विगत समय में परंपरागत पुरोहितों एवं पंडितों द्वारा हाथ से कुंडली का निर्माण किया जाता था। हाथ से बनने वाली कुंडली की गणना करने में बहुत लंबा समय लगता था, और उसमें गणना संबंधित गलतियां होने की संभावना भी रहती थी। परंतु उस समय हस्त निर्मित कुंडली को विष्वास की नजरों से देखा जाता था क्योंकि आमजन अपनी और अपनी संतान की > कुंडली बनवाने के लिए पुरोहित के पास ही जाते थे। चूंकि पुरोहित को श्रद्धा की नजरों से देखा जाता था इसलिए उनकी बताई गई हर बात पर विश्वास कर लेना स्वाभाविक था।
कल का ज्योतिष
1981 में कंप्यूटर साइंस में पी.एचडी करते हुए जब मैंने प्रथम ज्योतिषीय साॅफ्टवेयर का निर्माण किया तो उस समय यह पंडितों को यह अविष्वसनीय तो लगा ही साथ ही इसकी शुद्धता पर विष्वास करने में भी आमजन को वर्षों का समय लग गया। आज स्थिति इसके विपरीत है, आज हस्तनिर्मित कुंडली की गणना पर संदेह किया जाता है परंतु कंप्यूटर निर्मित कुंडली की गणना पर नहीं । हस्तनिर्मित कुंडली का चलन वर्तमान समय में इसलिए भी कम हो गया है क्योंकि एक तो यह समय अधिक लेती है दूसरे शुद्ध गणना करने वाले विद्वानों की भी कमी है।
कई बार ज्योतिषी स्वयं फलादेष करते समय सटीक फलादेष करने में असमर्थ होता है, जिसका कारण ज्योतिष के ज्ञान में कमी, एकाग्रता में कमी और इष्ट की कृपा में कमी होती है। संभव है कि फलादेष करते समय ज्योतिषी को कम समय में अधिक बातें उस समय याद न रही हों। हस्तलिखित कुंडली की खास बात यह होती है कि निर्माणकर्ता जातक को ध्यान में रखकर सटीक फलादेष कर सकता है। कंप्यूटर निर्मित फलादेष विस्तृत तो अवष्य होता है, परंतु फिर भी मषीन निर्मित होने के कारण इसके फलादेष में व्यक्ति विषेष और विवेक की कमी सामने आती है।
आज का ज्योतिष
आज ज्योतिष का रूप काफी बृहद हो गया है। टीवी चैनल, न्यूज पेपर अथवा मैगजीन हर जगह ज्योतिष विद्यमान रहता है। हजारों वेबसाईट पर ज्योतिष की शिक्षा, परामर्श, ज्योतिषीय सामग्री, रत्न आदि आसानी से उपलब्ध हैं। सभी तरह के मंत्र भी इन्टरनेट पर ढूंढ कर सुन सकते हैं। हजारों मुफ्त ऐप्स भी मोबाइल फोन पर उपलब्ध हैं जो प्रतिदिन के पंचांग से लेकर प्रतिदिन का फलादेश देने में सक्षम है।
इसके विपरीत कंप्यूटराईज फलादेष में जातक के जीवन से संबंध नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करना चाहता है तो यूटयूब पर हर विषय पर विस्तृत विडियो भी उपलब्ध है। एमाजोन व गूगल के नये उपकरण एलेक्सा व गूगल होम पर आप अपना सटीक भविष्यफल व रोज के मंत्रजाप आदि बहुत कुछ सुन सकते हैं।
अब ज्योतिष में सभी वर्ग के पढ़े लिखे लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है जो जानना चाहते हैं कि कैसे ज्योतिष से हम अपना जीवन और सुखी बना सकते हैं और बाधाओं से मुक्त हो सकते हैं। परन्तु आज भी एक कमी सदा रहती है कि सटीक गणित होने के बाद भी भविष्यकथन में पूर्ण सटीकता नहीं आती। इसका क्या कारण है। क्या ज्योतिष में ही यह कमी है या हमारे भविष्यकथन के ज्ञान में।
ज्योतिष में किए गए अनेकों शोध पत्रों से यह ज्ञात होता है कि जो सिद्धान्त हमारे प्राचीन ज्योतिष ग्रन्थों में लिखे गये हैं उन्हें हम आज की जीवनशैली में पूर्ण रूप से नहीं लगा सकते। इन सभी योगों को आज के सामाजिक परिवेश में परिवर्तित करने की आवश्यकता है।
साथ ही हम किसी एक या कुछ ग्रहों या भावों को आधार मान कर सटीक भविष्यकथन नहीं कर सकते। इसके लिए हमें सभी ग्रहों व सभी भावों का उपयोग करना होगा और विभिन्न प्रकार के काॅम्बिनेशन भी सम्मिलित करने होंगे। यह काम अत्यन्त ही विस्तृत व क्लिष्ट है। इसके लिए हमें अपने ज्ञान के साथ मशीनी दिमाग का भी सहारा लेना होगा। इसके उपरान्त ही हम इसमें सटीकता ला पाएंगे।
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आने वाले कल का ज्योतिष
भविष्य में सटीक भविष्यकथन ही प्रमुख उपलब्धि होगी। इस ज्योतिष में मशीन हमारी भाषा समझेगी और हमारी भाषा में ही जवाब दे सकेगी। इसी को पूर्ण प्राथमिकता दी जाएगी। मशीन ज्योतिष के द्वारा मौसम के लंबे समय का पूर्वानुमान, शेयर बाजार व कमोडिटी मार्केट का पूर्वानुमान, कल के ज्योतिष के मुख्य आकर्षण होंगे।
शेयर मार्केट के बारे में अक्सर कहा जाता है कि इस पर ज्योतिष के फलादेश पर पूर्ण विश्वास नहीं किया जा सकता। पर भविष्य में ऐसा नहीं होगा। आने वाला ज्योतिष पूर्ण रूप से शेयर मार्केट व मौसम के लिए भी लम्बे समय के लिए फलकथन करने में सक्षम होगा। ऐसा भविष्यकथन अन्य किसी भी विज्ञान द्वारा नहीं किया जा सकता। कल का ज्योतिष निश्चित रूप से मानव कल्याण के हित के लिए सटीक कार्य करने में समर्थ होगा।
भविष्य में कम्प्यूटर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( ए. आई) का बोलबाला रहेगा। जिस प्रकार से कल के युग में कम्प्यूटर ज्योतिष ने एक नया अध्याय जोड़ा, फिर इन्टरनेट व मोबाइल ने नया रूप दिया अब कल के युग में ए.आई का एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
इस ए.आई पद्धति में कम्प्यूटर में हजारों व लाखों उदाहरण के द्वारा डाटा फीड किया जाता है और सभी छोटे-छोटे बिन्दुओं को जोड़ कर कम्प्यूटर अपनी इन्टेलिजेन्स से नया सूत्र तैयार कर लेता है और आगे भविष्यकथन करने के लिए तैयार हो जाता है। अर्थात इस में हम लाखों कुंडलियां कम्प्यूटर में फीड कर देते हैं और उन लाखों जातकों की जीवन की छोटी-बड़ी सभी घटनाओं को भी कम्प्यूटर में फीड कर देते हैं।
कम्प्यूटर की ए.आई स्वतः ही जन्मकालीन ग्रहों, गोचर के ग्रहों व जीवन में घटी घटनाओं का आपस में संबंध स्थापित कर लेती है, जिन्हें योग कहा जाता है। इस प्रकार के हजारों योगों को लागू कर के ए.आई सटीक भविष्यकथन करने में सक्षम होती है।
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भविष्य में ज्योतिष की सटीकता को देखते हुए सरकार भी इस विषय में दिलचस्पी लेगी तथा इसे विश्वविद्यालयों में एक विषय का दर्जा प्राप्त होगा जिसके फलस्वरूप इसमें शोधकार्य और तेजी से तथा वैज्ञानिक रूप में हो पाएंगे जिससे फलादेश में और सटीकता आएगी।
ज्योतिष में भविष्यकथन इतना आसान नहीं है कि मनुष्य सूक्ष्म से सूक्ष्म गणित के द्वारा शतप्रतिशत सही भविष्यकथन कर सके। इसके लिए भी मशीन की आवश्यकता है। परन्तु मशीन में मनुष्य की तरह दिल नहीं धड़कता इसलिए वह यह नहीं समझती कि किस को किस प्रकार से कैसे कहना है। कई बार कुछ घटनाओं के बारे में जानते हुए भी कुछ बातों को जातक से छिपाने की आवश्यकता होती है।
जिससे कि जो जातक ज्योतिषी के पास आए वह उससे नई स्फूर्ति व जीने की आशा लेकर जाए। शायद दीर्घ भविष्य में मशीन ऐसा करने में भी सक्षम हो जाए। लेकिन ऐसा नहीं है कि मनुष्य मशीन का दास हो जाएगा या ज्योतिषी बिना काम के हो जाएंगे।
जब कम्प्यूटर का प्रारम्भ हुआ था तब भी अनेकों संस्थानों में कम्प्यूटरीकरण के खिलाफ बहुत से प्रदर्शन हुए थे लेकिन आज हर व्यक्ति कम्प्यूटर को अपना सहयोगी ही मानता है न कि अपना प्रतिद्वन्द्वी। इसी प्रकार से भविष्य में यदि कम्प्यूटर सटीक भविष्यवाणी करने में सफल हुए तो जहां एक तरफ यह ज्योतिष की सटीकता का प्रमाण होगा वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषियों के लिए सुखद वरदान साबित होगा।
भविष्य में हम ऐसे ज्योतिषीय प्रोग्राम की परिकल्पना कर सकते हैं जिसमें जातक जब कम्प्यूटर के पास आएगा तो कम्प्यूटर उसकी शक्ल कैमरे में देख कर पहचान जाएगा और अपने डेटा बैंक से ढंूढ़ कर उसका जन्म विवरण प्राप्त कर लेगा।
उसकी जन्मकुण्डली व प्रश्न कुण्डली बना कर यह बताने में सक्षम होगा कि जातक क्या जानना चाहता है और उसे क्या समस्या है। वह उसका उत्तर भृगु संहिता व नाड़ी शास्त्र के अनुरुप बता कर उन्हें आश्चर्यचकित कर सकता है। साथ ही वह सही उपाय बताकर समस्या का सही समाधान भी दे पाएगा।
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