जन्म दिनांक के अंकों के आधार पर मूलांक बता देना बहुत आसान है। इसी प्रकार व्यक्ति के प्रचलित या प्रसिद्ध नाम के अक्षरों के आधार पर नामांक निकालना भी सरल है। किंतु यह कहना कठिन है कि व्यक्ति का जीवन किस अंक से प्रभावित होगा। इसका निश्चय तो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व की विशेषताओं और उसके निजी स्वभाव को देख-परख कर ही किया जा सकता है। जजन्म दिनांक द्वारा प्राप्त अंक (मूलांक) व्यक्ति के प्रारंभिक स्वभाव को प्रदर्शित करता है, किंतु नामाक्षरों द्वारा प्राप्त नामांक व्यक्ति का स्वनिर्मित व निश्चित स्वभाव (गुण) होता है जिसका उपयोग प्रत्येक व्यक्ति अपने सामाजिक जीवन में करता है। तीसरी बात यह है कि यह आवश्यक नहीं है कि व्यक्ति का मूलांक व नामांक उसके भाग्यांक के अनुकूल हों। जिन व्यक्तियों के ये तीनों अंक एक समान या परस्पर मित्र होते हैं उन व्यक्तियों का जीवन सहज, सफल होता है।
नाम के अक्षरों को परिवर्तित करके नामांक को भाग्यांक के अनुकूल बनाया जा सकता है, किंतु मूलांक/जन्मांक को परिवर्तित करना असंभव है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में दो अंकों का अधिक प्रभाव रहता है। अन्ना हजारे का नामांक 3 है या 6? जाने-माने गांधीवादी, समाज सेवी श्री अन्ना हजारे का जन्म 15 फरवरी 1940 को हुआ था। जन्म दिनांक 15 के अंकों का योग 1$5 = 6 होता है। इसलिये स्पष्ट रूप से उनका मूलांक 6 है। कीरो नंबर के आधार पर अन्ना हजारे का नामांक भी 6 आता है। उनके नामाक्षरों के अंक निम्न प्रकार हैं। उपरोक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि अन्ना हजारे के पूरे नाम के सभी अक्षरों का अंक योग 6 है। इस आधार पर उनका नामांक 6 निश्चित होता है। मूलांक 6 की विशेषताएं: 6 अंक वाले व्यक्ति अपने शारीरिक सौंदर्य के प्रति सचेत रहते हैं। ये अपने रूप-सौंदर्य से सभी को आकर्षित कर लेते हैं। इस मूलांक या नामांक के व्यक्तियों का झुकाव स्त्रियों की ओर रहता है।
इनकी रूचि कला, साहित्य, नृत्य, संगीत आदि में होती है। इनके जीवन में पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्री का भी प्रवेश रहता है। इस अंक के स्त्री पुरुष, प्रेमी प्रेमिका के बिना नहीं रह सकते हैं। ये भोगविलास की वस्तुओं पर अधिक धन व्यय करते हैं। अन्ना 3 अंक से प्रभावित हैं: अंक 6 के व्यक्तिगत गुण या विशेषताएं अन्ना जी में दिखाई नहीं देती। वे भारतीय थल सैनिक रहे हैं। सन् 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर देश की सेवा करने का जो संकल्प लिया था उसे वे आज तक वखूबी निभा रहे हैं। वे कोई चाॅकलेटी हीरो नहीं हैं। वास्तव में वे आधुनिक भीष्मपितामह हैं और गांधीवाद की जीती जागती प्रयोगशाला हैं। श्वेत धवल वस्त्र से ढका उनका शरीर जन सेवा के लिये समर्पित है, स्त्री भोग के लिये नहीं है। अन्ना जी के चरित्र की अनेक विशेषताएं अंक 3 के व्यक्तित्व से मिलती है। 3 अंक का प्रतिनिधि ग्रह गुरु है और 6 का शुक्र है। वे गुरु प्रधान व्यक्ति हैं, शुक्र प्रधान नहीं।
3 अंक का व्यक्ति अत्यंत साहसी, कर्मठ और महत्वाकांक्षी होता है, इनमें प्रतिभा और बुद्धि भी खूब होती है। वे अपने विचार सुंदर और व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करते हैं जिससे सामने वाला उनके पक्ष में खड़ा हो जाता है। आर्थिक दृष्टि से इन व्यक्तियों के जीवन में बाधाएं रहती है किंतु ये निराश नहीं होते। अपनी प्रतिभा और परिश्रम के बल पर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। इन्हें जीवन में पूर्णतः यश और कीर्ति प्राप्त होती है। इनसे मीठा बोलकर या इनकी चापलूसी करके इनसे कोई भी अपना काम निकलवा सकता है, किंतु ये उनकी चालाकी और उद्देश्य को मन ही मन समझ जाते हैं। अंक 3 की उपरोक्त सभी विशेषताएं अन्ना जी से मिलती है। अन्ना हजारे को अधिकांश लोग सिर्फ ‘अन्ना’ के नाम से पुकारते हैं। कीरो और सेफेरियल अंक पद्धति से ।छछ। का नामांक 3 ही आता है। इसलिये अन्ना के जीवन में 3 अंक का अधिक प्रभाव है। अन्ना हजारे का भाग्यांक भी 3 है: प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक सुख देने वाला नंबर होता है, जिसे भाग्यांक कहते हैं।
जीवन के उत्थान व सफलता का संबंध व्यक्ति के भाग्यांक से होता है। इसलिये व्यक्ति को अपना भाग्यांक पहचान कर भाग्यांक के वर्ष या उसके अनुकूल मित्रादि वर्षांक में शुभ व महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए। इससे सफलता सुनिश्चित हो जाती है। भाग्यांक ज्ञात करने के लिये व्यक्ति का जन्म दिनांक, जन्म के महिने का अंक और जन्म के ईस्वी वर्ष के अंको का योग करना चाहिए। इससे प्राप्त अंक संयुक्तांक या भाग्यांक कहलाता है। अन्ना हजारे का जन्म 15 जनवरी 1940 को हुआ था। अतः उनकी जन्म तिथि 15-1-1940 के सभी अंक अर्थात्- 1 $ 5 $ 1 $ 1 $ 9 $ 4 $0 = का कुल योग हुआ 21, अतः उनका भाग्यांक है = (21) = 2$1 = 3 इस प्रकार अन्ना हजारे का भाग्यांक 3 है। शुभ वर्ष कैसे जाने: शुभ वर्ष जानने के लिये दो विधियां हैं। ईस्वी वर्ष और जातक की आयु। ईस्वी सन्/वर्ष के अंकों का योग जातक के भाग्यांक के समान हो तो वह आयु/वर्ष जातक के लिये शुभ रहेगा। भाग्यांक 3 के जातक के लिये उसकी आयु का 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75 वां वर्ष शुभ होता है।
अन्ना के शुभ ईस्वी वर्ष: अन्ना हजारे की सेना में भर्ती- 1962 1$9$6$2 = 18 ( 1$8) = 9 सैनिक के रूप में पाकिस्तान से युद्ध में विजय - 1965 1$9$6$5 = 21 ( 2$1) = 3 पाकिस्तान के विरूद्ध दूसरे युद्ध में विजय - 1986 1$9$8$6 = 24 ( 2$4) = 6 कृषि भूषण अवार्ड 1989 1$9$8$9 = 27 ( 2$7) = 9 पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित 1992 1$9$9$2 = 21 (2$1) 3 उपरोक्त वर्षों के अंकों के आधार कहा जा सकता है कि गांधीवादी समाजसेवक श्री अन्ना हजारे को दीर्घकालिक व उत्कृष्ट या भारत रत्न सम्मान दिया जा सकता है क्योंकि वर्ष 2013 के अंकों का योग 6 है। अंक 6 और 9 अन्ना के भाग्यांक 3 के मित्र अंक हैं। भाग्यांक के मित्र अंक का वर्ष भी भाग्यांक के समान शुभ फल देता है। निश्चित कालांतर में घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है: मानव जीवन की सभी महत्वपूर्ण घटनाएं एक विशेष क्रम में निश्चित गति से घूमती है। अंकों की गति के इस क्रम को पकड़ा जा सकता है।
अंक ज्योतिष में किसी महत्वपूर्ण घटना के वर्ष के अंकों को जोड़ लेते हैं। इस संयुक्त योगांक को कालांतर या अवधि कहा जाता है। इस अवधि को महत्वपूर्ण घटना वर्ष में जोड़ देने से आगामी ईस्वी वर्ष प्राप्त होता है। यह आगामी वर्ष पिछली घटना की पुनरावृत्ति या उससे संबंधित बातों का घटना प्रदर्शित करता है। उदाहरण के तौर पर हम देख सकते हैं कि अन्ना हजारे ने सन् 1991 में भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन के वर्ष के अंकों का योग 1$9$9$1 = 20 होता है। इस 20 वर्ष की अवधि को हमने 1991 में जोड़ा 1991 $ 20 = 2011 तो हमे, वर्ष 2011 प्राप्त हुआ। अतः 20 वर्ष के कालांतर में अन्ना हजारे ने पुनः भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन प्रारंभ किया जिसके फलस्वरूप जन लोकपाल समिति का गठन हुआ। इस समिति ने लोकपाल विधयेक का प्रारूप (मसौदा) तैयार किया है। सन् 2011 में लोकपाल की अनिश्चितता: 2011 ईस्वी वर्ष का अंक योग 4 है जो अन्ना के भाग्यांक 3 का सम अंक है।
किंतु उनके अनुकूल नहीं है क्योंकि 4 अंक राहु का प्रतिनिधि है जो इस वर्ष बाधाओं की सूचना दे रहा है। जनलोकपाल विधेयक को पास कराने में नई-नई बाधाएं पैदा होंगी। वर्षांक 4 अनिश्चितताओं का सूचक है। अतः इस वर्ष अन्ना हजारे के उद्देश्य व कार्य की सिद्धि संदिग्ध दिखाई दे रही है। इससे उन्हें चिंता व तनाव उत्पन्न होगा। बहुत से अंकों का मंथन करने के बाद एक निष्कर्ष यह भी निकलता है कि सरकार के प्रतिनिधि कूटनीतिक चालाकी का उपयोग करके एक लचीला (लूज) लोकपाल विधेयक बनवा दें तथा संसद उसे इस वर्ष ही पास कर दे। इसका नतीजा यह होगा कि लोकपाल भी बैठा रहेगा और भ्रष्टाचार भी चलता रहेगा। बड़ी मछलियां लोकपाल के जाल में नहीं फंसेगी। यदि फंस भी गई तो उन्हें कठोर दंड नहीं मिलेगा। बाबा रामदेव को लोकपाल ड्राॅफ्टिंग कमेटी से बाहर रखना सरकार की कूटनीतिक चालाकी है।
लोकपाल विधेयक की मंजूरी 2012 में संभव: सूचना का अधिकार कानून बनाकर 2005 से प्रभावी (लागू) किया गया था। सन् 2005 में कालान्तर-अवधि 7 जोड़ देने से सन् 2012 प्राप्त होता है। इसका संकेत यह है कि 2012 में जन लोकपाल बिल कानून का रूप लेकर लागू हो जाएगा। वर्ष अंक 5 भी अन्ना के भाग्यांक का मित्र व मतांतर से सम है। संसद की मंजूरी के बाद सितंबर या दिसंबर 2012 में केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति संभव दिखाई दे रही है। इसके बाद ही पूरे तंत्र का गठन होगा। सन् 2013 में भ्रष्टाचार पर अंकुश: मार्च-अप्रैल 2013 तक भारत मंे लोकपाल का गठन हो जाएगा तथा यह न्यायपालिका की भांति भारतीय लोकतंत्र की स्वतंत्र इकाई के रूप में कार्य करना प्रारंभ कर देगा जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। सन् 2013 भ्रष्टाचार नियंत्रण का वर्ष कहलायेगा।