्षण करने पर पाए गए वास्तु दोष :
- प्लाॅट का उत्तर-पूर्व का पिछला कोना लकड़ी की छतरी नुमा पार्टी स्थान बनने से बंद था जो कि बच्चों के स्वास्थ्य एवं विकास में अवरोधक तथा मानसिक तनाव का कारण होता है।
- उत्तर-पूर्व में ऊंचा प्लेटफार्म भी बना था जो कि घर की सुख-शांति में बाधक होता है।
- उत्तर-पश्चिम में बार बना था जिससे शराब की ज्यादा खपत होने की संभावना बनी रहती है।
- उत्तर में बारबीक्यू बना था जो कि जल तत्व की जगह अग्नि होने से गंभीर वैचारिक मतभेद का कारण होता है।
- दक्षिण-पश्चिम में मुख्य द्वार था जो कि मालिक को घर से दूर रखता है तथा अनचाहे खर्चे होने का कारण होता है। इस तरफ जमीन का लेवल स्वतः कम था जो जीवन में संशय व नकारात्मक सोच बढ़ाता है।
- उनके शयन कक्ष में पलंग के सामने दक्षिण की अलमारी पर शीशा लगा था जो कि स्वास्थ्य हानि मुख्यतः बदन दर्द व आपसी मनमुटाव रहने का प्रभावी कारण होता है।
सुझाव :
- प्लाॅट का उत्तर-पूर्व का कोना तुरंत खोलने की सलाह दी गई तथा बैठने का कवर्ड एरिया बिल्डिंग के उत्तर-पूर्व की ओर सटाकर बनाने को कहा गया। इसे लीविंग रुम से द्वार द्वारा अन्दर से जोड़ने पर समस्त परिवार का चहुंमुखी विकास अवश्य होता है।
- उत्तर-पश्चिम में बनी बार को उत्तर की ओर करने को कहा गया।
- उत्तर में बने बारबीक्यू को उत्तर-पश्चिम में करने को कहा गया।
- हो सके तो दक्षिण-पश्चिम के मुख्य द्वार को दक्षिण की ओर करने को कहा गया। हालांकि उससे गाड़ी बाहर ढ़ककर खड़ी करनी पडेगी।
- उत्तर-पूर्व के ऊंचे प्लेटफार्म को तोड़ने के लिए कहा गया।
- बीमारी व अवांछित खर्चे घटाने के लिये दक्षिण की अलमारी पर लगे शीशों को हटाने की सलाह दी गई।
पंडित जी के बताये सभी सुझाव कार्यान्वित करने के पश्चात कुछ दिन पहले ही उन्होंने संस्थान में फोन करके धन्यवाद दिया तथा कहा कि उनके घर पर पंडित जी के विजिट करने पर न केवल उसे वास्तु विषय व्यवहारिक तौर पर सीखने को मिला अपितु सरल वास्तु परिवर्तन करने से जीवन की लगभग हर समस्या में अप्रत्याशित लाभ भी हुआ।
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