सम्मोहन उपचार जे. पी. मलिक इस अंक में पास्ट लाइफ रिगरेशन और पैरा सम्मोहन से संबंधित प्रश्नों को लिया गया है। अनुभव के आधार पर हमने पाया है कि बहुत सारे लोगों में रिगरेशन को लेकर अनेकों भ्रांतिया हैं। इससे संबंधित प्रश्नों को इस अंक में अधिक जानकारी देने हेतु शामिल किया गया है। प्रश्न: पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी क्या होती है? उŸार: पास्ट लाइफ का अर्थ है पिछला जन्म या इस जीवन से पहले का जीवन, रिगरेशन का अर्थ है याद करना या पीछे जाना तथा थिरेपी का संबंध उपचार से है अर्थात पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी उपचार की एक पद्धति है जिसमें इस जीवन से पूर्व के जीवन को याद किया जाता है तथा संबंधित उपचार किया जाता है। यह एक अत्यंत संवेदनशील विषय है क्योंकि पुनर्जन्म पर विद्वानों में मतभेद है। इस पद्धति का प्रयोग हम उपचार हेतु करते हैं, न कि यह सिद्ध करने के लिए कि पुनर्जन्म होता है या नहीं। उपचार हेतु व्यक्ति के इस कथन पर विश्वास करना भी आवश्यक नहीं है क्योंकि उसे तो अपने अनुभव ही महसूस करने हैं। विज्ञान यह मान चुका है कि ऊर्जा कभी समाप्त नहीं होती, यह न बनाई जा सकती है और न मिटाई जा सकती है। ऊर्जा विभिन्न रूपों में परिवर्तित हो सकती है। इस ऊर्जा के आधार पर जीवन की ऊर्जा भी समाप्त नहीं होती है अर्थात् जो ऊर्जा आज है, वह पहले भी थी और बाद में भी रहेगी। हर जीवित व्यक्ति के पास एक भौतिक शरीर होता है और साथ में जीवन ऊर्जा या आत्मा होती है। जब ये दोनों साथ-साथ होती हैं तो व्यक्ति को जीवित कहा जाता है और जब अलग-अलग होती हैं, तो मृत कहा जाता है। जीवन ऊर्जा अलग होने पर भौतिक शरीर पंचतत्वों में विलीन हो जाता है और जीवन ऊर्जा अपने उद्देश्यों के अनुसार विभिन्न भौतिक शरीरों का प्रयोग करती रहती है। हमारे मन के पास अनुभवों को याद रखने की अद्भुत शक्ति होती है। ये अनुभव एक शांत वातावरण में ध्यान या सम्मोहन की दशा में याद किये जा सकते हैं। व्यक्ति को संबंधित जीवन की घटनाओं को याद करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है तथा उनके0 प्रभावों को इस जीवन में निष्क्रिय किया जाता है। इसी पद्धति को पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी कहा जाता है। प्रश्न: क्या पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी और हिप्नोथिरेपी दोनों एक ही हैं? उŸार: पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी उपचार की एक विधि है जो सम्मोहन या ओर भी कई तरीकों से की जा सकती है। इसे हिप्नोथिरेपी के समकक्ष (बराबर) मानना उचित नहीं है। रिगरेशन सम्मोहन के माध्यम से भी बड़े प्रभावकारी ढंग से किया जा सकता है। यह सम्मोहन की अनेकों विधियों में से मात्र एक विधि है। सम्मोहन बृहत् है जबकि रिगरेशन उसका अंश मात्र है। प्रश्न: क्या रिगरेशन के माध्यम से वे सभी उपचार हो सकते हैं, जो सम्मोहन से किये जाते हैं? उŸार: पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी का इस्तेमाल मात्र उन कारणों के लिए किया जाता है जो पूर्वजन्म की किसी घटना के प्रभाव से इस जीवन में सक्रिय हो गये हैं। इनके अतिरिक्त किन्हीं और कारणों के लिए पास्ट लाइफ थिरेपी का प्रयोग नहीं किया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर एक बालक पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है तो यह आवश्यक नहीं है कि वह पूर्वजन्म के प्रभाव से ऐसा कर रहा है। इसके अनेकों कारण हो सकते हैं। कभी-कभी किसी समस्या के निवारण के लिए उसके कारण पर जाते हुए व्यक्ति किसी अन्य जीवन का अनुभव करने लगता है। उसे कुछ ऐसी बातें याद आने लगती हैं जो उसके पूर्वजन्म से संबंधित होती हैं या वह ऐसा सोचने लगता है। रिगरेशन आमतौर पर अन्य विधियों के प्रयोग करने के बाद किया जाता है। यह जानना काफी कठिन है कि कौन-सा कारण पूर्वजन्म से जुड़ा है और कौन-सा नहीं। लेकिन अनुभव के आधार पर पाया गया है कि कुछ समस्याएं बहुत बार अन्य कारणों की अपेक्षा अधिक पुनर्जन्म से जुड़ी होती हैं। जैसे मोटापा, फोविया, दमा, व्यक्तिगत संबंध, स्थानीय दर्द इत्यादि। लेकिन केवल यही समस्याएं पाई जाती हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं है।प्रश्न ः पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी का वैज्ञानिक आधार क्या है? उŸार: पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी का उपचार में योगदान सर्वमान्य है। यह एक प्रभावकारी विधि है लेकिन विद्वानों में पुनर्जन्म के ऊपर काफी मतभेद हैं और इसके संबंध में अनेकों प्रकार की व्याख्याएं उपलब्ध हैं। दुनिया भर में अनेकों अनुसंधान इस विषय पर हो चुके हैं और हो भी रहे हैं। इन सभी अनुसंधानों के आधार पर अनेकों ऐसे तथ्य हैं जो पुनर्जन्म से संबंधित साबित करते हैं अगर उन्हें सबूत भी मानें, तो तथ्यों से नकारा नहीं जा सकता। यह जानना हमारी रुचि नहीं है कि पुनर्जन्म होता है या नहीं, बल्कि उसका प्रयोग उपचार में काफी मददगार है यह हमारे लिए हर्ष की बात है। मन के लिए वही सच्चाई है, जो वह सच मानता है। वह इंसान अगर अंधेरे से डरता है, तो उसके लिए यही सच्चाई है। अंधेरे में क्या है या नहीं, यह जानना इतना जरूरी नहीं है। हमारी अनुभूति ही हमारे व्यवहार का आधार है। पास्ट लाइ्फ रिगरेशन थिरेपी अवचेतन मन की शक्ति का प्रयोग करती है जो कि वैज्ञानिक रूप से सही है जिनके आधार पर हमारे मस्तिष्क में न्यूरोपाथ बन जाते हैं और व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है। प्रश्न: क्या हर व्यक्ति अपने पूर्वजन्म में जा सकता है? उŸार: अधिकतर लोग अपने पूर्वजन्म में जा सकते हैं। लगभग आधे लोग बड़े आराम से जा सकते हैं तथा बाकी लोग कई सेशनों के पश्चात् चले जाते हैं जबकि कुछ लोग बिल्कुल नहीं जा पाते हैं। यह आवश्यक है कि आप बिना किसी पूर्व आग्रह के आयें। रिगरेशन के बाद उपचार हेतु कई और सेशन भी लग सकते हैं। यह मानकर न आयें, कि आप आंख बंद करेंगे और चित्र चलना शुरु हो जाएंगे। यह एक ध्यान की प्रक्रिया है, इसमें संयम और सहज भाव की आवश्यकता है। यह प्रक्रिया 1 से 2 घंटे तक चल सकती है कभी-कभी तो इससे भी ज्यादा समय लग जाता है। प्रश्न: पुनर्जन्म में हम अपने को पहचानते कैसे हैं? उŸार: हमारे शरीर का पुनर्जन्म नहीं होता बल्कि आत्मा एक नये शरीर को धारण करती है। शरीर तो आत्मा का एक यंत्र या कपड़ा मात्र है। जैसे हम अपने पुराने कपड़े पहचानते हैं। हम अपने को उस शरीर से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं जैसे कि हम वही जीवन जी रहे हों। अब तक वे अनुसंधानों से यह विदित हुआ है कि अलग-अलग जन्मों में कुछ समानताएं भी होती हैं जैसे शरीर की बनावट, चेहरे के अक्स, आंखें तथा व्यवहार इत्यादि। प्रश्न: क्या पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी सुरक्षित है? उŸार: सम्मोहन की अन्य विधियों की तरह यह विधि भी पूर्णतः सुरक्षित है। लेकिन आवश्यक है कि आप एक उचित शिक्षा प्राप्त निर्देशक/ सम्मोहक की ही सेवाएं प्राप्त करें। इस विधि से आपको अनेकों नई जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं तथा आपका जीवन के प्रति दृष्टिकोण भी बदल सकता है। यह बहुत सुकून देने वाली अत्यंत लाभकारी प्रक्रिया है। यह न मात्र पिछले लगावों से पीछा छुड़ाने में मदद करती है बल्कि इस जीवन में बेहतर सोच पैदा कर सकती है। प्रश्न: हम पास्ट लाइफ रिगरेशन थिरेपी कैसे सीख सकते हैं? उŸार: अगर आपको सम्मोहन और उपचार की विधियांे की जानकारी है तो आप रिगरेशन आसानी से सीख सकते हैं।