- यदि आपको अधिक कष्ट हो तो आप दूध, शहद, दही, शक्कर, सरसों का तेल हरेक को सवा लीटर की मात्रा में लें, तथा एक नील की बोतल, सफेद सुरमा, काला नमक, काली मिर्च, 11 लौंग, सवा मीटर काला कपड़ा, सवा किलो काले तिल, सवा किलो उड़द के साथ कुछ चावल इस शनि जयंती पर या किसी शनिवार को शनि देव का स्मरण कर पीपल पर धूप व सरसों के तेल के दीपक के साथ अर्पित करें। दूध आदि गीली सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित कर दें व बाकी सामग्री डकौत को दान कर दें। यह उपाय आप लगातार आठ शनिवार करें और स्वयं चमत्कार देखें।
- शनि कृत कष्ट से मुक्ति पाने हेतु इस शनि जयंती पर या शनिवार को अंधकार होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें और वहीं बैठकर शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से तुंरत लाभ होता है।
- इस शनि जयंती पर या शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें, तिलक, बिंदी कर उसके सींग पर कलावा बांधकर बूंदी के आठ लड्डू खिलायें और चरण छूएं। - शनि जयंती से या शनिवार से शुरू कर काले कुत्ते को नियमित रूप से मीठी रोटी खिलायें और ऐसा तब तक करते रहें जब तक कि आपका मनोरथ सिद्ध न हो जाए।
- इस शनि जयंती पर या शनिवार की रात्रि मंे अपने पलंग के चारों पायों के नीचे एक कील रखें। सवा मीटर रेशमी काले कपड़े में आठ सौ ग्राम उड़द के साथ आठ लोहे के गोल सिक्के जैसे स्टील के पत्तर साथ, सवा सौ ग्राम लौंग और काजल में चंदन का इत्र मिलाकर सोते समय सिरहाने के नीचे रखें। अगले दिन सुबह नहाने के बाद कीलों को निकाल कर काले कपड़े के कोनों में बांध कर बाकी सामग्री भी कपड़े में रखकर पोटली जैसा रूप दे दें। अपने सिर से सात बार उसार कर किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- शनि कृपा हेतु इस शनि जयंती से या शनिवार से भोजन में काली मिर्च व काले नमक का अवश्य प्रयोग शुरू कर दें।
- इस शनि जयंती को या शनिवार को काले घोड़े के पैर की मिट्टी काले कपड़े में बांधकर ताबीज के रूप में गले में धारण करें, शनि का विशेष अनुकूल फल प्राप्त होगा।
- इस शनि जयंती पर या शनिवार के दिन आप एक ही माप की आठ बोतलें लें (आप किसी भी माप की बोतल ले सकते हैं) और हर बोतल में एक ही माप का सरसों का तेल भरें। हर एक में आठ-आठ साबुत उड़द के दाने व एक-एक कील डालंे, फिर आठों बोतलों को अपने ऊपर से आठ बार उसार कर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस तरह यह क्रिया लगातार आठ शनिवार करें। मन की मुराद शनि देव अवश्य पूर्ण करेंगे।
- यह उपाय शनि जयंती से एक दिन पहले शुक्रवार से शुरू करें, शुक्रवार को लोहे के बर्तन में आठ किलो काले चने भिगो दें फिर अगले दिन शनिवार को काले कपड़े में सारे चने रखें और साथ में आठ सौ ग्राम काली उड़द और इतने ही काले तिल व जौ रखें और एक लोहे की पत्ती रखें। अब इसकी पोटली बनाकर ऐसे स्थान पर डालंे जहां मछलियां हों, यह क्रिया आप लगातार आठ महीने तक करें आपके सभी कार्य सिद्ध हो जायेंगे।
- इस शनि जयंती पर आप एक काले घोड़े की नाल लेकर आएं और किसी बर्तन में सरसों का तेल डालकर उसमें वह नाल डाल दें, काले तिल व सवा रूपया भी साथ में रख दें। अब अगले शनिवार तक ऐसे ही रहने दें फिर अगले शनिवार को नाल को बर्तन से निकाल कर जल, शुद्ध घी, शहद व शक्कर, दही, दूध से शुद्ध करके घर के मुख्य द्वार पर अंदर की ओर यू के रूप में कीलांे के द्वारा लगा दें फिर रोली से तिलक बिंदी कर धूप दीप से आरती उतारंे तथा तेल व अन्य सामग्री पीपल पर अर्पित कर दें। लगातार 27 दिन तक लगी नाल को धूप दीप दिखाते रहें। आपके सभी बिगडे़ काम बन जायेंगे। काम धंधे में खूब बरकत होगी।
- इस शनि जयंती से या शनिवार से शुरू करके लगातार आठ शनिवार को किसी पंडित को उड़द की दाल की खिचड़ी खिलायें। दान में काले वस्त्र में उड़द की दाल बांध कर आठ सिक्के दक्षिणा में दें।
- शनि जयंती पर या शनिवार के दिन अपने से 19 गुना अधिक लंबा काला धागा लेकर उसे एक माला का रूप दें जो गले में पहनी जा सके। फिर शनि देव का स्मरण कर उस माला को गले में धारण कर लें।
- शमी वृक्ष की जड़ को शनि जयंती पर काले कपड़े में बांध कर अपनी दायीं भुजा पर बांध लें, तुरंत लाभ होगा।
- शनि कृपा हेतु इस शनि जयंती पर या शनिवार से मांसाहार, मदिरापान के त्यागने का प्रण लंे।
- इस शनि जयंती पर या शनिवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर चांदी का पत्तर दबायें।
- इस शनि जयंती पर या शनिवार के दिन काले घोड़े की पूंछ के आठ बाल लेकर उन्हें किसी लकड़ी की डिब्बी में रखकर 43 दिन तक अपने सोने वाले कमरे में रखें फिर 43वें दिन बालों को जलाकर उसकी राख को सरसों के तेल में मिलाकर बहते जल में बहा दें, सभी संकट दूर होंगे।
- शुक्रवार को 800 ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें। अगले दिन शनिवार को, शनि जयंती को उन्हें गुड़ में कूट कर लड्डू बनायें और काले घोड़े को खिला दें। यह उपाय लगातार आठ शनिवार करें। शनि पीड़ा से निजात मिलेगी।