व्यापार, नौकरी एवं शिक्षा में उन्नति पाएं हस्त रेखाओं द्वारा भारती आनंद हर आदमी संघर्ष और कर्म करके कोई न कोई मकु ाम हासिल करना चाहता ह।ै र्काइे इंजीनियर बन कर व्यवसाय में अधिक से अधिक तरक्की की बात सोचता है तो कोई व्यापार में अपना नाम करना चाहता है।
महत्वाकांक्षा की पूर्ति होने पर वह स्वयं तो सफल होता ही है, देश और दुनिया की उन्नति में भी सहायक होता है। ऊंचे-ऊंचे पदों पर अपनी कामयाबी का परचम फहराने का सपना हर युवा अपनी आंखों में संजोए रहता है। स्वप्न और कर्म में जीता हुआ ऐसा युवा निःसंदेह अपने अंदर छिपी प्रतिभा को व्यक्त करने हेतु काफी मेहनत करता है और सफलता प्राप्त करता है।
हर युवा को सिर्फ मेहनत से ही मनचाही सफलता नहीं मिलती है। कुछ युवा ही अपनी किस्मत और कर्म से अपने आपको सिद्ध करते हैं। इस लेख में हम उन असफल लोगों को यह बताना चाहते हैं कि व्यापार, नौकरी व शिक्षा में उन्नति के लिए मेहनत के साथ-साथ किस्मत का होना भी आवश्यक है।
अगर किसी असफल व्यक्ति की हाथ की रेखाओं का (भाग्य का) सही विश्लेषण कर लिया जाए तो बहुत हद तक उसे वह सही दिशा बताई जा सकती है जिसमें उसके लिए सफलता सुनिश्चित होती है। सफलता का रहस्य हाथ की रेखाओं में छिपा होता है।
वहीं इन रेखाओं में कुछ कुछ ऐसे लक्षण पाए जाते हैं जो ये बता सकते हैं कि जातक को कब, कहां और किस क्षेत्र में सफलता मिलेगी। इनका विश्लेषण कर किसी व्यक्ति के व्यवसाय, नौकरी व शिक्षा में होने वाली उन्नति का सटीक फलकथन किया जा सकता है। ये लक्षण भविष्य में होने वाली उन्नति या सफलता के लिए एक सही सूचक का कार्य करते हैं।
मस्तिष्क रेखा का झुक कर चंद्र पर्वत की तरफ आना, जीवन रेखा का गोल होना और अंगुलियां छोटी व पतली होना ये बौद्धिक विकास के लक्षण हैं। इन लक्षणों से युक्त जातक व्यवसाय, नौकरी व शिक्षा में उन्नति करता है। मस्तिष्क रेखा की शुरुआत जीवन रेखा से न होकर गुरु पर्वत से हो और अन्य लक्षण उत्तम हों तो व्यक्ति किसी न किसी तरह उन्नति कर ही लेता है।
उम्र के साथ-साथ उसका बौद्धिक विकास उत्तम होता जाता है। मस्तिष्क रेखा दोहरी और निर्दोष हो तथा जीवन रेखा गोल हो तो व्यक्ति व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा में उन्नति करता है। हाथ कोमल हो, सूर्य ग्रह उन्नत हो, जीवन रेखा के साथ पूरी मंगल रेखा हो, भाग्य रेखा की संख्या एक से अधिक हो तो व्यक्ति धनवान होता है।
अंगूठे का पीछे की तरफ होना, गुरु शनि, बुध तथा अन्य ग्रहों का प्रबल होना और हाथ का मुलायम होना आदि लक्षण जातक की उन्नति के द्योतक हैं। भाग्य रेखा का जीवन रेखा से दूर होना बहुत ही उत्तम लक्षण माना जाता है। इस लक्षण से युक्त लोग सदैव बड़े-बड़े कार्य करने वाले होते हैं। इनका रहन सहन बड़े व्यक्तियों जैसा होता है और खर्चे भी इसी के अनुरूप होते हंै।
भारी हाथ में रेखाएं पतली, सुडौल व दोष रहित हों तो व्यक्ति सुखी, धनवान, स्वस्थ तथा गुणसंपन्न होता है। शनि ग्रह पर कट फट हो तो इसका अर्थ है कि शनि की स्थिति अच्छी नहीं है। भाग्य रेखा मोटी हो तो व्यक्ति पर लक्ष्मी की कृपा बहुत देर से होती है अर्थात् उसे सफलता देर से मिलती है।
भाग्य रेखा का मस्तिष्क रेखा पर रुक जाना, शनि व बुध का दबा होना, मंगल ग्रह पर राहु रेखाओं का अधिक संख्या में होना ये सारे लक्षण व्यक्ति के धनवान होने के लक्षण हैं। उसकी हर क्षेत्र में उन्नति होती है। जीवन रेखा सीधी हो, शुक्र ग्रह उठा हो, शुक्र पर तिल हो, हृदय रेखा जंजीराकार हो, मस्तिष्क रेखा पर द्वीप हो, शनि व सूर्य ग्रह दबे हों तो व्यक्ति की धन की स्थिति ठीक रहती है।
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