सम्मोहन उपचार जे. पी. मलिक अनेकों लोग विश्व भर में विभिन्न प्रकार की विधाओं और प्रक्रियाओं का विभिन्न कारणों हेतु प्रयोग कर रहें हैं। सम्मोहन भी इन विधाओं में से एक है जो कि लोग स्वयं व दूसरों के उपयोग हेतु प्रयोग करते हैं। यह प्रश्न स्वाभाविक है कि कोई सम्मोहन को क्यों सीखे या क्यों इसका प्रयोग करे? इस पर टिप्पणी करने से पहले कुछ ऐसे सवालों के बारे में बताना जरूरी है जो कि मुझसे अनेकों बार अनेकों व्यक्तियों ने विभिन्न परिप्रेक्ष्य में पूछे हैं जैसे कि- अपने दोस्त या जीवन साथी की जानकारी के बिना उनके रहस्य जानना; किसी समय-विशेष से जुड़ी याददाश्त को भूलना; जो भी सोचूं, वही सच हो जाये, बच्चों की आदतें उन्हें बताये बिना बदलना, अपने बाॅस को काबू में रखना, बगैर मेहनत के कार्य पूरा करना, बिना व्यायाम व खाने की परवाह किये बिना वजन कम करना इत्यादि। इस प्रकार के प्रश्न लोग सम्मोहन के बारे में अनुचित जानकारी के कारण पूछते हैं। वस्तुतः सम्मोहन कोई अलौकिक शक्ति नहीं है बल्कि यह तो मन की एक ऐसी दशा है जहां बातें मानने की प्रवृŸिा बढ़ जाती है जिसके माध्यम से अनेकों सुधार किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में व्यक्ति पूर्ण भागीदार रहता है तथा यदि उसको भूलने के लिए नहीं कहा जाये तो पूरी प्रक्रिया को याद रखता है। इस प्रक्रिया में न तो किसी जादू का प्रयोग होता है, न किसी यंत्र-मंत्र-तंत्र का प्रयोग हेाता है और न ही किसी बाह्य शक्ति या दवा का प्रयोग किया जाता है बल्कि व्यक्ति की स्वयं मन की शक्ति को उपचार करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सम्मोहक तो मात्र एक गाइड या ड्राइवर की तरह दिशा-निर्देशन व दिशा-नियंत्रण करता है। हम अपनी आदतों के निर्माण के लिए स्वयं जिम्मेदार होते हैं और इसी प्रकार स्वयं सुधार भी कर सकते हैं। भलीभांति प्रशिक्षित कोई मनोवैज्ञानिक या सम्मोहक इस पूरी प्रक्रिया को संभावित बदलाव हेतु संचालित कर सकता है। व्यक्ति इस प्रक्रिया में अपने पूरे नियंत्रण में रहकर वांछित बदलाव पाता है। आवश्यकतानुसार सम्मोहन उपचार की विभिन्न प्रक्रियाएं प्रयोग की जाती हैं। लोग अक्सर बुद्धिमान व बुद्धिहीन शब्दों का प्रयोग करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि अवचेतन मन सभी व्यक्तियों का बराबर शक्तिशाली होता है। सभी सामान्य व्यक्ति स्वयं उपचार की शक्ति रखते हैं। इस विश्वास को जगाने के लिए मन की शक्तियों का प्रयोग किया जाता है। जब हमारे पास शक्ति है तो उसका प्रयोग क्यों न करें? यह सब सम्मोहन द्वारा संभावित है। अधिकतर बीमारियों का मनोवैज्ञानिक कारण भी होता है। बीमारियां हमारे शरीर व व्यवहार में प्रकट होती है मनोवैज्ञानिक कारणों को ठीक करने के लिए सम्मोहन या इसी प्रकार की मनोवैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है। हमारा शरीर तो मन के हाथों प्रयोग किया जाने वाला एक औजार मात्र है। विभिन्न बीमारियों मंे सम्मोहन का प्रभाव आगे आने वाले अंकों में किया जाएगा। यह सर्वमान्य है कि बदलाव की प्रक्रिया हमारे मन से शुरु होती है। क्रमश अगले अंक में...