अंक होरा द्वारा मुहूर्त
अंक होरा द्वारा मुहूर्त

अंक होरा द्वारा मुहूर्त  

भारती राकयन
व्यूस : 10522 | जुलाई 2011

अंक होरा द्वारा मुहूर्त आचार्य भावना भाटिया ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त निकालने की विधि विस्तार से बताई गई है, उसी संदर्भ में अंक होरा द्वारा मुहूर्त की गणना अंक होरा सारणी द्वारा कैसे की जाती है जानिए इस लेख से। कार्य-सिद्धि के लिए होरा मुहूर्त्त पूर्ण फलदायक और अचूक माने गए हैं। सात ग्रहों की सात होरा हैं, जो दिन-रात के 24 घण्टों में घूमकर मनुष्य को कार्य-सिद्धि के लिए अशुभ समय में भी सुसमय सुअवसर प्रदान करती हैं। सूर्य की होरा राज-सेवा के लिए उत्तम है, प्रवास के लिए शुक्र की होरा; ज्ञानार्जन के लिए बुध की होरा; सभी प्रकार की कार्य सिद्धि के लिए चन्द्रमा की होरा; द्रव्य-संग्रह के लिए शनि की होरा; विवाह के लिए, गुरु की होरा तथा युद्ध, कलह और विवाद के लिए मंगल की होरा उत्तम होती है।

भारतीय पद्धति से किसी भी वार की गणना सूर्योदय से आरंभ होती है। अतः वार की पहली होरा (घंटा) की गणना भी सूर्योदय से ही आरंभ होती है। एक दिन के सूर्योदय से दूसरे दिन के सूर्योदय तक का समय भारत में लगभग 24 घंटे होता है। गणना का आधार स्थानीय सूर्योदय होने से, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसका प्रयोग लगभग असंभव है।

Buy Detail Numerology Report

अतः अंक होरा की खोज की गई। सेफरियल ने 100 वर्ष पूर्व सबसे पहले होरा के लिए मध्य रात्रि से मध्य रात्रि तक का समय का प्रयोग अपनी पुस्तक 'कंबाला ऑफ नंबर्स' में किया। होरा गणना का आधार ग्रहों की पृथ्वी से दूरी मान सकते हैं। पृथ्वी से शनि ग्रह की दूरी सबसे अधिक हैं। क्रमशः गुरु, मंगल, सूर्य, शुक्र व बुध ग्रह की दूरी है। चंद्र ग्रह की दूरी सबसे कम है। राहु व केतु छाया ग्रह हैं अतः उन्हें इस गणना में नही लिया जाता है। निम्नलिखित चित्र से हम सभी ग्रहों की पृथ्वी से दूरी देख सकते हैं।

शनिवार को प्रथम होरा (मध्य रात्रि से) शनि की, दूसरी होरा गुरु की, तीसरी होरा मंगल की, चौथी होरा सूर्य की, पांचवी होरा शुक्र की, छठी होरा बुध की और सातवीं होरा चंद्र की होती है। सात होरा पूर्ण हो जाने पर 8 से 14 व 15 से 21 तक, फिर एक से सात वाली होरा चलती है। 22वीं होरा फिर शनि की होगी, 23वीं गुरु की, 24वीं होरा मंगल की एवं 25 वीं होरा सूर्य की आने पर अगले दिन की पहली होरा जो कि सूर्य की है शुरू हो जायेगी। इसी क्रम और आधार पर निम्नलिखित होरा सारणी बनाई गई हैं। होरा सारणी से प्रतिदिन किस समय कौन सी होरा होगी।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


इसकी जानकारी ली जा सकती है। किस होरा में कौन सा कार्य करें?

अंक 1/4 सोम (रवि) की होरा : राज्याभिषेक, प्रशासनिक कार्य, नवीन पद ग्रहण, राज-दर्शन, राज्यसेवा, औषधि का निर्माण, स्वर्ण-ताम्रादि कार्य, यज्ञ, मन्त्रोपदेश, गाय-बैल एवं वाहन का क्रय आदि कार्य करें।

अंक 2/7 चन्द्र (सोम) की होरा : कृषि सम्बन्धी कार्य, नवीन वस्त्र अथवा मोती रत्न, आभूषण धारण, नवीन योजना, परिकल्पना, कला सीखना, बाग-बगीचा लगाना, वृक्षारोपण एवं चांदी की वस्तुओं का निर्माण कार्य करें।

अंक 9 मंगल की होरा : वाद-विवाद, मुकद्दमा, जासूसी कार्य, छल करना, असद् कार्य, ऋण देना, युद्ध-नीति, साहस कृत्य, खनन कार्य, स्वर्ण-ताम्रादि कार्य, शल्य-क्रिया (आपरेशन) एवं व्यायाम कार्य करें।

अंक 5 बुध की होरा : साहित्यारम्भ, पठन-पाठन, शिक्षा-दीक्षा, लेखन, प्रकाशन, अध्ययन, शिल्पकला, मैत्री, क्रीड़ा, धान्य-संग्रह, चातुर्य, बही-खाता, हिसाब-किताब, लोक-सम्पर्क एवं पत्र व्यवहार कार्य करें।

अंक 3 गुरु की होरा : धार्मिक कार्य, विवाह, ग्रह-शान्ति, यज्ञ-हवन, दान-पुण्य, मांगलिक कार्य, देवार्चन, देव-प्रतिष्ठा, न्यायिक कार्य, नवीन वस्त्राभूषण धारण, विद्याभ्यास, वाहन क्रय-विक्रय एवं तीर्थाटन कार्य करें।

अंक 6 शुक्र की होरा : नृत्य-संगीत, स्त्री-प्रसंग, प्रेम-व्यवहार, प्रियजन-समागम, उत्सव, वस्त्र अलंकार धारण, लक्ष्मी-पूजन, प्रवास, व्यापारिक कार्य, कृषि-कार्य, ऐश्वर्यवर्द्धक काय एवं फिल्म-निर्माण कार्य करें।

अंक 8 शनि की होरा : गृह-प्रवेश, नौकर-चाकर रखना, सेवा विषयक कार्य, मशीनरी कल-पुर्जों के कार्य, असत्य भाषण, छल कपट, अर्क-निष्कासन, विसर्जन, धन-संग्रह एवं पद-ग्रहण कार्य करें। बिना सारिणी के किसी वार को अभीष्ट होरा निकालने का नियम किसी भी वार की प्रथम होरा उसी वार से प्रारम्भ होती है। उस वार से विपरीत क्रम से वारों को एक-एक के अन्तर से गिनें। जैसे, बुधवार को प्रथम होरा बुध की, तत्पश्चात् विपरीत क्रम से मंगल को छोड़कर सोम (चन्द्र) की होरा होगी एवं रवि को छोड़कर शनि की होरा होगी। इसी क्रम से आगे शेष 21 होरा उस दिन आयेंगी। किसी कार्य की सिद्धि के लिए ऊपर जो होरा श्रेष्ठ लिखी हैं,

किसी भी दिन उस होरा के 1घण्टे-मुहूर्त्त में वह कार्य करेंगे तो सफलता आपके हाथ रहेगी। उदाहरण के लिए मान लीजिए, आज गुरुवार है और आज ही आपको कहीं प्रवास करना है। ऊपर प्रवास के लिए शुक्र की होरा श्रेष्ठ लिखी गई हैं, अतः पता लगाना है कि आज गुरुवार के दिन शुक्र की होरा किस-किस समय रहेगी। सारणी में गुरुवार के सामने खाने में देखा तो चौथे, ग्यारहवें एवं अट्ठारहवें घण्टे में शुक्र की होरा मिली। अतएव प्रवास के लिए उपर्युक्त होरा शुभ है।

ज्वलंत उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल की नयी मुखयमंत्री ममता बनर्जी ने 20 मई 2011, शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर शपथ ग्रहण की। अंक होरा सारणी के अनुसार 20 मई 2011 को शुक्रवार की सारणी में दोपहर 13 बजे, 14वीं होरा सूर्य की थी। जो कि राज्याभिषेक व नया पद ग्रहण करने के लिये अति उत्तम मुहूर्त माना जा सकता है।

मुहूर्त निकालने में सर्वप्रथम हम उस कार्य के लिए सफल समय की गणना करते हैं। इस के बाद व्यक्ति विशेष के लिये उस समय की शुभता का अवलोकन करते हैं। मुहूर्त के बारे में एक और मान्यता है कि कार्यों को करने में जब मन में उत्साह हो तो वह कार्य सिद्ध होता है।


क्या आपकी कुंडली में हैं प्रेम के योग ? यदि आप जानना चाहते हैं देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से, तो तुरंत लिंक पर क्लिक करें।




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.